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NEET UG 2025 Re-Test: हाईकोर्ट के फैसले के बाद नीट यूजी की काउंसलिंग पर लगी रोक, स्टुडेंट्स को मिलेगा री-एग्जाम का मौका
NEET UG 2025 Re-Test: नीट यूजी 2025 में शामिल मध्य प्रदेश के छात्रों को हाइकोर्ट के फैसले के बाद दोबारा एग्जाम देने का मौका दिया जायेगा। आइये जाने क्या है पूरा मामला
NEET UG 2025 Re-Test: 4 मई को आयोजित नीट यूजी की परीक्षा में बिजली गुल होने के चलते छात्रों को आई परेशानी पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को आदेश दिया कि उन उन छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए, जिन्होंने इस गड़बड़ी को लेकर 3 जून 2025 से पहले याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने साथ ही कहा कि इस विशेष परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही याचिकाकर्ताओं की रैंक तय की जाएगी। यह दोबारा परीक्षा केवल 75 छात्रों के लिए ही आयोजित की जाएगी।
इन छात्रों के नहीं मिलेगा दोबारा परीक्षा देने का मौका
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच द्वारा जारी फैसले के अनुसार, 3 जून से पहले याचिका दायर करने वाले छात्रों का पुनः परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई है क्योंकि इन छात्रों का परिणाम पहले ही घोषित हो चुका है। सुनवाई के दौरान अदालत ने परीक्षा के दिन छात्रों की कठिनाइयों को समझने के लिए कोर्टरूम की लाइट्स बंद कर उस स्थिति का आकलन भी किया था। कोर्ट ने 19 पन्नों के आदेश में माना कि छात्रों की कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें बिजली कटौती की वजह से कठिन परिस्थितियों में परीक्षा देनी पड़ी। अदालत ने यह भी कहा कि यह असमानता थी, क्योंकि कुछ परीक्षार्थी ऐसे कमरों में बैठे थे, जहां प्राकृतिक प्रकाश की भरपूर सुविधा थी।
ये है पूरा मामला
इंदौर के एक परीक्षा केंद्र में बिजली चली जाने के कारण वहां एग्जाम देने वाले स्टुडेंट्स ने हाईकोर्ट में फिर से एग्जामा कराने के लिए याचिका दायर की थी। इस याचिका की पिछली सुनवाई 9 जून को हुई थी जिसमें NTA की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, पैनल वकील रूपेश कुमार और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश दवे ने वर्चुअली अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने दावा किया कि जिन केंद्रों पर बिजली गुल हुई थी, वहां पावर बैकअप की पर्याप्त व्यवस्था थी। वहीं इसके विपरीत छात्रों की ओर से वकील मृदुल भटनागर ने अपनी दलील में सरकारी पक्ष के दावे को खारिज करते हुए कहा कि खुद NTA के सेंटर ऑब्जर्वर ने रिपोर्ट में लिखा है कि कई केंद्रों पर जनरेटर उपलब्ध नहीं थे और पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी। वकील ने उज्जैन के उन छह परीक्षा केंद्रों की रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत करने की मांग की, जहां बिजली कटौती के चलते परीक्षा प्रभावित हुई थी। इस केस में छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दोबारा एग्जाम आयोजित कराने का आदेश दिया है।
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