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गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों की बल्ले-बल्ले! एक साल में 223 फीसदी बढ़ी आमदनी, ADR Report में चौंकाने वाला खुलासा
ADR Report: देश की गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को मिले करोड़ों के चंदे पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रोटिक रिफॉर्म्स (ADR) जारी की गई है। जाने क्या कहते हैं रिपोर्ट के आंकड़े।
ADR report 2025
ADR Report 2025: देश में कई बड़ी राजनीतिक पार्टियों को करोड़ों में चंदा मिलता है। पर हैरानी की बात ये है कि चंदे की रेस इस में पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां (Unrecognized registered political parties) भी पीछे नहीं हैं। इस मामले पर हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रोटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रोटिक रिफॉर्म्स (ADR) की आधिकारिक वेबसाइट adrindia.org पर जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में 2764 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां हैं जिनमें से 73.26% ने अपने वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं की हैं। वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात की 5 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को पिछले 5 साल में 2316 करोड़ रुपये का चंदा मिला। बता दें कि, अगर ये पार्टियां अपना आयकर रिटर्न समय से दाखिल करें तो इनको आयकर में भी छूट मिलती है।
क्या होती हैं पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां?
इस पूरे मामले को समझने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां क्या हैं? और ये अन्य साधारण पार्टियों से कैसे अलग हैं? असल में, पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को मान्याता प्राप्त पार्टियों की तरह कुछ सुविधाएं नहीं मिलती हैं। ये सुविधाएं इस प्रकार है-
- चुनावी उम्मीदवारों को आरक्षित चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया जाता है।
- चुनाव के दौरान आकाशवाणी और दूरदर्शन पर निःशुल्क प्रसारण की सुविधा नहीं मिलती।
- पार्टी कार्यालयों के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन का लाभ नहीं मिलता।
- मतदाता सूचियों की निःशुल्क प्रतियों के लिए पात्र नहीं होते।
- विदेशी फंडिंग लेने का अधिकार नहीं है।
इन पार्टियों ने शेयर किये हैं आंकड़े
ADR की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों ने अपना वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक किया है। इस कड़ी में दूसरे नंबर पर दिल्ली और तीसरे नंबर पर बिहार का नाम शामिल है। वहीं, जिन राज्यों में सबसे अधिक संख्या में दलों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है, उनमें उत्तर प्रधेश, तमिलनाडु और दिल्ली का नाम टॉप 3 में शामिल है।
चंदा पाने की रेस में गुजरात सबसे आगे
पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को मिलने वाले चंदे की रेस में गुजरात सबसे आगे है। जारी आंकड़ों के अनुसार, 2764 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों में 95 पार्टियां गुजरात की हैं और 59 पार्टियों ने अपनी वित्तीय जानकारी शेयर नहीं की है। ADR की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में 5 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को पिछले 5 साल में 2,316 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। 2019-2024 के बीच में इन पार्टियों ने सिर्फ 17 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे, जिन्हें कुल 22,000 वोट ही मिले। इनमें से किसी भी उम्मीदवार ने जीत दर्ज नहीं की, इसके बावजूद पार्टियों की आमदनी करोड़ों में है।
कहां से आती है फंडिंग?
पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29बी के अंतर्गत कॉर्पोरेट संस्थाओं और व्यक्तियों से राजनीति फंडिंग प्राप्त कर सकती हैं। हालांकि, इन्हें विदेशी फंडिंग प्राप्त करने का अधिकार नहीं है।
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