TRENDING TAGS :
भाजपा हाईकमान ने 'राष्ट्रीय अध्यक्ष' के लिए जनता को दिए 'चार' विकल्प; सरकार और संगठन का सही 'बैलेंस'
BJP New President: फिलहाल तमाम समीकरणों को साधते हुए, संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ चुनावी रणनीति को भी ध्यान में रख रहा है।
BJP New President: देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में इन दिनों संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया जोरों पर है। पार्टी अब तक 22 राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर चुकी है, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव का रास्ता भी औपचारिक तौर पर साफ हो गया है। हालांकि अब केवल कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन बाकी है, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा चर्चाओं में उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव और राष्ट्रीय नेतृत्व की अगली कमान है।
बीते एक दशक में भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर जो ताकत और स्थिरता मिली है, उसका केंद्र रहा है उत्तर प्रदेश। ऐसे में पार्टी इस राज्य की राजनीतिक साख को किसी भी सूरत में कमजोर नहीं होने देना चाहती। भाजपा नेतृत्व के लिए यह केवल एक संगठनात्मक प्रक्रिया नहीं, बल्कि रणनीतिक संतुलन साधने की भी चुनौती है।
केंद्रीयकरण की दिशा में बढ़ती पार्टी, चयन की जगह 'सिलेक्शन'?
भाजपा अब संगठनात्मक रूप से अधिक केंद्रीकृत होती जा रही है। ऐसे में अध्यक्ष का चुनाव, असल में एक 'सिलेक्शन' प्रक्रिया बन गया है, जहां कई समीकरणों का संतुलन साधना जरूरी है। केंद्र और यूपी, दोनों स्तर पर संभावित बदलावों को लेकर पार्टी के सामने कई सवाल खड़े हैं। गैर-प्रदर्शनकारी नेताओं को एकदम हटाया नहीं जा सकता, तो उन्हें कैसे समायोजित किया जाएगा? बाहर से आए नेताओं को संगठन में कैसे फिट किया जाएगा? पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को कहां प्रतिनिधित्व मिलेगा? इन जटिल सवालों के जवाब पार्टी को जल्द तलाशने होंगे।
यूपी में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोरों पर
पार्टी महासचिव विनोद तावड़े द्वारा उत्तर प्रदेश में संगठन के हालात पर फीडबैक लेने और पीयूष गोयल को चुनावी प्रभारी बनाए जाने के बाद भी यह साफ नहीं है कि सरकार और संगठन की कमान किस दिशा में जाएगी। कैबिनेट में संभावित बदलाव क्या केवल मंत्रियों तक सीमित रहेंगे या संगठन स्तर पर भी बड़े फेरबदल होंगे? सबसे अहम यह कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सरकार और संगठन के बीच नियंत्रण और संतुलन कैसे कायम करेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की तुलना में यूपी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कहीं ज्यादा पेचीदा और चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
कौन होंगे नए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष? चार नामों पर मंथन जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में फिलहाल छह नाम सबसे आगे हैं। पार्टी इस चयन में तीन मुख्य पहलुओं को ध्यान में रख रही है: संगठन में अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन, और सामाजिक-जातीय समीकरण।
संभावित उम्मीदवार:
शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री। संगठन में गहरी पकड़, जनसंघ से जुड़ाव और व्यापक जनस्वीकार्यता रखते हैं।
मनोहर लाल खट्टर: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री। संघ की पृष्ठभूमि और प्रशासनिक अनुभव के चलते राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए संभावित चेहरा।
धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री और ओडिशा के प्रभावशाली नेता। पूर्व भारत में पार्टी के विस्तार के लिए अहम रणनीतिक विकल्प।
सुनील बंसल: राष्ट्रीय महासचिव और संगठन के युवा रणनीतिकार। यूपी में पार्टी संगठन को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
भाजपा नेतृत्व फिलहाल तमाम समीकरणों को साधते हुए, संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ चुनावी रणनीति को भी ध्यान में रख रहा है। आने वाले दिनों में अध्यक्ष पदों को लेकर लिए गए फैसले पार्टी के आगामी भविष्य की दिशा तय करेंगे।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!