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8वीं- 10वीं की छात्रा हुईं प्रेग्नेंट, यौन शोषण का मामला आया सामने, खबर पढ़कर शर्म से झुक जाएंगी आंखें
Odisha School Incident: ओडिशा के कंधमाल और मयूरभंज जिलों में 8वीं और 10वीं कक्षा की छात्राओं के गर्भवती होने के बाद यौन शोषण के गंभीर मामले सामने आए हैं।
Odisha School Incident: ओडिशा के कंधमाल और मयूरभंज जिलों के आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाली दो नाबालिग छात्राएं स्वास्थ्य जांच के दौरान गर्भवती पाई गईं, जो कि गंभीर चिंता का विषय बन गई है। इनमें से एक कक्षा 10वीं की और दूसरी कक्षा 8वीं की छात्रा है। यह घटनाएं राज्य के आवासीय स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा के सवालों को एक नया मोड़ देती हैं। बड़े बुजुर्गों की कही बात सही है, घोर कलयुग चल रहा है।, पहली घटना मयूरभंज जिले के एक आवासीय विद्यालय में घटी। यहां कक्षा 8 की छात्रा अचानक बीमार महसूस करने लगी। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, और वहां जांच के बाद पता चला कि वह गर्भवती है।
अचानक बीमार हो गई
पहला मामला मयूरभंज जिले के एक आवासीय विद्यालय का है, जहां कक्षा 8 की एक छात्रा अचानक बीमार हो गई। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। वहां उसकी जांच की गई, और पता चला कि वह गर्भवती है। दूसरी घटना कंधमाल जिले के एक एसटी-एससी आवासीय विद्यालय की है। यहां कक्षा 10वीं की एक छात्रा के गर्भवती होने का पता तब चला, जब छात्रावास की अधीक्षिका ने देखा कि वह कई महीनों से सैनिटरी नैपकिन नहीं मांग रही थी।
थाने में शिकायत दर्ज कराई
छात्रा की जांच करवाई गई, और वह गर्भवती पाई गई। इसके बाद विद्यालय प्रशासन ने छात्रा के माता-पिता को सूचित किया और थाने में शिकायत दर्ज कराई। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं सिर्फ कंधमाल और मयूरभंज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे पहले भी कई नाबालिग छात्राओं के गर्भवती होने के मामले सामने आ चुके हैं।
हर साल कितने यौन शोषण के मामले सामने आते हैं?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डेटा के अनुसार, भारत में हर साल यौन शोषण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। 2021 में NCRB की रिपोर्ट में बताया गया कि देशभर में यौन अपराधों के लगभग 32,000 से अधिक मामले दर्ज हुए। इनमें से सबसे ज्यादा मामले बालकों और किशोरियों के खिलाफ थे। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यौन शोषण की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
राज्यवार स्थिति और प्रभाव
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, राज्यवार यौन शोषण के मामलों में भी बड़ा फर्क देखा गया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र जैसे राज्य इन मामलों में प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन राज्यों में न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी यौन शोषण के मामले सामने आ रहे हैं। इन आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधियों को सजा दिलाने में देरी, समाज में जागरूकता की कमी और कानून-व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
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