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भारत-अमेरिका के बीच होने वाली है बड़ी डील, ट्रंप का दावा- कामयाबी की नई ऊंचाई लिखेंगे दोनों देश, दुनिया की नजरें टिकीं

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच बड़ी व्यापार डील को लेकर बातचीत तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि दोनों देश मिलकर नई कामयाबी हासिल करेंगे। इस डील पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है।

Harsh Sharma
Published on: 2 July 2025 8:02 AM IST (Updated on: 2 July 2025 8:03 AM IST)
India-US Trade Deal
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India-US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जल्द ही व्यापार को लेकर एक समझौता होने वाला है। इस समझौते में टैक्स काफी कम होंगे, जिससे भारत और अमेरिका को दुनिया में एक-दूसरे के साथ मिलकर बेहतर तरीके से कारोबार करने का मौका मिलेगा।

उन्होंने कहा, "फिलहाल भारत अपने बाजार में किसी को भी आसानी से घुसने नहीं देता, लेकिन मुझे लगता है अब भारत ऐसा करेगा। अगर ऐसा हुआ तो दोनों देशों के बीच कम टैक्स वाला समझौता हो जाएगा।" फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। इस बातचीत की डेडलाइन 9 जुलाई है। इसलिए यह डील काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि अभी 90 दिन के लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैक्स बढ़ाने पर रोक लगा रखी है।

कृषि पर सख्त रुख

भारत भी इस व्यापार समझौते को लेकर सतर्क है। खासकर खेती से जुड़े मुद्दों पर भारत ने सख्त रुख अपनाया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत का एक प्रतिनिधिमंडल राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अमेरिका में इस डील पर बातचीत कर रहा है। पहले ये बैठकें गुरुवार और शुक्रवार को होनी थीं, लेकिन अब दोनों देश जल्दी से जल्दी इस डील को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। वजह ये है कि अगर 9 जुलाई तक कोई समझौता नहीं हुआ तो दोनों देशों के बीच पहले से रुके हुए 26% टैक्स फिर से लागू हो सकते हैं।

भारत के लिए खेती का मुद्दा बहुत ही संवेदनशील है, क्योंकि देश में ज़्यादातर किसान छोटे हैं और उनकी रोज़ी-रोटी खेती पर ही टिकी हुई है। इसी वजह से भारत खेती से जुड़े मामलों में कोई भी फैसला बहुत सोच-समझ कर ही लेना चाहता है।

अमेरिका क्या चाहता है?

अमेरिका चाहता है कि भारत सेब, सूखे मेवे, जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलें और डेयरी उत्पादों पर लगने वाले टैक्स कम करे। लेकिन भारत अपने डेयरी सेक्टर को विदेशी कंपनियों के लिए खोलने को तैयार नहीं है। भारत हमेशा से अपने किसानों और डेयरी उद्योग को बचाने की नीति पर कायम रहा है। दूसरी ओर, भारत चाहता है कि उसके सामान जैसे कपड़े, गहने, चमड़े के उत्पाद, और खेती से जुड़े कई सामानों को अमेरिका में आसानी से बेचा जा सके।

500 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य

भारत और अमेरिका का मकसद है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए। इसके लिए दोनों देश एक बड़ा और विस्तृत व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसका पहला चरण 2024 के आखिर तक पूरा करने की कोशिश है। इस डील पर दुनिया भर के कई देशों की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों ही बड़े वैश्विक खिलाड़ी हैं।

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Harsh Sharma

Harsh Sharma

Content Writer

हर्ष नाम है और पत्रकारिता पेशा शौक बचपन से था, और अब रोज़मर्रा की रोटी भी बन चुका है। मुंबई यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया, फिर AAFT से टीवी पत्रकारिता की तालीम ली। करियर की शुरुआत इंडिया न्यूज़ से की, जहां खबरें बनाने से ज़्यादा, उन्हें "ब्रेकिंग" बनाने का हुनर सीखा। इस समय न्यूज़ ट्रैक के लिए खबरें लिख रहे हैं कभी-कभी संजीदगी से, और अक्सर सिस्टम की संजीदगी पर हल्का-फुल्का कटाक्ष करते हुए। एक साल का अनुभव है, लेकिन जज़्बा ऐसा कि मानो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस उनका पर्सनल डिबेट शो हो।

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