Premanand Maharaj: कौन सी बीमारी से ग्रसित हैं प्रेमानंद महाराज, जान पर खतरा?

Premanand Maharaj Kidney Disease: प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य कुछ दिनों से खराब चल रहा है, उनको किडनी की गंभीर समस्या है। चलिए आपको बताते हैं कि यह कितना खतरनाक होता है और इससे मौत का खतरा हो सकता है?

Priya Singh Bisen
Published on: 14 Oct 2025 4:29 PM IST (Updated on: 14 Oct 2025 6:09 PM IST)
Premanand Maharaj Kidney Disease
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Premanand Maharaj Kidney Disease (photo: social media)

Premanand Maharaj Kidney Disease: प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य बीते काफी कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा। इसके कारण उनकी हर दिन निकलने वाली तीर्थयात्रा को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है। इससे पहले भी स्वास्थ्य को लेकर उनकी पदयात्रा रोकी जा चुकी है। उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। देश-विदेश से कई लोग उनके स्वास्थ्य ठीक होने को लेकर भगवन से प्रार्थना कर रहे हैं। आज आपको बताते हैं आपको बताते हैं कि किडनी की जिस बीमारी से प्रेमानंद महाराज जूझ रहे हैं, वह कितना खतरनाक है।

यह बीमारी कितनी खतरनाक है?

प्रेमानंद महाराज हमेशा अपने प्रवचनों में लोगों को प्रेरित करते दिखाई देते हैं जबकि उनकी दोनों किडनी काफी समय से खराब हैं। जिसके कारण रोजाना उनको डायलिसिस किया जाता है। इसकी जानकारी उनको साल 2006 में हुई थी, जब उनको पेट दर्द की गंभीर समस्या हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेमानंद महाराज को पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) की समस्या है, जो किडनी की सबसे घातक बीमारियों में से एक है।

अब सवाल ये है कि आखिर ये होता क्या है? तो आपको बता दे, यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसका बड़ा कारण जीन म्यूटेशन होता है। इस समस्या में किडनी सिस्ट हो जाती है, जो हाई BP और किडनी फेल्योर की दिक्कत का कारण बनती है। इससे प्रभावित मरीजों में से अधिकतर लोगों को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ती है।

इसमें आमतौर पर यह होता है कि किडनी का आकार बड़ा हो जाता है, जिसके कारण किडनी की ब्लड फिल्टर करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाती है। जिसके कारण हाई BP, यूरिन में खून आना और बार-बार यूरिन इन्फेक्शन जैसी दिक्कतें सामने आती रहती हैं। इसके दो प्रकार होते हैं, पहला ADPKD होता है, जो सामन्यतः एडल्ट लोगों को होता है और दूसरा है ARPKD, यह काफी रेयर केस में होता है और बच्चों में इसकी समस्या अक्सर देखने को मिलती है।

क्या इससे जान को भी ख़तरा होता है?

Aging US Journal में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, ADPKD मरीजों में जान का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में करीब 1.6 से 3.2 गुना अधिक होता है। PubMed की एक मेडिकल स्टडी के अनुसार, PKD मरीजों में मौत की दर CKD या किडनी फेल्योर से पहले की अवस्था में तकरीबन 18.4 प्रति 1000 मरीज हर साल है और जब बीमारी बढ़कर ESRD यानि किडनी फेल्योर तक पहुंचती है तो यह दर बढ़कर करीब 37.4 प्रति 1000 मरीज प्रति साल हो जाती है।

US National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि वक़्त पर इलाज न हो, तो PKD से अंत में किडनी फेल्योर हो सकता है और इससे जान का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो इसका कोई ख़ास इलाज नहीं है, हालांकि इसको रोका भी जा सकता है, जैसे कि किडनी अल्ट्रासाउंड, प्रसवपूर्व अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन, MRI से यदि इसको पहचान लिया जाए, तो इसके लक्षणों को बढ़ने से रोका जा सकता है।

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