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चुनाव आयोग कल करेगा मतदाता सूची पुनरीक्षण SIR के पहले चरण की घोषणा
अवैध प्रवासियों पर रहेगी खास नज़र, पहले चरण में 15 राज्यों में शुरू होगी प्रक्रिया
EC to Announce Phase One of Voter List Revision SIR (Image from Social Media)
New Delhi News: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों और चुनाव सुधारों को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग (Election Commission) एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। आयोग सोमवार शाम को अखिल भारतीय मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) पर एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा। उम्मीद है कि इसी दौरान SIR के पहले चरण की शुरुआत की घोषणा कर दी जाएगी, जो अगले सप्ताह से शुरू हो सकता है।
'फर्स्ट फेज' में 15 राज्यों से शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग SIR का पहला चरण लगभग 10 से 15 राज्यों में शुरू करने की तैयारी में है। इस चरण में उन राज्यों को प्राथमिकता मिलेगी जहाँ अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्रमुख राज्य: असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल उन शुरुआती राज्यों में शामिल होंगे जहाँ अगले सप्ताह के मध्य तक मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
अपवाद: चुनाव आयोग उन राज्यों या क्षेत्रों में यह प्रक्रिया तुरंत शुरू नहीं करेगा जहाँ स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या जल्द ही होने वाले हैं, ताकि चुनाव मशीनरी पर अनावश्यक बोझ न पड़े। इन क्षेत्रों में काम बाद के चरणों में होगा।
बिहार बना 'रोल मॉडल': 6.5 करोड़ नाम हटाए गए
SIR के व्यापक और गहन होने का अंदाजा बिहार के हालिया अनुभव से लगाया जा सकता है। बिहार ने अपनी SIR प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिसमें क्षेत्रीय सर्वेक्षणों के बाद बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए।
बड़ा बदलाव: बिहार में फील्ड सर्वेक्षण के बाद जारी मसौदा सूची में 6.5 करोड़ नाम ऐसे पाए गए थे जो "अनुपस्थित", "स्थानांतरित" या "मृत" थे।
अंतिम परिणाम: व्यापक पुनरीक्षण के बाद, बिहार की अंतिम मतदाता सूची में 17.87 लाख मतदाताओं की शुद्ध वृद्धि दर्ज की गई, जो प्रक्रिया की सटीकता को दर्शाता है।
मुख्य लक्ष्य: अवैध प्रवासियों की पहचान और जन्मस्थान का सत्यापन
इस अखिल भारतीय विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता को सुनिश्चित करना और उसमें से अयोग्य प्रविष्टियों को हटाना है।
SIR का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य मतदाताओं के जन्मस्थानों का सत्यापन करके विदेशी अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें मतदाता सूची से हटाना है। बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर चल रही कार्रवाई के बीच, चुनाव आयोग का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनावी पवित्रता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चुनाव आयोग ने SIR की योजना को अंतिम रूप देने के लिए राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ दो बैठकें की हैं। इस प्रक्रिया में, पिछली SIR की मतदाता सूची (अधिकांश राज्यों के लिए 2002-2004 की सूची) को आधार बनाया जाएगा ताकि वर्तमान मतदाताओं का सही ढंग से मानचित्रण किया जा सके।
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