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शारीरिक शोषण हुआ, अब सभी को गंदी नजर से देखने की आदत... भक्त की बात सुन प्रेमानंद महाराज ने दी ऐसी हिदायत
Premanand Maharaj: भक्त की इस बात को सुनकर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि छोड़ो! पूर्व की सभी बातों को छोड़ दो। जिस तरह पूर्व जन्म में कुछ भी होता है। वह हमें याद नहीं रहता है।
Premanand Maharaj
Premanand Maharaj: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद जी महाराज के पास दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं और अपनी समस्याओं और शंकाओं को उनके समक्ष रखते हैं। महाराज भी बड़े सहज भाव से भक्तों की दिक्कतों, परेशानियों को सुनते हैं और उसका निदान भी बताते हैं। प्रेमानंद जी महाराज हर एक मुद्दे पर बड़ी ही सरलता के साथ भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं। उनके बातें सुनकर भक्तों को भी बहुत संतोष मिलता है।
ऐसा ही एक भक्त उनके पास पहुंचा। उसके सवाल ने वहां मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया। दरअसल भक्त ने कहा कि बचपन से शारीरिक शोषण हुआ। अब वह शारीरिक भोग से ही प्यार करता है और उसके दिमाग में गंदी बातें ही आती है। यह आचरण खत्म नहीं हो रहा है। इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने ऐसा जवाब दिया कि भक्त का मन शांत हो गया।
खुद से कभी घृणा मत करोः प्रेमानंद महाराज
भक्त की इस बात को सुनकर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि छोड़ो! पूर्व की सभी बातों को छोड़ दो। जिस तरह पूर्व जन्म में कुछ भी होता है। वह हमें याद नहीं रहता है। उसी तरह से उसे पूर्व जन्म की बातें समझ कर उसे छोड़ दो और भगवान के नाम का जाप करो। अच्छे आचरण करो। गृहस्थ आश्रम में जा रहे हो तो सावधानी पूर्वक जाए। पति को परेश्वर मना कर चलो। विवाह होने तक ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करें। गलते रास्ते पर न जाएं। अगर दिमाग में कभी भी गलत धारणा आती भी है तो भगवान के नाम का जप करें। खुद से कभी घृणा मत करो। मनुष्य जीवन बहुत कीमती है। इस जीवन को सार्थक करो। अपने हाथों कोई भी गंदा काम मत करो।
ज्यादा पूजा- पाठ दुखों का कारण?
इसी तरह एक अन्य भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि ज्यादा पूजा- पाठ करना क्या दुखों का कारण बनता है? जिस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि आप सब लोग हमारे पास क्यों आए हैं। इस पर एक शख्स ने कहा कि आपके पास भक्ति है। तब महाराज ने कहा कि पाप कर्म हानिकारक होते है। कुछ लोगों के दिमाग में यह बैठ जाता है कि ज्यादा पूजा-पाठ करने से दुख मिलता है। यानि ज्यादा धर्म करने और पूजा पाठ करने से दुखों का सामना होता है। लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि भक्ति से कभी भी दुख नहीं मिल सकता है। जीवन में कष्ट आते भी हैं तो वह क्षणिक होते हैं।
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