छत्तीसगढ़ CM विष्णु देव साय का संदेश: ‘जनता के सेवक बनिए’

CM विष्णु देव साय ने अधिकारियों से कहा—दफ्तर से निकलकर जनता के बीच जाएँ, ड्रग्स और हादसों पर ज़ीरो टॉलरेंस दिखाएँ, संवेदनशील शासन अपनाएँ।

Newstrack Desk
Published on: 14 Oct 2025 6:43 PM IST (Updated on: 14 Oct 2025 6:49 PM IST)
Chhattisgarh CM Vishnu Dev Sai
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Chhattisgarh CM Vishnu Dev Sai (image from Social Media)

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों एक नई 'टेंशन' और 'टारगेट' का माहौल है। और इस माहौल को बनाने वाले हैं खुद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जिन्होंने हाल ही में कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की एक बैठक में कड़े शब्दों में नहीं, बल्कि सीधे दिल से काम करने की अपील की।

सीएम साय का संदेश स्पष्ट और मानवीय था: "अगर मैं रविवार को छुट्टी छोड़ सकता हूँ, तो क्या आप सुबह 7 बजे जनता के बीच नहीं पहुँच सकते?" उन्होंने अपना उदाहरण इसलिए दिया क्योंकि वह चाहते थे कि अधिकारी सिर्फ बॉस बनकर न रहें, बल्कि जनता के सेवक बनें।

दफ्तरों से निकलिए, लोगों से मिलिए

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सीधा सवाल उठाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब काम का मतलब सिर्फ फ़ाइलें जमा करना नहीं हो सकता।

सीएम का मार्मिक सवाल: "हमारी पहचान कागज पर लिखे आदेशों से नहीं, बल्कि आपकी संवेदनशीलता से, फील्ड में आपकी उपस्थिति से और लोगों के चेहरे पर आई संतुष्टि से बननी चाहिए।"

उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारियों का रुटीन अब दफ्तर की कुर्सी नहीं, बल्कि गाँव, खरीद केंद्र, स्कूल और अस्पताल होने चाहिए। सीएम का साफ अल्टीमेटम था: देरी और लापरवाही अब अनुशासनहीनता मानी जाएगी।

ड्रग्स और लापरवाही: 'ज़ीरो टॉलरेंस'

सीएम साय ने प्रशासन को दो मोर्चों पर मानवीय क्षति को रोकने के लिए तुरंत काम शुरू करने को कहा:

ड्रग्स का कारोबार: उन्होंने ड्रग्स के व्यापार को कई अपराधों की जड़ बताते हुए कहा कि युवाओं को बचाने के लिए यह नैतिक जिम्मेदारी है कि इस कारोबार को राज्य से जड़ से उखाड़ फेंकें। कार्रवाई सख्त और समयबद्ध होनी चाहिए।

सड़क दुर्घटनाएँ: सीएम ने एक अत्यंत भावनात्मक और कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सड़क पर होने वाली मौतें केवल 'हादसे' नहीं हैं, बल्कि यह "प्रशासनिक विफलता" है। इसका मतलब है, हर अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह हेलमेट, सीट बेल्ट और नशे में ड्राइविंग जैसे नियमों का सख्ती से पालन कराए, ताकि किसी माँ का बेटा या किसी बच्चे का बाप असमय न छिन जाए।

नक्सल क्षेत्रों में 'विश्वास' ही सबसे बड़ा हथियार

कानून व्यवस्था पर बात करते हुए सीएम ने जोर दिया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में केवल बंदूक नहीं चलेगी, बल्कि विश्वास चलेगा।

अधिकारियों को अंदरूनी इलाकों में जाकर स्थानीय लोगों के साथ रिश्ता बनाना होगा।

उनकी छोटी-छोटी शिकायतों को सुनकर उन्हें हल करना होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह रुख दिखाता है कि वह छत्तीसगढ़ के प्रशासन को टेबल वर्क से निकालकर टच वर्क (लोगों को छूने वाला काम) की ओर मोड़ना चाहते हैं। उनका अंतिम लक्ष्य स्पष्ट है: शासन का उद्देश्य कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि जमीन पर दिखाई देने वाला सकारात्मक बदलाव होना चाहिए।

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