नेपाल में Gen Z आंदोलनकारियों ने मनाया जश्न, काठमांडू की सड़को पर निकाली विक्ट्री परेड

नेपाल में Gen Z युवाओं ने सोशल मीडिया बैन के खिलाफ आंदोलन को जीत में बदला, काठमांडू की सड़कों पर निकाली विक्ट्री परेड, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया, युवाओं की ताकत और राजनीतिक इतिहास में नया मील का पत्थर।

Harsh Srivastava
Published on: 9 Sept 2025 5:55 PM IST
नेपाल में Gen Z आंदोलनकारियों ने मनाया जश्न, काठमांडू की सड़को पर निकाली विक्ट्री परेड
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Gen-Z victory parade in Kathmandu: नेपाल में युवाओं का गुस्सा अब जीत के जश्न में बदल गया है। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन, जिसने पूरे देश में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी थी, अब अपने चरम पर पहुंच गया है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों और लगातार बिगड़ते हालातों के बीच, आखिरकार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपना पद छोड़ना पड़ा। इसे युवा आंदोलनकारियों की एक बड़ी जीत माना जा रहा है। अपनी जीत का जश्न मनाते हुए, काठमांडू की सड़कों पर Gen Z प्रदर्शनकारी विक्ट्री परेड निकालते हुए देखे जा रहे हैं, यहां तक कि वे पुलिस की दंगा नियंत्रण गाड़ियों पर चढ़कर भी जीत का मार्च निकाल रहे हैं।

सड़कों से संसद तक 'युवाओं का राज'

पिछले कुछ दिनों से नेपाल के युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे। यह आंदोलन उस समय हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इसके बाद, आंदोलन बेकाबू हो गया। गुस्साए युवाओं ने संसद भवन में आग लगा दी, सुप्रीम कोर्ट में घुस गए और पुलिस चौकियों पर हमला कर दिया। कई सरकारी इमारतों में आगजनी के मामले भी सामने आए। प्रदर्शनकारियों की एकमात्र मांग थी कि प्रधानमंत्री ओली इस्तीफा दें और मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाया जाए।

मेयर बालेन शाह ने दी 'नई दिशा'

आंदोलन की व्यापकता और भयावहता को देखते हुए, एक के बाद एक कई सांसदों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया, लेकिन युवाओं का गुस्सा शांत नहीं हो रहा था। इसी बीच, काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने इस आंदोलन का चेहरा बनकर युवाओं का साथ दिया। उन्होंने युवाओं से अपना मकसद पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने की अपील की, जिसने प्रदर्शनकारियों को और भी मजबूत बना दिया। जब मंगलवार को आंदोलनकारियों ने संसद भवन को घेरकर उसमें आग लगा दी, तो हालात पूरी तरह से हाथ से निकल गए।

प्रधानमंत्री का इस्तीफा और जीत का जश्न

हालात को काबू से बाहर जाते देख, शीर्ष नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया और सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। आखिरकार, दबाव के आगे झुकते हुए प्रधानमंत्री ओली ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। इसी मांग पर आंदोलनकारी अड़े हुए थे, और अब उनकी मांग पूरी होने पर नेपाल की राजधानी काठमांडू में जीत का जश्न मनाया जा रहा है। यह आंदोलन न सिर्फ नेपाल के राजनीतिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ है, बल्कि यह भी दिखाता है कि Gen Z पीढ़ी अपने अधिकारों के लिए लड़ने से पीछे नहीं हटती।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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