×

बिहार की सियासत में 'महा-धोखाधड़ी' ! आपके वोट का अधिकार छिनने वाला है? जानें वो खौफनाक साजिश जिसका हुआ पर्दाफाश!

Bihar Voter Scam: बिहार में वोटरों के अधिकार पर बड़ा हमला! महागठबंधन का आरोप – सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत से मतदाता सूची से दलित, पिछड़े और गरीब वर्ग के नाम हटाए जा रहे हैं। क्या वाकई हो रही है लोकतंत्र की हत्या? जानिए इस खौफनाक साजिश का पूरा सच।

Harsh Srivastava
Published on: 14 July 2025 4:52 PM IST
बिहार की सियासत में महा-धोखाधड़ी ! आपके वोट का अधिकार छिनने वाला है? जानें वो खौफनाक साजिश जिसका हुआ पर्दाफाश!
X

Bihar Voter Scam: बिहार की राजनीति में एक ऐसा भूचाल आया है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। एक ऐसी साजिश का खुलासा हुआ है, जो आपके वोट के अधिकार को सीधे खतरे में डाल रही है। ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं है, बल्कि एक ऐसी 'वोटबंदी' की कोशिश है, जिसका सीधा निशाना आपकी पहचान और आपकी नागरिकता है। महागठबंधन ने केंद्र की सत्ता पर बैठी पार्टी और चुनाव आयोग पर एक ऐसा गंभीर आरोप लगाया है, जिसने पूरे बिहार में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने दावा किया है कि एक गुपचुप योजना के तहत आपके वोट को लिस्ट से हटाने की तैयारी की जा रही है और इसका इस्तेमाल चुनावी माहौल को पूरी तरह बदल देने के लिए किया जा रहा है। ये मामला सिर्फ चुनावी प्रक्रिया का नहीं, बल्कि सीधे तौर पर लोकतंत्र की नींव पर एक बड़ा हमला है।

एक-एक वोट कीमती है, लेकिन क्या होगा अगर रातों-रात लाखों वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएं? महागठबंधन का आरोप है कि यही हो रहा है। चुनाव आयोग पर सीधे-सीधे केंद्र सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगा है। ये आरोप न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि ये भी बताता है कि राजनीति किस हद तक गिर सकती है।

सीमांचल में 'विदेशी वोटरों' का सियासी खेल

महागठबंधन ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए बताया है कि चुनाव आयोग ने बिहार के सीमांचल जैसे संवेदनशील इलाकों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की है। सुनने में यह एक सामान्य सरकारी प्रक्रिया लगती है, लेकिन असलियत बेहद खतरनाक है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग जानबूझकर इस मुद्दे को धार्मिक रंग दे रहा है। वे आरोप लगा रहे हैं कि मतदाता सूची में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों के नाम हैं, ताकि इस बहाने से धार्मिक ध्रुवीकरण की एक पृष्ठभूमि तैयार की जा सके। यह बात सिर्फ चुनाव जीतने-हारने की नहीं है, बल्कि एक पूरे समुदाय को संदिग्ध बताकर उनके वोट के अधिकार को छीनने की है।

लेकिन यहां एक बड़ा सवाल उठता है, जिसका जवाब बीजेपी और जेडीयू को देना होगा। अगर ये विदेशी नागरिक मतदाता सूची में दर्ज हो भी गए, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? पिछले 11 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है और 20 साल से बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। इन सालों में इस मुद्दे पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं था? यह बात बताती है कि ये पूरा मामला सिर्फ और सिर्फ चुनाव से ठीक पहले, वोटरों को डराने और बांटने के लिए उठाया गया है। यह एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश है।

बीएलओ की मनमानी और घूसखोरी का भयानक खेल

विपक्ष का कहना है कि यह पूरा अभियान जमीन पर एक बड़े घोटाले और अराजकता में बदल चुका है। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर नहीं जा रहे, बल्कि मनमाने तरीके से फॉर्म भर रहे हैं। जिन लोगों के पास ठीक से कागजात नहीं हैं, उन्हें धमकाकर उनसे अवैध वसूली की जा रही है। बीएलओ खुद भी इस नई प्रक्रिया को लेकर भ्रमित हैं और लोगों को सही जानकारी नहीं दे पा रहे।

और तो और, विपक्ष ने एक बेहद शर्मनाक खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गणना वाले फॉर्म पर 'जलेबी और समोसे' परोसे जा रहे हैं, यानी यह पूरी प्रक्रिया मजाक बन गई है। लोगों को न तो इस बारे में कोई जानकारी दी जा रही है और न ही उन्हें समझाया जा रहा है कि यह प्रक्रिया क्या है। इसके बजाय, लोगों में एक डर बैठ गया है कि उनका वोट का अधिकार छीन लिया जाएगा। यह लोकतंत्र में सबसे बड़ी धोखाधड़ी है, जब लोगों को उनके सबसे बड़े अधिकार के बारे में ही डराया जा रहा है।

दलितों, पिछड़ों और वंचितों पर सीधा हमला

महागठबंधन ने इस साजिश का सबसे चौंकाने वाला पहलू भी सामने रखा है। उनका आरोप है कि यह पूरा अभियान सिर्फ 'विदेशी वोटरों' को हटाने के नाम पर नहीं चलाया जा रहा, बल्कि इसका असली मकसद दलितों, पिछड़ों, वंचितों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निशाना बनाना है। यह बीजेपी और जेडीयू की एक सुनियोजित रणनीति है, जिसके तहत उन लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा, जो उनकी पार्टी को वोट नहीं देते। यह एक ऐसा षड्यंत्र है, जो कमजोर वर्ग से उनकी राजनीतिक ताकत छीन लेना चाहता है।

विपक्ष ने ऐलान किया है कि वे इस साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। महागठबंधन के कार्यकर्ता अब सीधे जनता के बीच जाएंगे और उन्हें बताएंगे कि कैसे उनके वोट के अधिकार को छीनने की साजिश रची जा रही है। वे बताएंगे कि यह सिर्फ एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र को खत्म करने की एक गहरी चाल है। इस लड़ाई में जीत-हार सिर्फ पार्टियों की नहीं होगी, बल्कि यह लोकतंत्र और संविधान की जीत या हार होगी।

इस पूरे मामले ने बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। सवाल यह है कि क्या जनता को उनके वोट के अधिकार से वंचित किया जाएगा? क्या यह राजनीतिक साजिश कामयाब होगी? या फिर लोकतंत्र की ताकत इस साजिश को नाकाम कर देगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन यह साफ है कि बिहार में सियासी घमासान अब एक नई, और खतरनाक दिशा में मुड़ गया है।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!