सिर्फ स्वाद नहीं... सेहत का भी है मामला! जानिए आखिर भारतीय व्हिस्की में क्यों मिलाते हैं सोडा?

Whisky and Soda Science: अधिकतर भारतीय व्हिस्की को सीधे नहीं पीते, बल्कि उसमें सोडा मिलाकर पीना पसंद करते हैं। आखिर क्यों? क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है या सिर्फ स्वाद के लिए ऐसा किया जाता है? आइए आपको इस लेख में बताते हैं।

Priya Singh Bisen
Published on: 5 Aug 2025 8:30 AM IST (Updated on: 5 Aug 2025 8:30 AM IST)
Whisky and Soda Science
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Whisky and Soda Science (photo: Unsplash)

Whisky and Soda Science: भारत में शराब की खपत के मामले में व्हिस्की सबसे अधिक पसंद की जाने वाली ड्रिंक है। रिसर्च प्लेटफॉर्म स्टेटिस्टा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व में बिकने वाली हर दूसरी व्हिस्की की बोतल भारत में ही खपत होती है। देश में प्रति व्यक्ति करीब 2.6 लीटर व्हिस्की सालाना पी जाती है। लेकिन एक खास बात ये है कि अधिकतर भारतीय व्हिस्की को सीधे नहीं पीते, बल्कि उसमें सोडा मिलाकर पीना पसंद करते हैं। आखिर क्यों? क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है या सिर्फ स्वाद के लिए ऐसा किया जाता है? आइए आपको इस लेख में बताते हैं।

व्हिस्की और सोडा का वैज्ञानिक रिश्ता


व्हिस्की में आमतौर पर 40% से 50% तक अल्कोहल की मात्रा होती है, जो इसे काफी स्ट्रॉन्ग बनाती है। वाइन एक्सपर्ट सोनल हॉलैंड के मुताबिक, इसे बिना मिलावट के पीना गले में जलन और शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है। ऐसे में जब इसमें सोडा मिलाया जाता है, तो यह उसके स्ट्रॉन्गनेस को कम कर देता है और गले को ठंडक पहुंचाता है। विशेषकर गर्मी के मौसम में यह तरीका पीने वालों को काफी राहत देता है।

फ्लेवर और एरोमा का अनुभव

विशेषज्ञों के मुताबिक, व्हिस्की में कई तरह के एरोमैटिक कंपाउंड्स होते हैं जो सीधे पीने पर सक्रिय नहीं हो पाते। लेकिन जब इसे सोडा या पानी के साथ मिलाया जाता है, तो ये फ्लेवर बाहर आते हैं और पीने वाले को एक अलग ही अनुभव मिलता है। सोडा व्हिस्की के स्वाद को और भी स्मूद बना देता है, जिससे इसका सेवन आसान हो जाता है।

पुरानी परंपरा और सामाजिक चलन

सोनल हॉलैंड के मुताबिक, एक दौर था जब प्रीमियम क्वालिटी की व्हिस्की उपलब्ध नहीं थी। तब लोग सोडा मिलाकर व्हिस्की का स्वाद बेहतर बनाते थे। यह चलन धीरे-धीरे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता चला गया और अब एक परंपरा का रूप ले चुका है। भारत जैसे देश में, जहां फैमिली और सोशल ड्रिंकिंग कल्चर है, वहां यह एक सामान्य तरीका बन गया है।

सेहत से जुड़ी सावधानियां

आमतौर पर सीधी व्हिस्की पीने से पेट में एसिडिटी, जलन और इरिटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हार्ड अल्कोहल नाक और जीभ के रिसेप्टर्स को सुन्न कर देती है और लिवर पर सीधा प्रभाव डालती है। सोडा इन नुकसानों को कुछ हद तक कम करता है और नशा धीरे-धीरे चढ़ता है जिससे हैंगओवर भी कम होता है।

हालांकि सोडा मिलाकर व्हिस्की पीना एक प्रचलित और स्वास्थ्य की दृष्टि से अपेक्षाकृत सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन यह ध्यान रखना बेहद आवश्यक है कि शराब किसी भी रूप में ली जाए, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होती है। संयमित और जिम्मेदारी से इसका सेवन ही समझदारी मानी जाती है।

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Content Writer

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