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ग्लोबल चांदी मार्केट में आई भारी तबाही, कहीं भारत तो नहीं इसका कारण?
Silver Crisis Unfolded: इस दिवाली और धनतेरस पर भारत में चांदी की खरीदारी बहुत बढ़ गई। MMTC-PAMP, देश की सबसे बड़ी चांदी रिफाइनरी, पहली बार अपने स्टॉक से खाली हो गई। कंपनी के ट्रेडिंग हेड विपिन रैना ने कहा कि अपने 27 साल के करियर में उन्होंने इतनी बड़ी मांग कभी नहीं देखी।
आम तौर पर सोने की तुलना में चांदी की मांग कम रहती है, लेकिन इस बार सोशल मीडिया और निवेश विशेषज्ञों के कहने पर निवेशकों ने चांदी में तेजी दिखाई। अप्रैल में वायरल हुए निवेशक सार्थक आहूजा के वीडियो में कहा गया कि सोने के मुकाबले चांदी का रेशियो 100:1 है, यानी अब चांदी की बारी है।
इस वजह से चांदी की प्रीमियम दरें बढ़कर $5 प्रति औंस (लगभग ₹4,000) तक पहुँच गईं। दिल्ली के एम.डी. ओवरसीज बुलियन के जनरल मैनेजर अमित मित्तल ने कहा कि अपने 28 साल के करियर में इतनी भारी मांग उन्होंने कभी नहीं देखी।
वैश्विक बाजार में चांदी की किल्लत
भारत में चांदी की भारी मांग ने दुनिया के बाजारों पर भी असर डाला। लंदन जैसे बड़े ट्रेडिंग हब में स्टॉक खत्म हो गए, इसलिए बैंकों ने ग्राहकों को भाव बताना बंद कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, लंदन में उपलब्ध फ्री फ्लोट चांदी अक्टूबर की शुरुआत तक 150 मिलियन औंस से कम रह गई।
इस कमी की वजह से चांदी उधार लेने की ब्याज दरें सालाना 200% तक पहुँच गईं। खरीद और बिक्री के दामों का अंतर (बिड-आस्क स्प्रेड) इतना बढ़ गया कि व्यापार करना लगभग असंभव हो गया। कई ट्रेडर्स ने इसे पिछले 45 साल का सबसे बड़ा सिल्वर संकट कहा।
चांदी संकट के पीछे के मुख्य कारण
इस चांदी संकट के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे पहले, भारत में दिवाली और धनतेरस के मौके पर चांदी की भारी मांग रही। इसके अलावा, पिछले पांच सालों से दुनिया भर में चांदी की मांग उसके उत्पादन से ज्यादा रही है। सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों ने भी चांदी की खपत बढ़ा दी है।
अमेरिका में संभावित टैरिफ के डर से बहुत सारी चांदी न्यूयॉर्क के वेयरहाउस में जमा कर दी गई, जिससे लंदन के स्टॉक और भी कम हो गए। निवेशकों ने ETFs में 100 मिलियन औंस से ज्यादा चांदी खरीदी, जिससे बाजार में कमी और तेज हो गई। चीन में छुट्टियों के कारण आपूर्ति में देरी भी हुई, जिसने संकट को और बढ़ा दिया।
चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भविष्य
चांदी की कीमतें हाल ही में $54 प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुँच गईं, लेकिन उसी दिन अचानक 6.7% तक गिर गईं। इस अत्यधिक अस्थिरता के कारण कोटक एसेट मैनेजमेंट, UTI AMC और SBI म्यूचुअल फंड ने अपने सिल्वर फंड्स में नई सब्सक्रिप्शन पर रोक लगा दी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट कृत्रिम नहीं, बल्कि असली कमी के कारण पैदा हुआ है। TD Securities के एनालिस्ट डेनियल घाली ने बताया कि जल्द ही न्यूयॉर्क और चीन से बड़ी मात्रा में चांदी आने की उम्मीद है, जिससे बाजार पर दबाव कम हो सकता है।
डिस्क्लेमर
यह केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपनी रिसर्च करें या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
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