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राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग सख्त, शपथ पत्र पर मांगा सबूत, मतदाता सूची में धांधली पर मांगा विस्तृत ब्यौरा
राहुल गांधी ने चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए महादेवपुरा में वोट चोरी का दावा किया था। चुनाव आयोग ने अब राहुल गांधी से हलफनामे के साथ विस्तृत सबूत मांगे हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज एक प्रेस वार्ता कर चुनाव आयोग पर गंभीर इल्जाम लगाते हुये कहा कि क्रेंद्र सरकार और चुनाव आयोग देश में हो रहे चुनाव को फिक्स और नियंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा सीट का जिक्र करते हुये बताया कि वहां 1 लाख से अधिक मतों का घपला किया गया है। अब इसे दावे को लेकर कर्नाटक के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने राहुल गांधी से एक हलफनामे के साथ सबूत मांगे हैं।
कर्नाटक के चीफ इलेक्शन ऑफिसर द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, आपने पैरा 3 में उल्लिखित मतदाता सूची में अयोग्य मतदाताओं को शामिल करने और योग्य मतदाताओं को बाहर करने का उल्लेख किया था। आपसे अनुरोध है कि आप मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत संलग्न घोषणा/शपथ पर हस्ताक्षर करके ऐसे मतदाताओं के नाम सहित वापस भेजें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।
चुनाव कोरियोग्राफ किये जा रहे
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अब चुनाव कोरियोग्राफ किए जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि हमारे आंतरिक मतदान ने हमें बताया कि हम कर्नाटक में 16 सीटें जीतेंगे लेकिन हमने नौ जीतीं। फिर हमने सात अप्रत्याशित हार पर ध्यान केंद्रित किया। हमने एक लोकसभा को चुना, और हमारी टीम ने फैसला किया कि हम केवल एक विधानसभा सीट पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसलिए हमने महादेवपुर पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने आगे बताया कि महादेवपुरा में लोकसभा में कुल वोट 6.26 लाख थे। भाजपा ने 6,58,915 वोटों के साथ 32,707 के अंतर से जीत हासिल की। लेकिन फिर हम महादेवपुरा को देखते हैं, जहां कांग्रेस को 1,15,586 और भाजपा को 2,29,632 वोट मिले पाँच अलग-अलग तरीकों से वोटों की चोरी की गई।
भाजपा को नहीं प्रभावित करती है सत्ता विरोधी लहर
राहुल गांधी ने कहा कि सत्ता विरोधी लहर हर पार्टी को प्रभावित करती है सिवाय भाजपा के, जो हरियाणा और मध्य प्रदेश के चुनावों में देखी गई थी। उन्होंने कहा, हर लोकतंत्र में हर पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता है, लेकिन किसी कारण से, भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसे लोकतंत्र में सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ता। एग्ज़ट पोल और ओपिनियन पोल एक बात कहते हैं, लेकिन आपने हरियाणा और मध्य प्रदेश के चुनावों में देखा, और अचानक नतीजे बड़े बदलाव के साथ दूसरी दिशा में चले जाते हैं।
कई चरणों में होने वाले मतदान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, भारत में एक समय था जब ईवीएम नहीं होती थीं लोग एक ही दिन वोट देते थे। अब यूपी में वोटिंग का दिन अलग है और बिहार में कोई और। वोटिंग तो एक महीने तक चलती है। इससे हमें शक हुआ। अचानक हरियाणा और कर्नाटक चुनाव की तारीखें बदल दी गईं।
भाजपा ने किया पलटवार
राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने उन राज्यों पर कभी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की जहां उन्होंने चुनाव जीता। देश की जनता इस चुनिंदा आक्रोश को देख रही है। अगर भारत का चुनाव आयोग समझौतावादी है, जैसा कि वह कहते हैं, तो वे लोकसभा चुनाव में 99 सीटों पर अपनी जीत का जश्न कैसे मना सकते हैं। यह राहुल गांधी की हताशा की पराकाष्ठा है। हमारी पार्टी ने सबसे लंबे समय तक विपक्षी दल की भूमिका निभाई लेकिन हमारे किसी भी नेता ने कभी भी भारत के चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकी नहीं दी।
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