जेन Z पीढ़ी शराब से बना रही दूरी, 36% युवाओं ने कभी नहीं की ड्रिंक, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

Gen Z Alcohol Trend: नई पीढ़ी में शराब से दूरी का चलन बढ़ रहा है। जेनरेशन ज़ेड स्वास्थ्य, पैसे की बचत और बेहतर जीवनशैली के लिए शराब से परहेज कर रही है।

Akriti Pandey
Published on: 28 Oct 2025 4:33 PM IST
Gen Z Alcohol Trend
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Gen Z Alcohol Trend: दुनिया भर में युवाओं के बीच शराब से दूर रहने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर जेनरेशन ज़ेड (1997 से 2012 के बीच जन्मे युवा) इस बदलाव के अग्रणी माने जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कानूनी तौर पर शराब पीने की उम्र वाले 36 प्रतिशत युवाओं ने कभी शराब नहीं पी है। यह आंकड़ा दिखाता है कि नई पीढ़ी अब पहले से ज्यादा स्वास्थ्य-सचेत और संतुलित जीवनशैली अपनाने की ओर अग्रसर है।

स्वास्थ्य जागरूकता और पैसे की बचत मुख्य कारण

रिपोर्ट के अनुसार, युवाओं के शराब से दूरी बनाने का सबसे बड़ा कारण उनका स्वास्थ्य है। 87 प्रतिशत युवाओं ने बताया कि वे अपना स्वास्थ्य बनाए रखने और भविष्य की बीमारियों से बचने के लिए शराब नहीं पीते। इसके अलावा, 30 प्रतिशत युवाओं ने कहा कि वे पैसे बचाने के लिए शराब से दूरी बनाए रखते हैं, जबकि 25 प्रतिशत ने बेहतर नींद पाने को अपनी प्राथमिकता बताया। यह दर्शाता है कि नई पीढ़ी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को लेकर अधिक संवेदनशील हो चुकी है।

‘जेबरा स्ट्रिपिंग’ — संयम का नया ट्रेंड

रिपोर्ट में एक नए ट्रेंड ‘जेबरा स्ट्रिपिंग’ का उल्लेख किया गया है। इसका अर्थ है कि लोग किसी पार्टी या सामाजिक आयोजन में शराब और गैर-अल्कोहल पेय को बारी-बारी से पीते हैं। इस तरीके से वे अपनी शराब की मात्रा को नियंत्रित रखते हैं और नशे से बचते हुए सामाजिकता का आनंद लेते हैं। यह ट्रेंड दिखाता है कि आज के युवा पूरी तरह नशामुक्त नहीं हो रहे, बल्कि संयम के साथ संतुलित जीवनशैली अपना रहे हैं।

कम हो रही शराब की खपत

2025 की रिपोर्ट के अनुसार, नियमित रूप से शराब पीने वालों की संख्या घटकर 17 प्रतिशत रह गई है, जबकि 2020 में यह 23 प्रतिशत थी। वहीं, कभी-कभी शराब पीने वाले 53 प्रतिशत लोग अब अपनी खपत कम करने की कोशिश कर रहे हैं। जो पांच साल पहले केवल 44 प्रतिशत था। साथ ही, जिन्होंने कभी शराब नहीं पी, उनकी संख्या भी 2020 के बाद 3 प्रतिशत बढ़ी है।

भारत में विपरीत रुझान

वैश्विक स्तर पर जहां शराब की खपत धीमी हो रही है, वहीं भारत इसका अपवाद है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 से 2029 के बीच भारत में शराब की खपत 357 मिलियन लीटर बढ़ने की संभावना है, जिससे भारत तेजी से बढ़ता हुआ शराब बाजार बनता जा रहा है।

नॉन-अल्कोहल पेय का बढ़ता बाजार

शराब उद्योग में अब नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। जहां 2024 में शराब की बिक्री में केवल 0.6 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज हुई, वहीं नॉन-अल्कोहल स्पिरिट्स की बिक्री 17 प्रतिशत बढ़ी। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 से 2029 तक यह बाजार 24 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है और 2029 तक इसका आकार 10.2 बिलियन लीटर से अधिक हो सकता है।

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