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इंटरनेट का इस्तेमाल सुरक्षित बनाएं, साइबर अपराध से रहें दूर - हेल्पलाइन 1930 डायल करें
Cyber Security Awareness For Young Users: ऑनलाइन सुरक्षित रहें, बच्चों और युवाओं के लिए साइबर सुरक्षा टिप्स अपनाएं और डिजिटल खतरों से बचें
Cyber Security Awareness For Young Users
Cyber Security Awareness For Young Users: इंटरनेट आज हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। हम इसके जरिए संवाद करते हैं, दोस्त बनाते हैं, जानकारी साझा करते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग या गेमिंग जैसी गतिविधियों का आनंद लेते हैं। लेकिन जैसे-जैसे इंटरनेट का उपयोग बढ़ा है, साइबर अपराधों में भी तेजी आई है। खासकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर स्टाल्किंग, हैरसमेंट, धोखाधड़ी और बाल पोर्नोग्राफी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। बच्चों के लिए ऑनलाइन खतरे जैसे साइबर ग्रूमिंग, अनजाने लिंक या फाइल पर क्लिक करने से होने वाले नुकसान, और सोशल मीडिया पर गलत संपर्क बेहद गंभीर मुद्दे बन गए हैं। इसलिए आज यह आवश्यक है कि माता-पिता, किशोर और संगठन साइबर सुरक्षा के नियमों और सावधानियों को समझें और अपनाएं, ताकि ऑनलाइन दुनिया सुरक्षित और सकारात्मक बने।
माता-पिता के लिए सुझाव
बच्चों को ऑनलाइन खतरों के बारे में समझाना बेहद जरूरी है और उनके ऑनलाइन गतिविधियों पर लगातार नजर रखनी चाहिए। यदि उनका व्यवहार अचानक बदलता है या वे अपने डिजिटल अनुभवों के प्रति गुप्त रहते हैं, तो इस पर ध्यान देना आवश्यक है और बच्चों से खुलकर बातचीत करनी चाहिए। साथ ही, उन्हें सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग्स का सही उपयोग सिखाना और उन्हें सुरक्षित रखना जरूरी है। किसी भी संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचाएं और जब वेबकैम का इस्तेमाल न हो, तो उसे ढककर रखें। इसके अलावा, एंटी-वायरस और पेरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा और भी मजबूत की जा सकती है।
युवाओं के लिए साइबर सुरक्षा टिप्स
सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग्स और कंटेंट शेयरिंग फिल्टर सही तरीके से सेट करना बहुत जरूरी है। अजनबियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने में हमेशा सावधानी बरतें और वीडियो चैट के दौरान अपनी सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखें। इसके अलावा, संवेदनशील तस्वीरें या वीडियो स्मार्टफोन में न लें और साझा न करें। साइबर स्टाल्किंग से बचने के लिए लोकेशन सेवाएं बंद रखें और यदि कोई संदिग्ध कंटेंट या बाल पोर्नोग्राफी दिखाई दे, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें।
संगठनों के लिए सुझाव
संगठनों को अपने कर्मचारियों को स्पष्ट नियम और HR पॉलिसी के तहत डिजिटल कंटेंट के उपयोग के दिशा-निर्देश देने चाहिए। किसी भी अनुचित या आपत्तिजनक कंटेंट की जानकारी तुरंत पुलिस या राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर साझा करना जरूरी है। इसके साथ ही, IT एक्ट 2000 के तहत सभी अपराधों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि संगठन और कर्मचारियों की सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सके।
ऑनलाइन सुरक्षा के प्रमुख कदम
सॉफ़्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही एप्स और गेम डाउनलोड करें। अपने डिजिटल उपकरणों की सुरक्षा के लिए पासवर्ड, PIN और बायोमेट्रिक फीचर्स का इस्तेमाल करें। साथ ही, व्यक्तिगत डेटा या उपकरण दूसरों को देने से पहले उन्हें पूरी तरह सुरक्षित करना सुनिश्चित करें, ताकि आपका निजी जानकारी सुरक्षित बनी रहे।
1930 से साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग
हेल्पलाइन नंबर 1930 तब डायल किया जाता है, जब किसी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से आर्थिक धोखाधड़ी हो जाए। उदाहरण के लिए, अकाउंट से पैसे निकल जाना, वीडियो कॉल पर धोखाधड़ी, या OTP से जुड़ी चोरी। कॉल करने पर आपको अपनी बेसिक जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर, पूरा पता और धोखाधड़ी की पूरी डिटेल साझा करनी होती है। इसके बाद हेल्पलाइन टीम आपको मार्गदर्शन देती है और सलाह देती है कि अपनी शिकायत नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करवाई जाए।
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