TRENDING TAGS :
UP में अब ‘ATM’ से मिलेंगे स्टांप पेपर, क्यूआर कोड से होगी संपत्ति जांच, योगी सरकार का बड़ा फैसला
UP News: संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के उद्देश्य से क्यूआर कोड आधारित सत्यापन प्रणाली शुरू किया जाएगा।
UP News
UP News: स्टाम्प एवं पंजीकरण व्यवस्था को आधुनिक बनाने के दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक पहल की है। अब एटीएम की तरह एक मशीन लगायी जाएगी। जिससे आम जनता को आसानी से स्टाम्प पेपर मिल सकेंगे। जल्द ही स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग 10, 20, 50 और 100 रुपये के स्टाम्प पेपर के लिए ‘एटीएम’ मशीन स्थापित करने जा रही है। स्टाम्प पेपर सालाना बिक्री करीब 800 करोड़ रुपये की है।
स्टाम्प और न्यायालय शुल्क व पंजीयन राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि किरायेदारी समझौतों के रजिस्ट्रेशन के लिए शीघ्र ही 500 से 1000 रुपये का निश्चित शुल्क तय किया जाएगा। जिससे मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकार सुरक्षित हो सकें। अभी तक चार फीसदी स्टाम्प ड्यूटी के कारण पंजीकरण करना महंगा पड़ता है, जिसके चलते लोग अपंजीकृत समझौते कर लेते हैं।
क्यूआर कोड आधारित सत्यापन प्रणाली होगी शुरू
इसके साथ ही संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के उद्देश्य से क्यूआर कोड आधारित सत्यापन प्रणाली शुरू किया जाएगा। क्यूआर कोड के जरिए कोई भी व्यक्ति संपत्ति के स्वामित्व, लेन-देन और विक्रेता की कानूनी स्थिति की जानकारी हासिल कर सकेंगे। यही नहीं छह माह के अंदर स्वामित्व डाटा भी आनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। राजस्व विभाग के रिकार्ड से सभी भूमि रजिस्ट्री डेटा को जोड़ा जाएगा। जिससे कि रजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद राजस्व अभिलेखों में खरीददार का नाम दर्ज हो सके। अभी तक इस प्रक्रिया में 35 से 40 दिन का समय लगता है। लेनदेन को अंतिम रूप देने से पूर्व रिकॉर्ड सत्यापित करने के लिए पंजीकरण कार्यालयों में राजस्व अधिकारी की भी तैनाती की जाएगी।
इसके साथ ही योगी सरकार पारिवारिक संपत्ति के निपटान को भी सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है। 5000 रुपये के निश्चित शुल्क पर चार पीढ़ियों तक के लिए पारिवारिक संपत्ति के निपटान की अनुमति देने की योजना तैयार की जा रही है। राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि साल 2017-18 में जहां 16 लाख संपत्ति पंजीकरण हुए थे, वहीं अब यह संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। अब पंजीकरण की संख्या बढ़कर लगभग 50 लाख हो गयी है। इसके साथ ही स्टाम्प और पंजीकरण से होने वाली आय में भी इजाफा हुआ है। साल 2017 में जहां स्टाम्प और पंजीकरण से 16,000 करोड़ रुपये ही आय मिली।
वहीं अब यह बढ़कर करीब 35,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इसके साथ ही लोगों को आवासीय, वाणिज्यिक और कृषि भूमि के नियमों की स्पष्ट जानकारी देने के मकसद से स्टाम्प शुल्क गणना के मानदंडों को भी सीमित किया जाएगा। वर्तमान में स्टाम्प शुल्क गणना के लिए 42 मानदंड निर्धारित हैं, जिन्हें अब तक घटाकर 18-20 तक सीमित करने की योजना है।
सरकार का लक्ष्य खरीद के तीन माह के अंदर संपत्ति सत्यापन पूरा करना है, ताकि कर और भूमि उपयोग के नियम समय पर लागू हो सकें। उन्होंने बताया कि पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर सभी पंजीकरण कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण भी तेजी से किया जा रहा है। जिससे कि संपत्ति लेन-देन की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!