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Nepal में भारत ने कराया तख्तापलट? कुर्सी गई तो PM Modi को दोष देने लगे ओली, लगाए गंभीर इल्जाम
ओली ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए, कहा अगर उन्होंने भारत के खिलाफ बयान न दिया होता तो आज सत्ता में होते। उन्होंने भारत को नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता का जिम्मेदार ठहराया।
नेपाल में हालात अब भी बेहद खराब हैं। जब वहां अचानक सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स को बैन किया गया, तो देशभर के युवा सड़कों पर उतर आए। इस विरोध को Gen-Z आंदोलन नाम दिया गया, क्योंकि प्रदर्शन में शामिल अधिकतर लोग जेनरेशन Z से हैं। इस तेज़ होते विरोध ने रातोंरात सरकार को गिरा दिया। जगह-जगह हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ हुई। कई लोगों की जान चली गई और अब नेपाल की सरकार भंग हो चुकी है।
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अब उनका एक पत्र सामने आया है, जो उन्होंने अपनी पार्टी के महासचिव को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने जहां Gen-Z से अपील की है, वहीं भारत पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। ओली ने दावा किया कि अगर उन्होंने भारत से संबंध खराब न किए होते और विवादित बयान न दिए होते, तो आज उन्हें अपनी कुर्सी नहीं छोड़नी पड़ती।
उन्होंने कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के नए नक्शे में शामिल कर उसे संयुक्त राष्ट्र भेजना ही उनकी सत्ता के पतन का कारण बना। उन्होंने अपने पत्र में अयोध्या और भगवान राम को लेकर दिए अपने पुराने बयान का भी ज़िक्र किया और कहा कि इसके कारण उन्हें राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा।
ओली ने लिखा कि वे हमेशा शांति के पक्षधर रहे हैं क्योंकि उन्होंने हिंसा की पीड़ा व्यक्तिगत रूप से झेली है। उन्होंने यह भी बताया कि जेल में दी गई यातनाओं के चलते वे कभी पिता नहीं बन सके। पत्र में ओली ने खुद को जिद्दी बताया और कहा कि यही जिद उन्हें राजनीतिक संघर्षों से लड़ने और नेपाल की संप्रभुता बचाने में मदद करती रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य सत्ता में बने रहना नहीं, बल्कि देश की राजनीतिक व्यवस्था को सुरक्षित रखना था। उन्होंने Gen-Z से भी अपील की कि वे इस आंदोलन की आड़ में हो रही सत्ता परिवर्तन की साजिश को पहचानें। ओली ने चेतावनी दी कि युवाओं की मासूमियत का फायदा उठाया जा रहा है और संविधान को खत्म करने की एक बड़ी योजना बनाई जा रही है।
इस बीच, काठमांडू के मेयर बालन शाह ने ट्वीट कर युवाओं और आम नागरिकों से संयम बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने सुझाव दिया कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाए जिसका एकमात्र उद्देश्य नए चुनाव कराना हो। उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को इस सरकार का नेतृत्व सौंपने की बात कही और उनकी योग्यता की सराहना की। बालेन शाह ने Gen-Z की समझदारी और परिपक्वता की तारीफ करते हुए देश को स्थिरता की ओर ले जाने की अपील की है।
लेकिन, केपी शर्मा ओली एक बार फिर भारत पर आरोप लगाने से नहीं चुके। उन्होंने साफ कहा कि अगर भारत के खिलाफ आवाज नहीं उठाई होती, तो आज वे सत्ता में होते। अब सवाल यह उठता है कि जब आप अपने देश को संभाल नहीं पा रहे, तो उसकी जिम्मेदारी दूसरों पर डालना कहां तक सही है?
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