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मनी लॉन्ड्रिंग पर ED की कार्रवाई, लाला जुगल किशोर कंपनी की 250 करोड़ की संपत्ति जब्त
Rohtas Group: ईडी ने लाला जुगल किशोर लिमिटेड की 250 करोड़ की संपत्तियां जब्त कीं। रोहतास ग्रुप से सांठगांठ कर मनी लॉन्ड्रिंग और स्टांप चोरी का मामला उजागर हुआ।
ED Action
Rohtas Group: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए लाला जुगल किशोर लिमिटेड कंपनी की 250 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को जब्त कर लिया। यह कार्रवाई उस मामले से जुड़ी है जिसमें रोहतास ग्रुप पर निवेशकों की गाढ़ी कमाई हड़पने और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का आरोप है। जांच एजेंसी के अनुसार, रोहतास ग्रुप ने लाला जुगल किशोर लिमिटेड कंपनी के संचालकों के साथ सांठगांठ कर इन संपत्तियों को बेहद कम कीमत पर बेचा था।
कैसे हुआ संदिग्ध सौदा
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, वर्ष 2019 में रोहतास ग्रुप के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई से पहले, ग्रुप के संचालकों ने कई बेशकीमती संपत्तियां लाला जुगल किशोर लिमिटेड को मात्र 18 से 20 करोड़ रुपये में बेच दी थीं। उस समय इन संपत्तियों की बाजार कीमत करीब 125 से 150 करोड़ रुपये आंकी गई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि इस सौदे में 100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नकद में किया गया था, जो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गंभीर अपराध माना जाता है।
किन संपत्तियों पर गिरी ईडी की गाज
ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, वे राजधानी लखनऊ के प्रमुख इलाकों में स्थित हैं। इनमें सुल्तानपुर रोड, सीतापुर रोड, बाराबंकी रोड आदि स्थानों पर स्थित पांच बेशकीमती भूखंड शामिल हैं। इनमें से एक संपत्ति पर अधूरे फ्लैट भी बने हुए हैं। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इन संपत्तियों की मौजूदा कीमत लगभग 250 करोड़ रुपये से अधिक है।
मिलीभगत और मनी लॉन्ड्रिंग का जाल
ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि रोहतास ग्रुप ने निवेशकों की रकम हड़पने के बाद लाला जुगल किशोर लिमिटेड के साथ मिलकर इन संपत्तियों को औने-पौने दामों में बेचा। नकदी के रूप में करोड़ों रुपये का लेनदेन कर यह राशि अवैध तरीके से वैध संपत्ति में बदली गई। यह पूरा मामला धन शोधन के गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
आगे की कार्रवाई और नई जांच
ईडी ने फिलहाल इन 250 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को जब्त कर लिया है, जबकि बाकी संपत्तियों की पहचान और जब्ती की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही लाला जुगल किशोर लिमिटेड कंपनी के खिलाफ बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी का मामला भी बनता दिख रहा है। एजेंसी अब इस बात की जांच कर रही है कि संपत्ति के सौदों में वास्तविक कीमत छिपाकर राजस्व की कितनी हानि की गई।
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