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NIFTY Weekly Report (21 जुलाई - 25 जुलाई 2025): गिरावट के बाद ठहराव, अब आगे क्या?
Nifty Weekly Report: इस हफ्ते की Nifty चाल का विश्लेषण, सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल, ट्रेंड का अपडेट और किन सेक्टरों में दिखी कमजोरी या मजबूती - जानिए एक नज़र में।
Nifty Weekly Report
NIFTY Weekly Report: इस सप्ताह बाजार में तेज उतार-चढ़ाव का माहौल रहा। Nifty ने ऊपरी स्तर की ओर रुख तो किया, लेकिन 25,800 के आसपास आकर रुक गया और वहां से वापसी करते हुए नीचे की ओर फिसल गया। ग्लोबल स्तर पर मिले कमजोर संकेत, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और कुछ कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डाला। इसका परिणाम यह हुआ कि सूचकांक धीरे-धीरे फिसलता हुआ 25,100 के आसपास आ पहुंचा।
तकनीकी रूप से यह ट्रेंड कमजोर दिख रहा है और लोअर हाई-लोअर लो का पैटर्न साफ नजर आ रहा है। इस रिपोर्ट में जानिए आने वाले सप्ताह में कौन-से सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर नजर होनी चाहिए, किस सेक्टर में है खरीदारी का मौका, और ग्लोबल मार्केट्स का क्या रहा असर।
Technical Analysis:
• इस सप्ताह Nifty ने 25,200 के आसपास रेजिस्टेंस फेस किया और फिर गिरावट के साथ 24,800 के नजदीक सपोर्ट लिया।
• बाजार में लगातार बिकवाली देखी गई, जिससे इंडेक्स लोअर हाई और लोअर लो बनाते हुए नीचे फिसला।
• शुक्रवार को Nifty ने 24,832.20 के स्तर पर बंद होकर 24,800 के सपोर्ट को बरकरार रखा।
• अगर अगला सप्ताह इस लेवल के नीचे खुलता है, तो बाजार में और कमजोरी देखने को मिल सकती है।
• मौजूदा स्तर पर निचले समय-सीमा (hourly और 4-hour चार्ट) पर oversold स्थिति बनी हुई है, जिससे शॉर्ट कवरिंग की उम्मीद की जा सकती है।
Resistance Level:
• पहला रेजिस्टेंस: 25,100 - 25,200
• दूसरा रेजिस्टेंस: 25,300 - 25,350
Support Level:
• पहला सपोर्ट: 24,800 - 24,820 (मौजूदा सपोर्ट)
• दूसरा सपोर्ट: 24,600 - 24,450
ट्रेंड:
• अल्पकालिक रुझान फिलहाल कमजोर बना हुआ है और बाजार में मंदी का माहौल नजर आ रहा है।
• चार्ट पर लगातार लोअर हाई और लोअर लो का पैटर्न बन रहा है।
• जब तक Nifty 25,200 के ऊपर बंद नहीं होता, तब तक बाजार में तेजी की शुरुआत मुमकिन नहीं है।
• वॉल्यूम और मोमेंटम दोनों में कमजोरी देखने को मिल रही है, जिससे रैली सीमित रह सकती है।
Sectorial Overview :
• FMCG सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया, डिफेंसिव सेक्टर होने के कारण निवेशकों की पसंद बना रहा।
• ऑटोमोबाइल सेक्टर में हल्की मजबूती देखी गई, मॉनसून और आगामी बिक्री आंकड़ों से सकारात्मकता बनी।
• बैंकिंग सेक्टर में मिश्रित रुख रहा, जहां प्राइवेट बैंकों में दबाव देखा गया लेकिन PSU बैंकों में स्थिरता रही।
• IT सेक्टर कमजोर रहा, डॉलर में मजबूती और वैश्विक IT बजट में कटौती से दबाव बना।
• मेटल सेक्टर में गिरावट रही, चीन से मांग कमजोर और कच्चे माल की कीमतों में नरमी के कारण।
आर्थिक घटनाएं :
1. RBI का बड़ा फैसला:
रिज़र्व बैंक ने इंडसइंड बैंक की ओवरसाइट कमेटी का कार्यकाल 28 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया है। बैंक के नए एमडी और सीईओ की नियुक्ति में देरी इसकी वजह मानी जा रही है।
2. GST संग्रह में गिरावट:
जुलाई 2025 में GST कलेक्शन ₹1.65 लाख करोड़ रहा, जो जून की तुलना में करीब ₹5,000 करोड़ कम है।
3. विदेशी मुद्रा भंडार घटा:
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $1.5 बिलियन घटकर $637.2 बिलियन पर आ गया। इससे रुपए पर दबाव बढ़ा।
4. कंपनियों के तिमाही नतीजे:
HDFC Bank के नतीजे अनुमान से बेहतर रहे जबकि ITC और Asian Paints के रिजल्ट बाजार को प्रभावित नहीं कर सके।
Global Market Overview :
वैश्विक बाजारों की चाल भी कमजोर रही, जिससे भारतीय शेयर बाजार प्रभावित हुआ।
• अमेरिका (Dow Jones, Nasdaq):
कमजोर जॉब डेटा और फेडरल रिज़र्व के अगली पॉलिसी स्टेटमेंट को लेकर निवेशकों में चिंता बढ़ी। Nasdaq में करीब 1.4% की गिरावट दर्ज की गई।
• यूरोप:
ECB की अगली ब्याज दर नीति को लेकर मतभेद रहे। फ्रांस और जर्मनी में व्यापार डेटा कमजोर रहा।
• चीन:
रियल एस्टेट सेक्टर में संकट गहराने से एशियाई बाजारों में दबाव रहा।
• क्रूड ऑयल:
कीमतें $82 प्रति बैरल के पास बनी रहीं। भारत के लिए यह स्तर चिंता का विषय नहीं है लेकिन लगातार निगरानी की जरूरत है।
• डॉलर-रुपया विनिमय दर:
डॉलर की मजबूती के कारण रुपया दबाव में रहा और ₹83.35 प्रति डॉलर के करीब बंद हुआ।
आगामी सप्ताह की महत्वपूर्ण घटनाएं :
1. FOMC बैठक (US):
फेडरल रिज़र्व की ब्याज दर पर घोषणा इस सप्ताह होगी। दरें स्थिर रखी जाती हैं या कोई संकेत दिए जाते हैं, तो उसका सीधा असर बाजार पर होगा।
2. ऑटो कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़े:
1 अगस्त को जुलाई की बिक्री रिपोर्ट जारी होगी। इससे ऑटो स्टॉक्स में हलचल आ सकती है।
3. कोर सेक्टर का ग्रोथ डेटा:
भारत के आधारभूत क्षेत्रों की ग्रोथ रिपोर्ट 30 जुलाई को आएगी।
4. कंपनियों के तिमाही नतीजे:
Tata Motors, Axis Bank, SBI Life और Larsen & Toubro जैसी बड़ी कंपनियां इस सप्ताह अपने नतीजे पेश करेंगी।
निवेशकों के लिए रणनीति :
• लॉन्ग टर्म निवेशक:
गिरावट को खरीदारी के अवसर की तरह देखें, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स और डाइवर्सिफिकेशन का पालन करें।
• मिडकैप/स्मॉलकैप में निवेश:
इनमें अस्थिरता अधिक रहेगी, इसलिए जोखिम के अनुरूप निवेश करें।
• IT और मेटल सेक्टर में सतर्कता:
इन क्षेत्रों में फिलहाल दबाव बना रह सकता है, ऐसे में निवेश या ट्रेडिंग करते समय केवल तकनीकी संकेतों के आधार पर ही पोजिशन लेना समझदारी होगी।
• FMCG और ऑटो सेक्टर पर फोकस करें:
ये सेक्टर मजबूत नजर आ रहे हैं और आने वाले महीनों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
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