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Shraddha Kapoor की नई फिल्म का टाइटल Vittha, जानिए कौन थी Vitjabai Narayangaonkar, जिनकी है बॉयोपिक
Who Is Vitjabai Narayangaonkar: श्रद्धा कपूर ने एक और फिल्म साइन की है, जिसका नाम विट्ठा रखा गया है, निभाएंगी विथाबाई नायारणगांवकर का किरदार, जाने इनके बारे में
Shraddha Kapoor New Movie Vittha
Shraddha Kapoor New Movie Vittha: मीडिया रिपोर्ट कि माने तो श्रद्धा कपूर स्त्री 3 के बाद एक बार फिर से मैडॉक फिल्म्स के साथ एक नई फिल्म करने जा रही हैं। जिसका टाइटल विट्ठा रखा गया है। दिनेश विजान और मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित और लक्ष्मण उटेकर द्वारा निर्देशित बहुप्रतीक्षित बायोपिक में श्रद्धा कपूर महान तमाशा और लावणी कलाकार विथाबाई नारायणगांवकर की भूमिका में नजर आएंगी। चलिए जानते हैं श्रद्धा कपूर की नई फिल्म विट्टा के बारे में और कौन थी Vitjabai Narayangaonkar
श्रद्धा कपूर की नई फिल्म का टाइटल विट्ठा (Vitjabai Narayangaonkar New Movie Title Vittha)-
बॉक्स ऑफिस वर्ल्डवाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार श्रद्धा कपूर की फिल्म का टाइटल पहले तमाशा रखा गया था। लेकिन अब इसको बदलकर विट्टा (Vittha) रख दिया गया है। जिसके बारे में अभी तक ऑफिशियल अनॉउंसमेंट नहीं की गई है। फिल्म निर्माताओं ने पुणे में उनके परिवार से जीवन के अधिकार पहले ही हासिल कर लिए हैं, जो उनकी उल्लेखनीय यात्रा को प्रामाणिकता से चित्रित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दिनेश विजान और लक्ष्मण उटेकर दोनों ही प्रोजेक्ट्स ने भावनात्मक कहानी कहने और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। श्रद्धा कपूर के लिए विट्ठा मुख्यधारा के मनोरंजक फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाने के बाद, विषय-वस्तु से प्रेरित सिनेमा में वापसी का प्रतीक है, जो उन्हें एक ऐसी भूमिका में स्थापित करती है जो कलात्मक गहराई और सांस्कृतिक संवेदनशीलता दोनों की माँंग करती है। हालांकि कास्टिंग अभी भी गुप्त रखी गयी है। लेकिन रिपोर्ट कि माने तो Shraddha Kapoor के साथ एक युवा अभिनेता भी नजर आएगा।
कौन थी विथाबाई नारायणगांवकर (Who Is Vitjabai Narayangaonkar In Hindi)-
तमाशा क्वीन के नाम से प्रसिद्ध मशहूर Vitjabai Narayangaonkar, महाराष्ट्र की लोक नाट्य परंपरा में एक प्रतिष्ठित हस्ती है। अपनी अद्वितीय गरिमा, सशक्त अभिनय और लावणी में निपुणता के लिए जानी जाने वाली, उन्होंने ग्रामीण रंगमंचों से आगे बढञकर मराठी संस्कृति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। व्यक्तिगत और आर्थिक कठिनाईयों से जूझने के बावजूद भी विथाबाई की कलात्मकता ने उनकी विरासत को पीढ़ियों तक जीवित रखा, जिससे उनकी कहानी सिनेमाई अन्वेषण के लिए उपर्युक्त बन गई। 15 जनवरी 2002 में इनका देहांत हो गया।
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