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Ups and Downs in Yes Bank Shares:"यस बैंक (YES BANK) के शेयरों में उठा-पटक: निवेशकों के लिए खतरे की घंटी या मौका?"
Ups and Downs in Yes Bank Shares: विश्लेषकों का मानना है कि अगर बैंक की बैलेंस शीट अगले कुछ तिमाहियों में मजबूत होती है, तो यह शेयर धीरे-धीरे निवेशकों का भरोसा वापस पा सकता है।
Yes Bank (Social Media)
Ups and Downs in Yes Bank Shares : सोचिए आप सुबह-सुबह अपनी चाय के साथ अख़बार खोलते हैं और पहली ही हेडलाइन मिलती है – "यस बैंक (Yes Bank) के शेयरों में तेज़ गिरावट". फिर दो दिन बाद खबर आती है – "यस बैंक (YES BANK) के शेयरों में जबरदस्त उछाल, निवेशकों को बड़ा मुनाफा!" यह उठा-पटक सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि उन लाखों निवेशकों की धड़कनें हैं, जो रोज़ इस शेयर के भाव के साथ ऊपर-नीचे हो रही होती हैं।
यस बैंक (YES BANK) की कहानी आज सिर्फ एक बैंक की नहीं, बल्कि एक ऐसे ब्रांड की है जो बुरे दौर से गुजरकर फिर से खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। आइए जानें कि आखिर यस बैंक (YES BANK) के शेयरों में यह उतार-चढ़ाव क्यों हो रहा है? क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? या यह एक नए मौके की शुरुआत हो सकती है?
1: यस बैंक (YES BANK) की पृष्ठभूमि – कहां से कहां तक?
यस बैंक (YES BANK) की स्थापना 2004 में हुई थी, और कुछ ही वर्षों में इसने खुद को एक प्राइवेट सेक्टर के तेज़ी से बढ़ते बैंक के रूप में स्थापित कर लिया। खास बात यह रही कि बैंक ने नए जमाने के युवाओं, स्टार्टअप्स और मिड-साइज बिजनेस को टारगेट किया। डिजिटल बैंकिंग में इसकी पकड़ भी मजबूत रही।
परंतु 2018 के बाद से बैंक के सामने चुनौतियां आने लगीं। लोन देने में लापरवाही, खराब कॉर्पोरेट गवर्नेंस और एनपीए (NPA) में बढ़ोतरी ने इसकी साख को झटका दिया। 2020 तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि आरबीआई को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा और बैंक पर मोरेटोरियम लगा दिया गया। निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा।
2: क्यों हो रही है उठा-पटक?
1. नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) का डर
यस बैंक (YES BANK) के शेयरों में अस्थिरता का सबसे बड़ा कारण है – खराब कर्ज यानी NPA। बैंक ने कई कंपनियों को ऐसे समय लोन दिया, जब उनका बैलेंस शीट कमजोर था। जैसे ही ये कंपनियाँ दिवालिया हुईं, बैंक का पैसा डूबने लगा।
2. प्रमोटर से विश्वासघात
पहले के प्रमोटर राणा कपूर पर लगे आरोपों और उनके खिलाफ जांच ने बैंक की छवि को गंभीर नुकसान पहुँचाया। निवेशकों का मानना था कि अगर टॉप मैनेजमेंट ही सही नहीं है, तो कंपनी का क्या होगा?
3. सरकारी और संस्थागत दखल
मार्च 2020 में एसबीआई समेत कई बड़े बैंकों ने यस बैंक (YES BANK) में निवेश कर उसे बचाया। इससे थोड़ी स्थिरता जरूर आई, लेकिन बाजार में एक मैसेज चला गया कि अब यह बैंक ‘स्वतंत्र नहीं’ रहा।
4. F&O सेगमेंट में शामिल होना
हाल ही में यस बैंक (YES BANK) फिर से फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O) सेगमेंट में शामिल हुआ है। इससे इसमें ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही वोलैटिलिटी भी बढ़ी है। छोटे निवेशक भ्रमित हो जाते हैं – कब खरीदें, कब बेचें?
3 : यस बैंक के शेयर: हाल के कुछ महीनों में उतार-चढ़ाव
* जनवरी 2024: शेयर ने किया ज़ोरदार प्रदर्शन और पहुँचा ₹18.45 पर। निवेशकों को मिली 12% की बढ़त।
* मार्च 2024: बाज़ार में अनिश्चितता के चलते गिरावट आई और शेयर फिसला ₹15.80 तक। यानी 14% की गिरावट।
* मई 2024: एक बार फिर निवेशकों की उम्मीदें जगीं और शेयर चढ़ा ₹17.20 पर। मिला 9% का फायदा।
* जून 2024: फिर आई मंदी की आहट और शेयर गिरा ₹16.10 तक। यानी 6% की गिरावट।
इस तरह से हम देख सकते हैं कि पिछले कुछ महीनों में शेयरों में कोई स्थिरता नहीं रही। हर सप्ताह निवेशक अलग-अलग संकेतों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
4: क्या कहती है बाजार की मनोवृत्ति?
1. रेगुलर ट्रेडर के लिए यह जुआ है
कई शॉर्ट-टर्म ट्रेडर इस शेयर को सिर्फ एक 'ट्रेडिंग प्ले' के रूप में देख रहे हैं। एक दिन खरीदना, अगले दिन मुनाफा कमाकर निकल जाना – यही रणनीति अपनाई जा रही है।
2. लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए असमंजस
लंबी अवधि के निवेशक असमंजस में हैं। एक ओर बैंक का बिज़नेस मॉडल धीरे-धीरे सुधर रहा है, वहीं दूसरी ओर शेयर का भाव स्थिर नहीं है।
3. नए निवेशकों के लिए आकर्षण और डर दोनों
कम कीमत होने की वजह से नए निवेशकों को यह शेयर "सस्ता" लगता है। लेकिन वे अक्सर इस भ्रम में पड़ जाते हैं कि सस्ता मतलब फायदेमंद। जबकि ऐसा जरूरी नहीं होता।
5: मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका
आज के समय में एक ट्वीट या यूट्यूब वीडियो किसी भी शेयर को हिला सकता है। यस बैंक (YES BANK) भी इसका शिकार बना है। कभी कोई खबर आती है कि बैंक में विदेशी निवेशक रुचि दिखा रहे हैं, तो शेयर भागने लगता है। फिर कोई दूसरी अफवाह शेयर को जमीन पर गिरा देती है।
सोशल मीडिया पर 'पंप एंड डंप' स्कीम्स भी सक्रिय हैं। यानी एक ग्रुप मिलकर शेयर को प्रमोट करता है, लोग खरीदते हैं, और फिर अचानक ग्रुप बेचकर निकल जाता है।
6: निवेशकों के लिए सीख
1. भावनाओं से नहीं, तथ्यों से निवेश करें
शेयर अगर 15 रुपये में मिल रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह सस्ता और अच्छा है। कंपनी के फंडामेंटल्स को जांचिए।
2. टेक्निकल और फंडामेंटल दोनों देखें
टेक्निकल चार्ट्स पर ध्यान दें – कब शेयर ओवरबॉट है, कब ओवरसोल्ड। साथ ही बैलेंस शीट और एनपीए रिपोर्ट भी देखें।
3. स्टॉप लॉस और टारगेट तय करें
यस बैंक (YES BANK) जैसे अस्थिर शेयरों में बिना स्टॉप लॉस के ट्रेडिंग करना खुद को खतरे में डालने जैसा है।
4. लॉन्ग टर्म नजरिया रखें या दूर रहें
अगर आप वास्तव में इस बैंक पर विश्वास रखते हैं और आपको लगता है कि यह अगले 5 सालों में दोबारा उठ सकता है – तभी निवेश करें। वरना ऐसे शेयरों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है।
7: भविष्य की राह
यस बैंक (YES BANK) ने अपनी गवर्नेंस स्ट्रक्चर को सुधारा है, डिजिटल बैंकिंग में निवेश बढ़ाया है और कॉर्पोरेट कर्ज देने की नीति में सुधार किया है। परंतु अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर बैंक की बैलेंस शीट अगले कुछ तिमाहियों में मजबूत होती है, तो यह शेयर धीरे-धीरे निवेशकों का भरोसा वापस पा सकता है।
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