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मिनटों में गायब हो सकता है आपका पैसा - इन डिजिटल स्कैम्स से रहें सावधान!
डिजिटल दुनिया जितनी आसान लगती है, उतनी ही खतरनाक भी हो चुकी है। एक गलत क्लिक या फेक स्क्रीनशॉट, और आपका बैंक बैलेंस पलक झपकते गायब हो सकता है।
Digital Payment Scams: आज का समय डिजिटल पेमेंट का है। अब पैसे भेजना या लेना सिर्फ कुछ सेकंड का काम बन गया है। यूपीआई, वॉलेट, बैंक ऐप और क्यूआर कोड ने जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है। लेकिन जैसे-जैसे तकनीक बढ़ रही है, वैसे-वैसे ठग भी नए-नए तरीके निकाल रहे हैं लोगों को ठगने के। फेक स्क्रीनशॉट, फिशिंग, और क्यूआर कोड स्कैम जैसे धोखे से लोगों के पैसे पलभर में गायब हो रहे हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि थोड़ी सी समझदारी और सावधानी से आप इन ठगों से आसानी से बच सकते हैं।
कैसे बढ़ रहे हैं डिजिटल पेमेंट स्कैम
डिजिटल पेमेंट ने लोगों की जिंदगी को आसान तो बनाया है, पर साथ ही साइबर ठगी की घटनाओं में भी तेजी आई है।अब धोखेबाज मोबाइल कॉल, व्हाट्सऐप, ईमेल या एसएमएस के जरिए लोगों को फंसाने लगे हैं। कभी वे कहते हैं कि आपका बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा, कभी केवाईसी अपडेट के नाम पर लिंक भेजते हैं। कई बार तो वे खुद को बैंक कर्मचारी बताकर आपके अकाउंट की जानकारी तक ले लेते हैं।
क्या है फेक स्क्रीनशॉट स्कैम?
यह आजकल बहुत आम हो गया है। इस स्कैम में ठग पहले ₹1 या ₹2 आपकी यूपीआई आईडी पर भेजकर भरोसा जीतते हैं। फिर वे कहते हैं कि उन्होंने बड़ी रकम भेज दी है और उसका एक फर्जी स्क्रीनशॉट दिखा देते हैं। वो कहते हैं कि “भूल से ज्यादा पैसे चले गए, कृपया रिफंड कर दीजिए।”आप जैसे ही पैसे वापस भेजते हैं, वो रकम सीधा उनके अकाउंट में चली जाती है। असल में उन्होंने कोई पेमेंट किया ही नहीं होता, बस स्क्रीनशॉट से धोखा देते हैं।
फिशिंग और केवाईसी फ्रॉड
यह स्कैम कॉल या मैसेज के जरिए होता है। ठग कहते हैं कि आपका बैंक अकाउंट ब्लॉक होने वाला है या केवाईसी अपडेट करनी है।फिर वे एक लिंक भेजते हैं, और जैसे ही आप उस पर क्लिक कर अपने डिटेल्स भरते हैं, आपका बैंक डाटा और ओटीपी चोरी हो जाता है। यानी आपके अकाउंट का पैसा सीधे ठग के पास पहुंच सकता है।
क्यूआर कोड धोखाधड़ी
क्यूआर कोड के जरिए ठगी तब होती है जब जालसाज असली कोड की जगह अपना फर्जी कोड लगा देते हैं। आपको लगता है कि आप दुकानदार को पेमेंट कर रहे हैं, लेकिन पैसे ठग के खाते में चले जाते हैं। कभी-कभी सोशल मीडिया पर भी ऐसे कोड शेयर किए जाते हैं, जिनसे पेमेंट की जगह ठग आपके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
इन स्कैम्स से कैसे बचें?
1. कभी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। बैंक या यूपीआई से जुड़े लिंक सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट से ही खोलें।
2. अपनी निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। ओटीपी, कार्ड नंबर, पिन, पासवर्ड या सीवीवी कभी किसी को न बताएं।
3. सार्वजनिक जगहों पर वाई-फाई और ब्लूटूथ बंद रखें। ठग इन नेटवर्क्स के जरिए आपके मोबाइल से डेटा चुरा सकते हैं।
4. हर पेमेंट को खुद जांचें। किसी स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें, केवल बैंक या यूपीआई ऐप में दिख रहे ट्रांजैक्शन को ही मानें।
5. क्यूआर कोड ध्यान से स्कैन करें। हमेशा सुनिश्चित करें कि कोड असली दुकान या सही व्यक्ति का ही है।
6. परिवार को जागरूक बनाएं। खासकर बुजुर्ग और बच्चों को ऐसे धोखों के बारे में समझाएं ताकि वे सतर्क रहें।
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