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Yes Bank को नया सहारा, RBI ने रामा सुब्रमण्यम गांधी की नियुक्ति को मंजूरी दी।
RBI ने दी हरी झंडी, Yes Bank में रामा गांधी की दोबारा नियुक्ति - उनकी यात्रा और अनुभव पर एक नज़र
Rama Gandhi (Photo - Social Media )
Yes Bank gets new Chairman: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक (Yes Bank) के लिए अहम मंजूरी दी है। पूर्व डिप्टी गवर्नर रामा सुब्रमण्यम गांधी को दोबारा पार्ट-टाइम चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 20 सितंबर 2025 से शुरू होकर 13 मई 2027 तक चलेगा। यस बैंक ने साफ किया है कि गांधी पर किसी भी रेगुलेटरी अथॉरिटी जैसे सेबी (SEBI) की रोक नहीं है और न ही उनका बैंक के किसी डायरेक्टर या मैनेजमेंट टीम से पारिवारिक संबंध है।
गांधी की यात्रा - RBI से Yes Bank तक
रामा गांधी पहले भी 2022 में तीन साल के लिए यस बैंक के पार्ट-टाइम चेयरमैन बने थे। उससे पहले वे भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर (2014-2017) रह चुके हैं।उनका अनुभव 37 साल से ज्यादा का है जिसमें उन्होंने केंद्रीय बैंकिंग, वित्तीय बाजार, पेमेंट सिस्टम और टेक्नोलॉजी रिसर्च में अहम योगदान दिया है। खास बात यह है कि उन्होंने हैदराबाद स्थित IDRBT (Institute for Development and Research in Banking Technology) का नेतृत्व भी किया है।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
बैंकिंग सेक्टर में चेयरमैन की भूमिका सिर्फ प्रशासनिक नहीं होती, बल्कि रणनीतिक भी होती है। यस बैंक, जो कभी NPA संकट और पूंजी संकट से जूझ चुका है, अब स्थिरता की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में गांधी जैसे अनुभवी चेयरमैन की नियुक्ति निवेशकों और ग्राहकों के भरोसे को मजबूत करेगी।
गांधी की वैश्विक पहचान
रामा गांधी ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई है। वे शुरुआती Monetary Policy Committee (MPC) के सदस्य रहे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Basel Committee on Banking Supervision (BCBS) तथा Committee on Global Financial Systems (CGFS) में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, उन्होंने तीन वर्षों तक सेबी (SEBI) में सेकंडमेंट पर काम करते हुए पूंजी बाजार की गहराई से समझ विकसित की।
शिक्षा और विशेषज्ञता
गांधी ने तमिलनाडु की अन्नामलाई यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री ली। इसके अलावा उन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वॉशिंगटन डीसी से मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम्स और सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से कैपिटल मार्केट्स पर सर्टिफिकेट हासिल किए। वे Certified Associate of Indian Institute of Banking & Finance भी हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने गांधी विचारधारा पर भी अध्ययन किया है।
यस बैंक पर संभावित असर
इस नियुक्ति से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा। इसके साथ ही बैंक की कॉरपोरेट गवर्नेंस में सुधार आएगा और नियामक संस्थाओं के साथ तालमेल और बेहतर बनेगा। इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यस बैंक की विश्वसनीयता बढ़ने की पूरी संभावना है।2019 में यस बैंक बड़े वित्तीय संकट से गुजरा था। उस समय निवेशकों का भरोसा टूट चुका था और बैंकिंग शेयर धड़ाम हो गए थे। लेकिन धीरे-धीरे नए मैनेजमेंट और नीतिगत फैसलों से बैंक फिर उभरने लगा। अब जब RBI ने गांधी जैसे अनुभवी चेयरमैन को दोबारा मंजूरी दी है, तो यह निवेशकों को संकेत देता है कि बैंक का भविष्य स्थिर दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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