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मेनोपॉज या हार्ट अटैक? हर महिला को पता होना चाहिए इनके लक्षण
Menopause vs Heart Attack : अगर आप 45 की उम्र पार कर चुकी हैं और कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो इसे सिर्फ मेनोपॉज मानकर न छोड़ें।
Menopause vs Heart Attack (SOCIAL MEDIA)
Menopause vs Heart Attack : महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कई बार मेनोपॉज के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं। यही वजह है कि महिलाएं अक्सर इन संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं और समय पर इलाज नहीं हो पाता। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. आशा रानी बताती हैं कि मेनोपॉज के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है, जो आमतौर पर दिल को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
क्यों होता है भ्रम?
एस्ट्रोजन शरीर में कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने और रक्त धमनियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन मेनोपॉज के दौरान इस हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, वजन बढ़ना और कोलेस्ट्रॉ बढ़ना जैसे जोखिम सामने आते हैं, जो सभी दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
हार्ट अटैक के स्पष्ट संकेत
- लगातार सीने में दबाव या दर्द (खासकर बाईं ओर)
- दर्द गर्दन, जबड़े, पीठ या बाजू में फैलना
- ठंडी और पसीने से भरी त्वचा
- अचानक तेज सांस फूलना
- बिना कारण उल्टी या मितली
- यदि आपको ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
क्या मेनोपॉज हार्ट अटैक का कारण बनता है?
डॉ. रानी के अनुसार, मेनोपॉज खुद हार्ट अटैक का कारण नहीं होता, लेकिन इस दौरान शरीर हार्ट डिजीज के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। इसलिए महिलाओं को इस समय और भी ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
अगर आप 45 की उम्र पार कर चुकी हैं और कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो इसे सिर्फ मेनोपॉज मानकर न छोड़ें। हार्ट की सेहत को लेकर सतर्क रहना और समय पर जांच कराना जरूरी है।
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