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Men Health in India: भारत में पुरुषों की सेहत पर मंडरा रहा खतरनाक संकट, समाज नहीं करता इसपर कभी बात
Men Health in India: पुरुषों की छवि अक्सर एक मजबूत, चुप रहने वाले और हर जिम्मेदारी निभाने वाले इंसान की होती है, लेकिन इस चुप्पी के पीछे एक बड़ी स्वास्थ्य आपात स्थिति पनप रही है।
silent health crisis indian men (Social media)
Men Health in India: भारतीय समाज में पुरुषों की छवि अक्सर एक मजबूत, चुप रहने वाले और हर जिम्मेदारी निभाने वाले इंसान की होती है, लेकिन इस चुप्पी के पीछे एक बड़ी स्वास्थ्य आपात स्थिति पनप रही है।
एक ऐसी स्थिति जो ना सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर कर रही है। पुरुषों की यह स्वास्थ्य समस्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अफसोस की बात है कि इस पर बहुत कम चर्चा होती है।
लाइफस्टाइल बीमारियां एक गंभीर खतरा
आज के समय में पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और पीठ दर्द जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर आईटी सेक्टर, बिजनेस और शिफ्ट-बेस्ड नौकरियों में काम करने वाले पुरुषों में यह समस्याएं ज्यादा देखी जा रही हैं। घंटों बैठकर काम करना, तनाव, नींद की कमी और गलत खानपान इसके मुख्य कारण हैं। 22 से 40 साल की उम्र के पुरुषों में दिल की बीमारियां, गठिया और लीवर संबंधित समस्याएं आम हो गई हैं।
मानसिक स्वास्थ्य
शारीरिक बीमारियों के अलावा मानसिक बीमारियां भी पुरुषों को बुरी तरह से प्रभावित कर रही हैं, लेकिन समस्या ये है कि पुरुष अपनी भावनाएं खुलकर जाहिर नहीं करते। समाज उन्हें यह सिखाता है कि रोना या दुख जाहिर करना कमजोरी है। इसी वजह से कई बार अंदर ही अंदर तनाव जमा होता रहता है और अचानक पैनिक अटैक या डिप्रेशन का रूप ले लेता है। गांवों में तो स्थिति और भी खराब है, जहां लोग थैरेपिस्ट की जगह तांत्रिक के पास जाना ज्यादा सही समझते हैं।
काम का दबाव और प्रदर्शन की चिंता
बचपन से ही लड़कों पर पढ़ाई, करियर और बाद में घर चलाने का भारी दबाव होता है। इस दबाव के चलते कई पुरुष नशे की ओर मुड़ जाते हैं, जो आगे चलकर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को और नुकसान पहुंचाता है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो छोटी समस्या भी बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है।
बॉडी बनाने की होड़ और खतरे
आजकल युवा लड़कों में मसल्स और बॉडी बनाने का चलन काफी बढ़ गया है। इसके लिए कई लोग बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड लेना शुरू कर देते हैं, जो हार्ट अटैक जैसे गंभीर खतरे पैदा कर सकता है। 30 से 40 साल की उम्र के कई पुरुष अचानक हार्ट फेल होने की वजह से जान गंवा रहे हैं।
यौन स्वास्थ्य पर चुप्पी
पुरुषों की यौन समस्याएं जैसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन या रोमांस ड्राइव में कमी को लेकर भी खुलकर बात नहीं होती। ये समस्याएं अक्सर तनाव और डायबिटीज जैसी बीमारियों से जुड़ी होती हैं, लेकिन शर्म और समाज के डर से पुरुष इलाज नहीं कराते। जबकि समय पर इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
क्या करना चाहिए?
हर पुरुष को साल में एक बार मानसिक और शारीरिक हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। बच्चों को बचपन से ही स्वास्थ्य और भावनाओं पर खुलकर बात करना सिखाना होगा। सेक्स एजुकेशन को सामान्य विषय मानना चाहिए।
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