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चांदी ने छुआ 50 डॉलर का स्तर, क्या अभी है Silver ETF में निवेश का सही वक्त?
चांदी की कीमतों में अचानक तेजी ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। अब निवेशक सीधे फिजिकल सिल्वर की बजाय SILVER ETF में निवेश कर रहे हैं, लेकिन क्या यह सही समय है और क्यों?
Silver Price Today: हाल ही में चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिली है, जिसने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। 9 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी ने पहली बार 50 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार कर लिया। भारत में भी चांदी की कीमत बढ़कर 1.63 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। इस अचानक तेजी ने उन निवेशकों को आकर्षित किया है, जो पहले चांदी में निवेश करने से बचते थे।
आज कई निवेशक सीधे फिजिकल चांदी खरीदने की बजाय सिल्वर ETF (Exchange Traded Fund) में निवेश कर रहे हैं। सिल्वर ETF की कीमत चांदी के भाव के अनुसार बदलती रहती है और यह स्टॉक एक्सचेंज पर आसानी से खरीदी-बेची जा सकती है। फिलहाल, कई ETF अपने NAV से ऊपर प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं।
सिल्वर ETF क्यों है लोकप्रिय
सिल्वर ETF निवेश का वह विकल्प है जिसे निवेशक स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह खरीद और बेच सकते हैं। यह फंड चांदी की वास्तविक मात्रा या उससे संबंधित वित्तीय साधनों में निवेश करता है। इसकी कीमत सीधे तौर पर चांदी के बाजार भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित होती है।
विशेषज्ञ का कहना है कि हाल के दिनों में NSE पर SBI सिल्वर, HDFC सिल्वर और एक्सिस सिल्वर ETF में तेज बढ़त देखी गई है। ये फंड 9% से 13% तक बढ़ चुके हैं और अपनी नेट एसेट वैल्यू (NAV) से ज्यादा दाम पर ट्रेड कर रहे हैं। इस तेजी ने निवेशकों का ध्यान खींचा है और सिल्वर ETF में निवेश को और आकर्षक बना दिया है।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी के वायदा भाव में 0.6% की गिरावट दर्ज की गई है। यह रुझान इस बात का संकेत है कि मौजूदा तेजी का कारण चांदी की वास्तविक मांग नहीं, बल्कि निवेशकों की भावनाओं और भीड़ के साथ कदम मिलाने की प्रवृत्ति है।
सिल्वर ETF में निवेश का सही समय
विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की हाल की तेजी FOMO (मौका छूट जाने का डर) की वजह से है। बहुत से निवेशक यह सोचकर चांदी या सिल्वर ETF (Silver ETF) खरीद रहे हैं कि अगर अभी निवेश नहीं किया तो भविष्य में मुनाफा खो देंगे।
हालांकि, यह तेजी शायद अल्पकालिक है। जब अचानक चांदी की मांग बढ़ती है और बाजार में फिजिकल चांदी कम हो जाती है, तब ETF प्रीमियम पर ट्रेड करने लगते हैं। यह अस्थायी मांग और आपूर्ति के असंतुलन को दिखाता है। इसलिए निवेशकों को धैर्य रखकर और लंबी अवधि के नजरिए से ही चांदी या सिल्वर ETF में निवेश करना चाहिए।
कोटक म्यूचुअल फंड ने लिया एहतियाती कदम
चांदी की बढ़ती मांग को देखते हुए, कोटक म्यूचुअल फंड ने 9 अक्टूबर से अपने कोटक सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में एकमुश्त निवेश (Lump Sum) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। कोटक AMC के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह ने इसे निवेशकों के हित में एक समझदारी भरा कदम बताया।
हालांकि, SIP निवेश और रिडेम्प्शन की प्रक्रिया जारी रहेगी। फंड तब तक नए निवेश के लिए खुला रहेगा जब तक ETF का प्रीमियम सामान्य स्तर पर नहीं आ जाता।
इस कदम का उद्देश्य निवेशकों को ऊँचे प्रीमियम पर निवेश करने के जोखिम से बचाना और सुरक्षित निवेश विकल्प बनाए रखना है।
निवेशकों को रखना चाहिए धैर्य
विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशक उत्साह में आकर सिल्वर ETF या चांदी में तुरंत निवेश न करें। जब ETF अपने NAV (Net Asset Value) से ज्यादा कीमत पर ट्रेड कर रहे हों, तब निवेश करना सही नहीं माना जाता। बेहतर होगा कि बाजार सामान्य स्तर पर आने के बाद ही निवेश का निर्णय लिया जाए।
हालांकि, चांदी का दीर्घकालिक दृष्टिकोण अभी भी मजबूत और सकारात्मक बना हुआ है। इसलिए निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश और सुरक्षित विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए।
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