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Nifty Weekly Report : रणनीति की नई दिशा, वैश्विक संकटों का असर और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत 8 जुलाई - 12 जुलाई 2025
Nifty Weekly Report: आज हम निफ्टी के सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल, सेक्टोरियल परफॉर्मेंस, प्रमुख घटनाओं और निवेशकों के लिए रणनीतिक सलाह का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
Nifty Weekly Report (Image Credit-Social Media)
Nifty Weekly Report: बीते सप्ताह शेयर बाजार ने अस्थिरता के बीच नकारात्मक रुख अपनाया, जहां निफ्टी 25,140.55 के स्तर पर बंद हुआ। यह स्तर एक महत्वपूर्ण सपोर्ट ज़ोन के नजदीक है, जो आने वाले समय के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। वैश्विक संकेतों, घरेलू महंगाई के अनुमान, और प्रमुख कॉर्पोरेट नतीजों ने बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाई। अमेरिका का महंगाई डेटा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, और Q1 रिजल्ट सीज़न की शुरुआत जैसे कारकों ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया। इस लेख में हम निफ्टी के सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल, सेक्टोरियल परफॉर्मेंस, प्रमुख घटनाओं और निवेशकों के लिए रणनीतिक सलाह का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, जिससे हर निवेशक अपनी ट्रेडिंग या इनवेस्टमेंट योजना को और बेहतर बना सके।
तकनीकी चार्ट विश्लेषण :
• इस सप्ताह Nifty ने 25,800 के पास रेजिस्टेंस फेस किया।
• बिकवाली का दबाव बढ़ने के कारण Nifty फिसलकर 25,100 - 25,140 के सपोर्ट ज़ोन पर पहुंचा।
• अगर 25,100 का स्तर टूटता है, तो अगला सपोर्ट 24,950 और फिर 24,700 के आसपास हो सकता है।
Resistance Level :
• पहला रेजिस्टेंस: 25,350 - 25,400
• दूसरा रेजिस्टेंस: 25,600 - 25,800
Support Level :
• पहला सपोर्ट: 25,100 - 25,140 (मौजूदा सपोर्ट)
• दूसरा सपोर्ट: 24,950 - 24,700
ट्रेंड:
• शॉर्ट टर्म ट्रेंड कमजोर है। लोअर हाई और लोअर लो का पैटर्न बना है।
सेक्टोरियल परफॉर्मेंस (सप्ताह का संक्षिप्त अवलोकन)
• IT सेक्टर: कमजोरी रही। कंपनियों के Q1 रिजल्ट आने से पहले दबाव दिखाई दिया।
• ऑटो सेक्टर: मजबूती दिखी। मारुति और M&M जैसे स्टॉक्स में खरीदारी देखी गई।
• बैंकिंग सेक्टर: कमजोर रहा। खासकर PSU बैंकों में मुनाफावसूली देखने को मिली।
• FMCG सेक्टर: स्थिर प्रदर्शन रहा। निवेशक डिफेंसिव सेक्टर्स में सुरक्षित रहना चाह रहे हैं।
• रियल एस्टेट सेक्टर: तेजी रही। DLF और Godrej जैसे स्टॉक्स में मजबूती दर्ज हुई।
वैश्विक घटनाएं और उनका असर
1. US CPI डेटा (10 जुलाई 2025):
अमेरिका में महंगाई उम्मीद से थोड़ी कम रही। इससे फेड की अगली ब्याज दर नीति को लेकर बाजार में अनिश्चितता बनी रही। USD में कमजोरी देखने को मिली, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ा।
2. भारतीय इन्फ्लेशन प्रोजेक्शन (8 जुलाई 2025):
महंगाई दर थोड़ी बढ़ी। इससे बाजार में सतर्कता बढ़ गई और खरीदारी धीमी पड़ी।
3. क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट:
ब्रेंट क्रूड 83 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया। इससे ऑटो और FMCG कंपनियों के मार्जिन पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
4. ईरान-इजराइल संघर्ष में विराम:
मध्य-पूर्व में अस्थायी शांति से सोने की कीमतों में गिरावट और शेयर बाजारों में हल्की राहत आई।
आर्थिक समाचार और कॉर्पोरेट घटनाएं
• TCS और Infosys के Q1 रिजल्ट:
TCS का मुनाफा लगभग अनुमान के अनुरूप रहा, लेकिन नए डील्स की संख्या घटी। Infosys के नतीजे अपेक्षा से कमजोर आए, जिससे IT इंडेक्स पर दबाव बढ़ा।
• HDFC Bank की प्री-रिजल्ट रिपोर्ट:
बैंक की लोन ग्रोथ स्थिर रही, लेकिन CASA रेशियो घटा। इससे शेयर पर दबाव पड़ा।
• सेबी का नया IT सिस्टम प्रस्ताव:
सेबी ने एक्सचेंजों को निर्देश दिए कि वे अपनी आईटी क्षमता का पूरा उपयोग करें। इससे टेक्नोलॉजी सेक्टर पर नजर बनी हुई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां
• इस सप्ताह FIIs ने करीब 4,200 करोड़ रुपये की बिकवाली की।
• घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बाजार को सपोर्ट किया, लेकिन फिर भी कमजोरी जारी रही।
निवेशकों के लिए रणनीति
लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए सलाह
• बाजार में गिरावट के दौरान अच्छे स्टॉक्स जैसे HDFC Bank, TCS, Maruti, Asian Paints आदि में निवेश जारी रखें।
• वोलैटिलिटी से डरें नहीं। SIP जारी रखना समझदारी होगी।
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए सलाह
• अगर Nifty 25,100 के नीचे बंद होता है, तो शॉर्ट पोजिशन बनाई जा सकती है।
• अगर बाउंसबैक आता है, तो 25,350 - 25,400 के बीच प्रॉफिट बुक करना उचित होगा।
सावधानी
• Q1 रिजल्ट्स के चलते स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव रहेगा।
• ग्लोबल संकेतों पर नजर रखें जैसे फेड की पॉलिसी, डॉलर इंडेक्स और क्रूड प्राइस मूवमेंट।
समापन
यह सप्ताह Nifty के लिए दबावभरा रहा। अल्पकालिक दृष्टिकोण थोड़ा कमजोर है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट अच्छे अवसर लेकर आ सकती है। सेक्टोरल रोटेशन जारी है। ऑटो, रियल एस्टेट और कुछ मिडकैप स्टॉक्स में तेजी देखने को मिली, जबकि IT और बैंकिंग सेक्टर दबाव में रहे।
याद रखें:
"वोलैटिलिटी जोखिम नहीं है, बल्कि उनके लिए एक अवसर है जो समझदारी से निवेश करते हैं।"
डिस्क्लेमर:
यह केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपनी रिसर्च करें या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
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