Alert! चाय नहीं मौत की चुस्की ले रहे हैं आप? गले से उतरता इसका स्वाद सीधा दे रहा कैंसर को दावत, वैज्ञानिकों ने खोला बड़ा सच

Hot Tea Cause Cancer: बहुत ज्यादा गर्म चाय पीना स्वादिष्ट लग सकता है, लेकिन यह आदत आपकी खाने की नली को नुकसान पहुंचा सकती है और कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है।

Akriti Pandey
Published on: 20 Oct 2025 9:00 AM IST
Hot Tea Cause Cancer
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Hot Tea Cause Cancer

Hot Tea Cause Cancer: भारत में चाय केवल एक पेय नहीं, बल्कि एक इमोशन है। सुबह की शुरुआत हो या शाम की थकान, ज़्यादातर लोग चाय का ही सहारा लेते हैं। कई घरों में तो चाय पीना दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप चाय को बहुत ज्यादा गर्म पीते हैं, तो यह आदत आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है?

जरूरत से ज्यादा गर्म चाय क्यों है खतरनाक?

वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, 65 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक गर्म चाय या किसी भी गर्म पेय का नियमित सेवन खाने की नली (एसोफैगस) को नुकसान पहुंचा सकता है। अत्यधिक गर्म तरल पदार्थ जब बार-बार गले से नीचे जाते हैं, तो वे नली की कोमल परत को जला सकते हैं। इससे वहां सूजन (क्रॉनिक इंफ्लेमेशन) होती है और कोशिकाओं में बदलाव (सेल म्यूटेशन) होने लगता है, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकता है।

WHO की चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी यह स्पष्ट कर चुका है कि 65 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म पेयों का लगातार सेवन करने से एसोफैजियल कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। यह चेतावनी खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो आदतन बहुत गर्म चाय या सूप पीते हैं।

एसोफैजियल कैंसर के प्रकार और कारण

खाने की नली में दो प्रकार के कैंसर पाए जाते हैं:

एसोफेजियल स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा – यह आमतौर पर नली के ऊपरी हिस्से में होता है और इसका मुख्य कारण गर्म पेय, तंबाकू, और अल्कोहल का सेवन होता है।

एसोफेगल एडेनोकार्सिनोमा – यह नली के निचले हिस्से में होता है और मोटापा, एसिड रिफ्लक्स, और लंबे समय से चली आ रही गैस्ट्रिक समस्याएं इसके पीछे की वजह होती हैं।

आयुर्वेद की राय

आयुर्वेद के अनुसार, पेय या भोजन का तापमान न तो बहुत गर्म होना चाहिए, न बहुत ठंडा। गर्म पेय पाचन में मददगार होते हैं, लेकिन अत्यधिक गर्म पेय पित्त दोष को बढ़ा सकते हैं, जिससे शरीर में सूजन, जलन और अन्य रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

यदि आपको गले में लगातार खराश बनी रहती है, निगलने में दर्द या कठिनाई महसूस होती है, बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन तेजी से कम हो रहा है, या फिर खाने में परेशानी हो रही है, तो इन लक्षणों को हल्के में न लें। ये सभी संकेत खाने की नली (एसोफैगस) से जुड़ी किसी गंभीर समस्या, जैसे कि कैंसर, की ओर इशारा कर सकते हैं। ऐसे में समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना और उचित जांच कराना बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी संभावित बीमारी का शीघ्र निदान और उपचार हो सके।

Disclaimer: यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है। हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है। NEWSTRACK इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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