50% टैरिफ की जंजीर टूटेगी? भारत-अमेरिका ट्रेड डील फाइनल होने के करीब!

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द फाइनल होने के करीब है, जिससे 50% टैरिफ हटने और भारतीय निर्यात को नए अवसर मिलने की संभावना बढ़ रही है।

Sonal Girhepunje
Published on: 17 Oct 2025 9:18 AM IST
50% टैरिफ की जंजीर टूटेगी? भारत-अमेरिका ट्रेड डील फाइनल होने के करीब!
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India US Trade Deal Near Final: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही ट्रेड डील पर बातचीत अब अपने आखिरी और सबसे अहम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। दोनों देशों के बीच यह समझौता व्यापार को बढ़ाने और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि वार्ता बहुत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है और जल्द ही इसके नतीजे सामने आ सकते हैं। अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में भारत के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल वहां के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार मुलाकात कर रहा है। इस डील का लक्ष्य है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाई दी जाए और निवेश के नए रास्ते खोले जाएं।

पांच चरण की वार्ता पूरी, अब निर्णायक दौर

भारत और अमेरिका के बीच अब तक कुल पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है। इन सभी दौरों में दोनों देशों ने व्यापार से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। अगस्त 2025 में, अमेरिका ने रूस से भारत की ऊर्जा खरीद पर 50% टैरिफ (शुल्क) लगा दिया था। इस कदम की वजह से दोनों देशों के बीच चल रही वार्ता थोड़ी धीमी पड़ गई थी। लेकिन अब यह रुकावट दूर हो गई है और बातचीत फिर से तेज़ गति से आगे बढ़ रही है। इससे संकेत मिलता है कि दोनों देश इस समझौते को जल्दी पूरा करना चाहते हैं और जल्द ही इसका अंतिम फैसला सामने आ सकता है।

50% टैरिफ पर भारत की आपत्ति

भारत ने अमेरिका का 50% टैरिफ “अन्यायपूर्ण” बताया है। रूस से तेल पर 25% अतिरिक्त टैक्स भी शामिल है। भारत चाहता है कि उसकी रणनीतिक स्वतंत्रता बनी रहे और कृषि व डेयरी उत्पादों के हित सुरक्षित रहें। H1B वीजा नीति पर भी भारत ने चिंता जताई। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की हालिया फोन बातचीत से समझौते की संभावना बढ़ गई है

भारत-अमेरिका ट्रेड डील - व्यापार और निर्यात बढ़ाएगी

भारत और अमेरिका की ट्रेड डील का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना है। अभी दोनों देशों के बीच कुल व्यापार लगभग $191 बिलियन का है, जिसे 2030 तक $500 बिलियन से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है।

अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। साल 2024-25 में भारत के कुल निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग 18% था।

इस समझौते से भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में ज्यादा अवसर और कम टैक्स (Low Tariff) का लाभ मिलेगा, जिससे भारत का निर्यात और आर्थिक विकास मजबूत होगा।

भारत कई देशों के साथ व्यापार बढ़ा रहा

पीयूष गोयल ने बताया कि भारत केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि EU, ओमान, न्यूजीलैंड, चिली और पेरू जैसे देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहा है।

ऊर्जा और LNG में भारत-अमेरिका सहयोग बढ़ेगा

अमेरिका में सरकारी शटडाउन की वजह से बातचीत थोड़ी देर के लिए रुकी थी, लेकिन अब दोनों देशों ने तय किया है कि नवंबर 2025 तक इसका पहला चरण पूरा किया जाएगा। भारत और अमेरिका ऊर्जा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। भारत अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की खरीद को बढ़ावा देना चाहता है।

भारत के लिए क्यों है यह डील अहम?

यह समझौता भारत के व्यापार विकास में एक बड़ा कदम होगा। इससे भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में बेहतर अवसर मिलेंगे और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसके साथ ही, भारत की रणनीतिक आर्थिक स्वायत्तता भी बरकरार रहेगी।

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