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ईरान पर बर्बादी की तैयारी! ट्रंप के 'बंकर बस्टर' प्लान से दहशत में दुनिया, अगर हमला फेल हुआ तो शुरू हो जाएगा 'महायुद्ध'
Trump Bunker Buster Plane: ट्रंप का असली निशाना है ईरान का फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र। यह वही जगह है जो तेहरान के दक्षिण में एक विशाल पहाड़ के अंदर छुपी हुई है। फोर्डो की सुरक्षा ऐसी है कि इसे पार कर पाना आम बमों के बस की बात नहीं है। लेकिन अमेरिका के पास है ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’, यानी बंकर बस्टर बम।
Trump Bunker Buster Plane: दुनिया की फिजा में बारूद की गंध अब और गहरी होती जा रही है। ईरान और इजराइल की दुश्मनी अब मिसाइलों से नहीं, बल्कि सीधे परमाणु हमलों की दहलीज पर पहुंच गई है। और इस आग में घी डालने का काम कर रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो इस समय व्हाइट हाउस में बैठकर इतिहास के सबसे खतरनाक फैसले पर विचार कर रहे हैं। सवाल सिर्फ इतना है कि ट्रंप बंकर बस्टर बम गिराएंगे या नहीं। लेकिन असली कहानी तो इससे भी ज्यादा खौफनाक है—क्योंकि अगर ट्रंप ने हमला किया और वो फेल हो गया, तो पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर पहुंच सकती है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की सीधी धमकी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप सकते में हैं। उन्होंने अपने सलाहकारों और पेंटागन के टॉप अफसरों के साथ कई दौर की गुप्त बैठकें की हैं। इन बैठकों में सिर्फ एक ही मुद्दा छाया रहा—क्या अमेरिका को ईरान पर ‘बंकर बस्टर बम’ से हमला करना चाहिए या नहीं? दिक्कत ये है कि ट्रंप खुद इस बात को लेकर उलझन में हैं कि अगर हमला फेल हुआ तो अमेरिका एक ऐसे दलदल में फंस जाएगा, जहां से निकलना नामुमकिन हो जाएगा। यही वजह है कि व्हाइट हाउस के गलियारों में तनाव अपने चरम पर है।
फोर्डो: वो जगह जहां से जंग शुरू हो सकती है
ट्रंप का असली निशाना है ईरान का फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र। यह वही जगह है जो तेहरान के दक्षिण में एक विशाल पहाड़ के अंदर छुपी हुई है। फोर्डो की सुरक्षा ऐसी है कि इसे पार कर पाना आम बमों के बस की बात नहीं है। लेकिन अमेरिका के पास है ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’, यानी बंकर बस्टर बम। इस बम का काम ही है पहाड़ों और बंकरों को चीरकर अंदर छुपे ठिकानों को नष्ट करना। अमेरिका को भरोसा है कि अगर वह बंकर बस्टर गिराएगा तो फोर्डो खत्म हो जाएगा और ईरान का परमाणु सपना हमेशा के लिए बर्बाद कर दिया जाएगा। लेकिन समस्या यह है कि इस बम को कभी भी युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया गया है। सिर्फ प्रयोगशालाओं और परीक्षणों में इसकी ताकत देखी गई है। अगर ये बम फुस्स हो गया तो? यही सवाल है जो ट्रंप को रातों की नींद नहीं लेने दे रहा। व्हाइट हाउस में हो रही बैठकों में भी यही मुद्दा सबसे बड़ा बनकर उभर रहा है।
इजराइल के पास बम नहीं, लेकिन इरादे खतरनाक
इस पूरे ड्रामे में इजराइल भी पीछे नहीं है। इजराइल खुलकर कह चुका है कि वह फोर्डो को नष्ट करना चाहता है। मगर उसके पास बंकर बस्टर बम नहीं हैं और न ही उन्हें ले जाने के लिए अमेरिका जैसे B-2 बमवर्षक विमान हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू साफ कर चुके हैं कि अमेरिका को इस हमले में आगे आना ही पड़ेगा। हालांकि इजराइल के पास प्लान-B भी है। सूत्रों का कहना है कि इजराइल कमांडो ऑपरेशन करके फोर्डो में घुस सकता है और अंदर से ब्लास्ट कर सकता है, जैसा उसने पहले सीरिया की भूमिगत मिसाइल फैक्ट्री में किया था। मगर ये मिशन बेहद खतरनाक और आत्मघाती साबित हो सकता है।
व्हाइट हाउस में चल रही बैठकों में भी इजराइल के दबाव का असर दिख रहा है। ट्रंप पर लगातार दबाव डाला जा रहा है कि अमेरिका को कार्रवाई करनी ही चाहिए। लेकिन ट्रंप जानते हैं कि अगर ये ऑपरेशन फेल हुआ तो ईरान की तरफ से पलटवार इतना भयानक होगा कि अमेरिका को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। खुद ट्रंप ने भी Axios रिपोर्ट में माना है कि अमेरिका ही इस ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो ऐसा जरूर करेगा।
ट्रंप का उलझा हुआ मन और अमेरिका की खौफनाक योजना
एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से खबर आई है कि ट्रंप खुद बंद कमरे में लगातार सवाल पूछ रहे हैं—क्या ये बम वाकई फोर्डो को तबाह कर पाएगा? पेंटागन ने भरोसा दिलाने की कोशिश की है, लेकिन ट्रंप पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। वजह साफ है—इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहां इस तरह के अंडरग्राउंड परमाणु प्लांट को एक ही बम से खत्म कर दिया गया हो। अगर बंकर बस्टर काम कर गया तो अमेरिका तुरंत सर्जिकल स्ट्राइक कर विजयी घोषणाएं कर सकता है। लेकिन अगर नहीं हुआ तो? तब अमेरिका एक लंबे, महंगे और खूनी युद्ध में फंस जाएगा, जिसका अंत कोई नहीं जानता। ट्रंप की कोशिश यही है कि जंग जल्दी खत्म हो, अमेरिका को नुकसान न हो और इजराइल का मिशन पूरा हो जाए। लेकिन जंग कभी भी योजना के मुताबिक नहीं चलती। एक अमेरिकी अधिकारी ने साफ कहा—ट्रंप का धैर्य टूट रहा है, वह किसी भी वक्त फैसला ले सकते हैं। बस एक गलत कदम और पूरी दुनिया परमाणु युद्ध की आग में झोंक दी जाएगी।
ईरान झुकने को तैयार नहीं
दूसरी तरफ ईरान भी अब किसी झुकने के मूड में नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने सोशल मीडिया पर साफ कर दिया है कि तेहरान किसी भी धमकी के आगे नहीं झुकेगा। ईरान का संदेश पूरी दुनिया के लिए है—अगर हमला हुआ तो जवाब ऐसा होगा जिसकी कल्पना भी अमेरिका और इजराइल ने नहीं की होगी। यानी हालात साफ हैं—एक तरफ ट्रंप का उलझा हुआ मन, दूसरी तरफ इजराइल का दबाव और तीसरी तरफ ईरान की आग उगलती चेतावनी। इस त्रिकोण के बीच फंसी है पूरी दुनिया। अगर अमेरिका ने बंकर बस्टर गिराया तो ये सिर्फ एक बम नहीं होगा—ये तीसरे विश्व युद्ध की पहली चिंगारी बन सकता है। अब दुनिया बस एक ही सवाल पूछ रही है—क्या ट्रंप इतिहास रचेंगे या पूरी दुनिया को तबाही के मुहाने पर ले जाएंगे? पर्दा उठने ही वाला है… और इसके बाद जो होगा, उसे कोई नहीं रोक पाएगा।
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