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Azamgarh News: अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, पांच शातिर बदमाश गिरफ्तार, करोड़ों की संपत्ति बरामद
Azamgarh News: पुलिस ने इनके कब्जे से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिसमें 33 मोबाइल फोन (अधिकांश नए), 14 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, एक हुंडई वरना कार, तीन बैंक चेक और ₹3,750 नकद शामिल हैं।
अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ (photo: social media )
Azamgarh News: आजमगढ़ जनपद के कोतवाली थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने आज बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठगी के पांच शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिसमें 33 मोबाइल फोन (अधिकांश नए), 14 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, एक हुंडई वरना कार, तीन बैंक चेक और ₹3,750 नकद शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक को मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग साइबर ठगी के जरिए खरीदे गए नए मोबाइल फोन सस्ते दामों में बेच रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत दो टीमें गठित कीं। पहली टीम ने जनपद में गहनता से सुरागरसी शुरू की, जबकि दूसरी टीम जनपद के बाहर सक्रिय रही ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।
उपनिरीक्षक रामकिशोर शर्मा के नेतृत्व वाली पहली टीम को सूचना मिली कि कुछ लोग प्राइवेट बस अड्डे पर सस्ते दामों में मोबाइल बेचने की फिराक में हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने 1 जुलाई की रात 8:45 बजे अंजेश सरोज (19, मऊ), आदित्य सिंह (18, आजमगढ़), और दीपक (19, मऊ) को हिरासत में ले लिया। इनकी तलाशी के दौरान सात मोबाइल फोन (दो नए, पांच पुराने), सात क्रेडिट/डेबिट कार्ड, तीन बैंक चेक और ₹2,500 नकद बरामद हुए।
दिल्ली में दबिश
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई कि उनका एक साथी दिल्ली में क्रेडिट कार्ड डिटेल्स हासिल करने गया है। इस सूचना पर, उपनिरीक्षक सौरभ त्रिपाठी और हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश जायसवाल के नेतृत्व में दूसरी टीम ने दिल्ली में दबिश दी और नायाब अनवर (25, पटना) और संयम जैन (32, दिल्ली) को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 26 मोबाइल फोन (23 नए, तीन पुराने), सात क्रेडिट/डेबिट कार्ड, एक हुंडई वरना कार और ₹1,250 नकद बरामद हुए।
पूछताछ में अभियुक्तों ने पूरे गिरोह के कार्य करने के तरीके का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे। वे खुद को बैंक या क्रेडिट कार्ड अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते थे। कार्ड रिन्यूअल, लिमिट बढ़ाने या रिवार्ड पॉइंट्स जैसे बहाने बनाकर, वे धोखे से लोगों के क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और वन टाइम पासवर्ड (OTP) हासिल कर लेते थे। ओटीपी मिलने के बाद, वे ऑनलाइन या दुकानों से नए मोबाइल फोन खरीदते और फिर उन्हें सस्ते दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे।
अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े अन्य संपर्कों और वित्तीय लेनदेन की गहनता से जांच
पुलिस इस अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े अन्य संपर्कों और उनके वित्तीय लेनदेन की गहनता से जांच कर रही है ताकि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। इस गिरफ्तारी से साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में बड़ी सफलता मिली है।
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