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भारत के सामने घुटने टेकेगा पाकिस्तान! पहलगाम हमले के बाद भारत का सबसे बड़ा एक्शन प्लान, वॉशिंगटन में जयशंकर का QUAD वॉर
QUAD Meeting 2025: अगले महीने होने वाली क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर अमेरिका से लेकर बीजिंग और इस्लामाबाद तक खलबली मच चुकी है। SCO समिट में चीन की बेमन की मेजबानी के बाद अब भारत ने सीधे क्वाड के मंच पर कड़े फैसले लेने की तैयारी कर ली है।
QUAD Meeting 2025: पूरी दुनिया जब पश्चिम एशिया के धधकते हालात और भारत के पहलगाम जैसे आतंकी हमलों से सिहर रही है, तब वाशिंगटन डीसी में एक और बड़ा धमाका होने जा रहा है—लेकिन इस बार यह धमाका गोलियों या मिसाइलों का नहीं, बल्कि रणनीति, डिप्लोमेसी और वैश्विक गठजोड़ों का होगा। जुलाई में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में जब भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शक्तिशाली विदेश मंत्री एक ही टेबल पर बैठेंगे, तो केवल चाय नहीं, बल्कि पूरी एशिया-पैसिफिक राजनीति हिल जाएगी।
Quad की बैठक नहीं, 'कूटनीतिक युद्धघोष' है ये!
अगले महीने होने वाली क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर अमेरिका से लेकर बीजिंग और इस्लामाबाद तक खलबली मच चुकी है। SCO समिट में चीन की बेमन की मेजबानी के बाद अब भारत ने सीधे क्वाड के मंच पर कड़े फैसले लेने की तैयारी कर ली है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस मीटिंग में शामिल होंगे, और सूत्रों की मानें तो वे वहां सिर्फ 'शांति वार्ता' के लिए नहीं जा रहे—बल्कि इस बार भारत अपनी चुप्पी तोड़कर आतंकवाद, क्षेत्रीय अस्थिरता और इंडो-पैसिफिक में चीन की घुसपैठ पर खुलकर हमला बोलेगा। और यही वो बात है, जिससे बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों की रातों की नींद उड़ चुकी है।
पहलगाम हमले के बाद भारत का बदलता रुख
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने भारत को झकझोर दिया है। इस हमले में निर्दोष श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया, और यह पूरी दुनिया को एक संदेश दे गया—कि आतंकवाद अब फिर से अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस बार भारत न केवल सख्ती दिखा रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी इस लड़ाई को ले जाने की तैयारी में है। जयशंकर क्वाड की बैठक में आतंकवाद पर भारत की नई नीति को दुनिया के सामने रखेंगे, और एक ऐसा 'सामूहिक सुरक्षा प्रस्ताव' पेश कर सकते हैं जो खासकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ क्वाड देशों को साथ लाने का प्रयास होगा।
इंडो-पैसिफिक में चीन की बिछाई चाल पर होगा वार
बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर है इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा—और ये वही क्षेत्र है जहां चीन लगातार सैन्य विस्तार कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में आर्टिफिशियल द्वीपों का निर्माण, म्यांमार और श्रीलंका में बंदरगाहों पर पकड़ और हिंद महासागर में गश्त करती चीनी पनडुब्बियां... सब कुछ चीन की 'String of Pearls' रणनीति का हिस्सा है। और अब Quad इस जाल को काटने के लिए तलवार निकाल चुका है। बयान के अनुसार, इस बैठक की मेज़बानी कर रहे अमेरिकी विदेश सचिव मार्क रुबियो इसे ट्रंप युग की पहली बड़ी रणनीतिक निरंतरता बता रहे हैं। लेकिन अंदर की खबर ये है कि यह बैठक सिर्फ सहयोग बढ़ाने की बात नहीं करेगी, बल्कि उन देशों को स्पष्ट चेतावनी भी देगी जो ‘एकतरफा बदलाव’ की कोशिश कर रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो: अब चीन और पाकिस्तान को नाम लेकर घेरा जाएगा।
आपूर्ति शृंखला से लेकर तकनीकी सुरक्षा तक—हर स्तर पर भारत का दखल
भारत इस बैठक में केवल सुरक्षा पर नहीं, बल्कि आर्थिक सुरक्षा, तकनीकी साझेदारी और ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी अपने इरादे स्पष्ट करेगा। पिछले एक साल में कई बड़ी वैश्विक कंपनियों ने चीन से हटकर भारत में निवेश किया है। क्वाड का यह मंच अब उस निवेश को रणनीतिक कवच देने का मौका बन सकता है। भारत भरोसेमंद और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ गहन साझेदारी की बात करेगा, जिससे चीन की आर्थिक पकड़ कमजोर की जा सके।
क्या भारत बनाएगा नया 'क्वाड प्लस' सुरक्षा गठबंधन?
सूत्रों की मानें तो भारत इस बैठक में एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रख सकता है—'Quad Plus Security Framework'—जिसमें कुछ चुनिंदा देशों को सहयोगी सदस्य के रूप में जोड़ा जाएगा। इनमें फ्रांस, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देश शामिल हो सकते हैं। यह प्रस्ताव न केवल चीन के लिए एक सीधा संदेश होगा, बल्कि रूस और ईरान को भी संकेत देगा कि भारत अब वैश्विक सुरक्षा संरचना के केन्द्र में बैठने को तैयार है।
काउंटडाउन शुरू—कूटनीतिक 'एक्सप्लोजन' की तैयारी पूरी
वाशिंगटन की मीटिंग कोई सामान्य विदेश मंत्री सम्मेलन नहीं है। यह एक नई विश्व व्यवस्था की प्रस्तावना है, जिसमें भारत अब केवल 'भागीदार' नहीं, बल्कि 'निर्देशक' बनकर उभर रहा है। पहलगाम का जवाब केवल सीमा पर नहीं, अब रणनीतिक मेजों पर भी दिया जाएगा। भारत के विरोधियों के लिए यह बैठक एक चेतावनी है— "अब अगर लड़े बिना चैन नहीं मिलेगा, तो बोलो कौन-कौन आएगा मैदान में?"
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