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UP में प्रदेश अध्यक्ष के चयन में देरी क्यों? वजह यह तो नहीं; रेस में इन नेताओं के नाम चल रहे आगे

UP BJP president News: यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब उनके विकल्प की तलाश की जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा यह है कि यूपी में अध्यक्ष का नाम घोषित होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।

Shishumanjali kharwar
Published on: 3 July 2025 1:13 PM IST (Updated on: 3 July 2025 1:47 PM IST)
UP BJP president News
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UP BJP president News: भारतीय जनता पार्टी के सांगठनिक चुनाव ने इन दिनों तेजी पकड़ रखी है। सोमवार से लेकर बुधवार तक के बीच भाजपा ने नौ राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चयन कर लिया है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्य भी शामिल हैं। लेकिन अभी भी देश की आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष का नाम तय नहीं हो सका है।

यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब उनके विकल्प की तलाश की जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा यह है कि यूपी में अध्यक्ष का नाम घोषित होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। लेकिन आखिर ऐसी क्या वजह है जो उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष का नाम तय होने की इतनी देरी लग रही है। इसके कई कारण भी सामने आ रहे हैं। भाजपा और आरएसएस यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी ऐसे नेता की तलाश कर रही है और यूपी में सामाजिक समीकरण को साध सके। यहीं नहीं वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार और केंद्र के बीच सेतु भी बन सके।

इन नेताओं के नाम की चर्चा तेज

उत्तर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष की रेस में यूं तो कई नाम चल रहे हैं। लेकिन धर्मपाल सिंह लोधरी की चर्चा काफी ज्यादा है। वह लोध समाज से ताल्लुक रखते है। भाजपा गैर-यादव ओबीसी समाज को अपने पाले में लाने की कोशिश में इस समाज को हमेशा तवज्जो देती रही है। धर्मपाल सिंह लोधी की छवि साफ-सुथरी नेता के तौर पर मानी जाती है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष के लिए स्वतंत्रदेव सिंह को भी दावेदार माना जा रहा है। वह पूर्व में भी प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं। पिछड़े समाज से आने वाले स्वतंत्रदेव सिंह सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी भी माने जाते हैं।

दलित नेता को भी मिल सकता है अवसर

उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष को लेकर यह भी संभावना जतायी जा रही है कि शीर्ष नेतृत्व प्रदेश संगठन की कमान किसी दलित नेता के हाथ में भी सौंप सकती है। इनमें रामशंकर कठेरिया का नाम सुर्खियों में हैं। भाजपा और आरएसएस प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर इसलिए भी मंथन कर रही है कि क्योंकि वह यूपी जैसे बड़े राज्य के हर अंचल को एक मजबूत नेता के जरिए साधने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही सामाजिक समीकरणों के लिहाज से भाजपा सकारात्मक संदेश भी देना चाह रही है।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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