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मोदी की टीम में भूचाल! 24 प्रदेश अध्यक्ष बदले, अगला निशाना राष्ट्रीय अध्यक्ष?

BJP president change: बीजेपी में इन दिनों जो चल रहा है, वो महज़ संगठनात्मक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक साइलेंट ऑपरेशन है – जिसे 'बदलाव की पटकथा' कहा जा रहा है। बीते तीन दिनों में पार्टी ने एक के बाद एक राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्षों की तैनाती की है।

Harsh Srivastava
Published on: 2 July 2025 7:10 PM IST
मोदी की टीम में भूचाल! 24 प्रदेश अध्यक्ष बदले, अगला निशाना राष्ट्रीय अध्यक्ष?
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BJP president change: जब कोई दल चुनाव से पहले अपने खेमे को इस कदर सजाने-संवारने में लग जाता है, तो समझ लीजिए कि या तो तूफान आने वाला है... या तूफान लाने की तैयारी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी कुछ वैसा ही कर रही है – लेकिन ये तैयारी महज़ चुनावी रणनीति नहीं लग रही, बल्कि सत्ता के गलियारों में किसी बड़े बदलाव की आहट है। बीजेपी में इन दिनों जो चल रहा है, वो महज़ संगठनात्मक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक साइलेंट ऑपरेशन है – जिसे 'बदलाव की पटकथा' कहा जा रहा है। बीते तीन दिनों में पार्टी ने एक के बाद एक राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्षों की तैनाती की है। लेकिन ये सिर्फ नामों की घोषणा नहीं है – ये पावर बैलेंस की शिफ्टिंग है, अंदरखाने सत्ता की अगली पारी का कच्चा खाका है। और अब तक 24 राज्यों में यह सिलसिला पूरा हो चुका है। कल यह आंकड़ा 25 तक पहुंच जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो यह सिर्फ प्रदेशों की कमान तय करने का मामला नहीं, बल्कि इसकी आड़ में दिल्ली की केंद्रीय सत्ता में भी 'रीसेट बटन' दबाया जा रहा है। क्योंकि जैसे ही 19 राज्यों में आंतरिक चुनाव पूरे हो जाते हैं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी – और यही असली खेल है!

मध्य प्रदेश से लद्दाख तक – हर नियुक्ति में छिपा है संदेश

आज की सबसे बड़ी खबर यह रही कि मध्य प्रदेश में हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वे वैश्य समाज से आते हैं – और बीजेपी के जातीय समीकरणों में यह तबका एक निर्णायक भूमिका निभाता है। इसी तरह लद्दाख में ताशी गयालसन खाचू को कमान दी गई है। नज़रअंदाज़ न करें, ये वही लद्दाख है जहां ‘Union Territory’ बनने के बाद भी विकास को लेकर गुस्सा है और लोग दिल्ली से नाराज़ हैं। बीजेपी की ये रणनीति साफ़ दिखाती है कि वह 2024 के बाद अब 2025-26 के रोडमैप पर काम कर रही है और ये नियुक्तियां महज़ संगठन की मजबूती के लिए नहीं, बल्कि आने वाले 'बदलाव' की ग्राउंडिंग के लिए हैं।

बंगाल में सस्पेंस गहरा: क्या शुभेंदु बनाम भट्टाचार्य की जंग छिड़ने वाली है?

आज का सबसे दिलचस्प घटनाक्रम रहा पश्चिम बंगाल में। यहां बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पुराने संगठनकर्ता शामिक भट्टाचार्य ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के वक्त उनके साथ थे – विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और मौजूदा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार। अब इस तस्वीर को आप यूं ही मत देखिए – ये वही बंगाल है जहां बीजेपी को फिर से खड़ा करना एक चुनौती है, और जहां 'नेतृत्व परिवर्तन' को लेकर अंदरखाने गहरी खींचतान चल रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अगले कुछ दिन बेहद निर्णायक होंगे – क्योंकि इन राज्यों की नियुक्तियों से साफ़ होगा कि पार्टी का हाईकमान किस खेमे की तरफ झुक रहा है।

क्या बदलने वाला है दिल्ली का सिंघासन?

बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते। ये तय करते हैं कि अगले पांच साल पार्टी का चेहरा कौन होगा, और कंधे किसके होंगे।सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी जल्द बदलाव संभव है, लेकिन उसकी शर्त है – यूपी, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और हरियाणा जैसे बड़े राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की तैनाती और चुनाव पूरा होना। यह सब होता जा रहा है। यानी वो मोमेंट ऑफ ट्रांजिशन अब बहुत दूर नहीं। क्या अमित शाह एक बार फिर संगठन की कमान संभालेंगे? या कोई नया चेहरा—जैसे भूपेंद्र यादव, कैलाश विजयवर्गीय, या फिर उत्तर से लेकर पूर्वोत्तर तक किसी अप्रत्याशित नेता को उछाल दिया जाएगा? सवाल कई हैं, लेकिन एक बात साफ है – बीजेपी सिर्फ चुनाव नहीं, अपना चेहरा भी बदलने की तैयारी में है।

2024 की जीत के बाद अब 2025 की 'गिरहबंदी' शुरू!

बीजेपी ने महाराष्ट्र में रवींद्र चव्हाण, आंध्र प्रदेश में पीवीएन माधव, तेलंगाना में एन रामचंदर राव, उत्तराखंड में महेंद्र भट्ट, हिमाचल में राजीव बिंदल, पुडुचेरी में वीपी रामलिंगम और अंडमान-निकोबार में अनिल तिवारी जैसे नेताओं को नियुक्त कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। यह नियुक्ति नहीं, एक मेसेज है – कि पार्टी अब ‘मोदी बनाम विपक्ष’ नहीं, बल्कि ‘बीजेपी बनाम सत्ता की थकान’ लड़ने को तैयार हो रही है।

तो अगला अध्यक्ष कौन?

अब सबकी निगाहें टिक गई हैं – बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर। जैसे-जैसे प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्तियां पूरी हो रही हैं, वैसे-वैसे यह सवाल और गर्म होता जा रहा है कि क्या जेपी नड्डा की कुर्सी हिलने वाली है? या फिर हाईकमान कोई बड़ा दांव खेलने वाला है, जो विपक्ष को चौंका दे? एक बात तो तय है – ये सिर्फ संगठन का चुनाव नहीं, सत्ता के भीतर साज़िशों का मौसम है। जिसमें हर नियुक्ति, हर नाम और हर चुप्पी – एक गहरे तूफान का संकेत दे रही है। सवाल अब सिर्फ इतना है: अगला अध्यक्ष कौन? और क्या वो 2029 तक का चेहरा बन पाएगा? या 2025 में ही ‘मोदी के बाद कौन’ की बहस की शुरुआत हो जाएगी?

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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