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Working Professionals के लिए खुशखबरी! अब जॉब नहीं बनेगी PhD करने में रुकावट, NEP 2020 ने बदला खेल
PhD After UGC NET 2025 With Job: यूजीसी नेट जून 2025 का रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जारी कर दिया गया है। नेट एग्जाम पास करने के बाद अगर आप जॉब के साथ पीएचडी करना चाहते हैं तो अब आसानी से कर सकते हैं।
PhD After UGC NET 2025 With Job
PhD After UGC NET 2025 With Job: हाल ही में नेशनल टेस्टिंग ऐजेंसी (NTA) ने यूजीसी नेट जून 2025 का रिजल्ट (UGC NET June 2025 Result Download) जारी किया गया है। इस एग्जाम के लिए 10 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए थे। यह परीक्षा देशभर के 285 शहरों में 25 से 29 जून 2025 तक 10 शिफ्ट्स में आयोजित की गई थी। रिजल्ट जारी होने के बाद उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जाकर अपना स्कोरकार्ड (UGC NET June 2025 Score Card Download) और फाइनल आंसर (UGC NET June 2025 Final Answer Key PDF Download) की डाउनलोड कर सकते हैं। रिजल्ट के साथ-साथ श्रेणीवार और विषयवार कटऑफ (UGC NET June 2025 Category wise cutoff) भी जारी की गई है।
जॉब से के साथ पीएचडी की राह होगी आसान (Phd with Job After Qualified NET/JRF)
यूजीसी नेट जून 2025 में सफलता प्राप्त करने के बाद अब अभ्यर्थी पीएचडी करने की राह देख रहे हैं। इनमें से ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जो पीएचडी करना चाहते हैं पर इसके लिए वो अपनी जॉब नहीं छोड़ सकते, ऐसे अभयर्थियों के लिए राहत की खबर है। उच्च शिक्षा संस्थानों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत शोध कार्य को अधिक लचीला और रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से पीएचडी में पार्ट टाइम (Types of Phd) सुविधा शुरू कर दी है। अब नौकरीपेशा युवा भी बिना कोर्सवर्क की झंझट के उच्च स्तर पर शोध कर सकेंगे। इसके लिए आरजीपीवी (RGPV), ट्रिपल आईटी (IIIT), एनएलआईयू (NLIU), मैनिट और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों ने इस साल से पार्ट टाइम पीएचडी की शुरुआत की है, जिससे अब शिक्षाविदों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और आईटी प्रोफेशनल्स के लिए रिसर्च के नए रास्ते खुल गए हैं।
नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग ने की शुरूआत (National Program on Technology Enhanced Learning)
नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग आईआईटी और आईआईएससी द्वारा संचालित एक ऑनलाइन मंच है। यह मुफ्त में तकनीकी, विज्ञान और मानविकी विषयों में कोर्स उपलब्ध कराता है। इसके कोर्सवर्क को मान्यता मिलने से अब रिसर्च स्कॉलर्स बिना संस्थान की नियमित कक्षाओं के भी अपनी पीएचडी जारी रख सकते हैं।
IIIT में पार्ट टाइम पीएचडी
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, मैथेमेटिक्स और फिजिक्स जैसे विषयों में पीएचडी की सुविधा दी है। इसमें खास बात यह है कि जो अभ्यर्थी पार्ट टाइम पीएचडी करना चाहते हैं, वे एनपीटीईएल के ऑनलाइन कोर्स को विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. अजय श्रीवास्तव ने बताया, "विश्वविद्यालय में पूर्व में पीएचडी प्रवेश के लिए ऑर्डिनेंस 2017 लागू था, जिसे अब संशोधित कर ऑर्डिनेंस 2022 लागू किया गया है। इसके अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और स्पष्ट बनाया गया है। छात्रों के लिए पार्टटाइम पीएचडी की सुविधा भी रहेगी।- राजेश भार्गव, डिप्टी रजिस्ट्रार, आरजीपीपी
अब शोध सिर्फ लैब या क्लासरूम तक सीमित नहीं रहा। तकनीक और नई नीति ने पीएचडी को नौकरीपेशा युवाओं के लिए भी सुलभ बना दिया है। एनपीटीईएल जैसे मंचों और पार्ट टाइम विकल्पों ने शिक्षा और करियर को साथ-साथ साधना संभव कर दिया है। संस्थान में इसी साल से पीएचडी प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। अभ्यर्थी पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकते हैं।"
क्या होता है Part-Time PhD? (What is Part-Time PhD)
Part-Time PhD उन लोगों के लिए होती है जो पहले से किसी नौकरी में हैं लेकिन रिसर्च करना चाहते हैं। इसमें शोधार्थी को कभी-कभी ही यूनिवर्सिटी जाना होता है जैसे रिपोर्ट सबमिशन, प्रेज़ेंटेशन या Viva। आदि के लिए। इसमें कोर्स ड्यूरेशन 4 से 6 साल होता है। खास बात ये है कि पार्ट टाइम पीएचडी में स्कॉलरशिप नहीं मिलती है।
Part-Time PhD के फायदे (Part-Time PhD Advantages)
- जॉब के साथ रिसर्च कर सकते हैं।
- प्रमोशन और करियर ग्रोथ में सहायक
- वर्क एक्सपीरियंस और रिसर्च दोनों साथ में मिलता है।
Part-Time PhD नुकसान (Part-Time PhD Disadvantages)
- रिसर्च और काम में एक साथ संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है।
- गाइड और संसाधनों तक सीमित पहुंच रहती है।
- कभी-कभी एकेडमिक क्षेत्र में पार्ट टाइम पीएचडी को कम वरीयता देते हैं।
क्या होता है Full-Time PhD? (What is Full-Time PhD)
Full-Time PhD एक रेगुलर रिसर्च प्रोग्राम होता है जिसमें शोधार्थी को यूनिवर्सिटी में नियमित रूप से जाना होता है। इसमें छात्र गाइड की निगरानी में काम करता हैं और उन्हें सारा कोर्स वर्क भी करना होता है। इसका ड्यूरेशन 3 से 5 साल तक होता है। इसमें नियमित कक्षाएं, सेमिनार, प्रोग्रेस रिपोर्ट सबमिशन होता है। साथ ही इसमें फेलोशिप/स्कॉलरशिप की सुविधा (NET-JRF) भी उपलब्ध है। इसमें आपको पूरा समय सिर्फ अपने रिस्च पर देना होगा।
Full-Time PhD के फायदे (Full-Time PhD Advantages)
- रिसर्च पर फोकस करने के लिए अधिक समय
- गाइड और विभाग से सीधा संपर्क
नुकसान (Full-Time PhD Disadvantages)
- रिसर्च के बाद ही नौकरी के अवसर मिल सकते हैं।
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