भारत की स्थिति बेहद 'चिंताजनक'! चिदंबरम ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद कर मोदी सरकार पर बोला तगड़ा हमला

P Chidambaram on Modi government: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर कई बड़े सवाल उठाये हैं। उन्होंने GDP की मौजूदा स्थिति को लेकर देश के निम्न-मध्यम आय वर्ग के जाल में फंसने का दावा किया है।

Priya Singh Bisen
Published on: 19 Oct 2025 1:08 PM IST (Updated on: 19 Oct 2025 1:11 PM IST)
P Chidambaram on Modi government
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P Chidambaram on Modi government (photo: social media)

P Chidambaram on Modi government: देश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भारत की आर्थिक विकास दर को लेकर गंभीर रूप से अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आज 19 अक्टूबर 2025 को कहा कि 6.5 % की विकास दर जश्न का पल नहीं है, बल्कि यह स्पष्ट करता है कि भारत निम्न-मध्यम आय वर्ग के जाल में बुरी तरह से फंसता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस इस सरकार के पास इस जाल से बाहर निकलने के लिए न तो कोई विचार है और न ही कोई हिम्मत।

चिदंबरम ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि 6.5 % की विकास दर जश्न का क्षण नहीं है। इसका अर्थ सीधा सा है कि भारत निम्न-मध्यम आय वर्ग के जाल में फंस गया है, जिसमें बाहर निकलने के लिए न तो कोई विचार है और न ही कोई साहस। अब यह मनमोहन सिंह जैसा हिम्मत दिखाने का वक़्त है।

देश के लिए क्यों है चिंताजनक स्थिति?

उन्होंने आगे कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 2,650 अमेरिकी डॉलर है, जिसे निम्न-मध्यम आय वर्ग के आसपास जाने के लिए दोगुना करने की ज़रूरत है। एक अंग्रेजी दैनिक में अपने कॉलम के अंशों का हवाला देते हुए, चिदंबरम ने बोला कि भारत कई सालों से 6.5 % हर साल की औसत वृद्धि दर के कारण 'निम्न-मध्यम आय' वाले देशों के ग्रुप में बना हुआ है, जिसे उन्होंने 'बेहद निराशाजनक' बताया।

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, मुझे लगता है कि कई सालों तक 6.5 % की औसत वृद्धि दर चिंताजनक है। यह दर भारत को 'निम्न-मध्यम आय' वाले देशों के समूह में रखती है। भारत को निम्न-मध्यम आय समूह से बाहर निकालने के लिए भारत की हर व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 2650 अमेरिकी डॉलर (2024 में) को दोगुना करना होगा। अगर भारत की मौजूदा वक़्त में विकास दर बरकरार रहती है, तो इस लक्ष्य को प्राप्त करने में करीं 9 साल लगेंगे।

चिदंबरम ने इन आंकड़ों के बारे में बताया?

चिदंबरम ने कहा कि सकल स्थायी पूंजी निर्माण (GFCF) 2007-08 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 35.8 % था, लेकिन साल 2024-25 में यह गिरकर GDP का 300.1 % रह गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि निजी स्थायी पूंजी निर्माण (PFCF) - जो कुल GFCF का भाग है - साल 2007-08 में GDP के 27.5 % से गिरकर 2022-23 (अंतिम उपलब्ध आधिकारिक डेटा) में 23.8 % हो गया है।

बता दे, प्राइवेट कैपिटल के 'भारत से दूर जाने' के बारे में बोलते हुए, चिदंबरम ने तर्क दिया कि ऐसा सरकार और उद्योग जगत के बीच भरोसे की कमी के कारण है। उन्होंने आगे कहा कि 'शिक्षित बेरोजगारों' के लिए बेरोजगारी दर 29.1 % है क्योंकि इस समूह के लिए कोई रोज़गार फिलहाल नहीं है।

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