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समर्पण कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज हुई FIR, परीक्षा देने से रोकने पर छात्र ने हॉस्टल के कमरे में किया था सुसाइड
बीते गुरुवार को लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र स्थित समर्पण कॉलेज ऑफ फार्मेसी में पढ़ने वाले 25 वर्षीय छात्र शुभम कुमार ने अपने हॉस्टल के कमरे में सुसाइड कर लिया था।
Crime News (photo credit: social media)
Crime News: बीते गुरुवार को लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र स्थित समर्पण कॉलेज ऑफ फार्मेसी में पढ़ने वाले 25 वर्षीय छात्र शुभम कुमार ने अपने हॉस्टल के कमरे में सुसाइड कर लिया था। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के साथ ही मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था, जिसमें फीस न जमा होने की बात पर प्रैक्टिकल न देने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या के पीछे की वजह बताई गई थी। मामले में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू की, जिसके बाद इस प्रकरण में मृतक छात्र के परिजनों की तहरीर पर चिनहट थाना पुलिस ने समर्पण कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मृतक छात्र के भाई ने दी थी तहरीर, अनुसूचित जाति अधिनियम 3(2) में दर्ज हुई FIR
मृतक छात्र सुमित कुमार के भाई अमित कुमार ने घटना के बाद चिनहट थाने में कॉलेज प्रशासन के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं, दूसरी ओर जांच के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ नीरज कुमार वर्मा, गरिमा सिंह कक्षाध्यापक, दीप्ति शुक्ला डीन, मो फ़ैज़ कैशियर, आशीष कैशियर पर बीएनएस की धारा 108, 352 अनुसूचित जाति अधिनियम 3(2) में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई तेज कर दी है। आपको बता दें कि इस घटना के बाद अन्य छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने कानूनी कार्रवाई का आश्वासन देकर छात्रों को शांत कराया था।
'कॉलेज की फीस जमा की थी, लेकिन सिस्टम में पेंडिंग दिखा रहा था'
हॉस्टल के कमरा संख्या 109 में रहने वाले छात्र शुभम कुमार ने छत के पंखे से लटककर आत्महत्या करते हुए सुसाइड नोट में कॉलेज प्रशासन पर मानसिक प्रताड़ना देने के साथ साथ कई गंभीर आरोप लगाए थे। छात्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि मैंने कॉलेज में फीस जमा की थी लेकिन कॉलेज के सिस्टम में ही जमा हुई फीस पेंडिंग दिखा रही थी। कई बार सही करवाने का प्रयास किया, लेकिन कुछ नहीं हो पाया। मुझे प्रेक्टिकल एग्जाम देने से रोक दिया गया। छात्र शुभम ने आगे लिखा कि मेरे दोस्त पता नहीं क्या-क्या सोचेंगे। सभी लोग मुझे माफ करना।
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