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UP Panchayat Election: अब यूपी के पंचायत चुनाव में होगी पारदर्शिता ! बीएलओ हर घर जाकर लिस्ट करेंगे तैयार, प्रदेश में कितनी हैं पंचायतें
UP Panchayat Election: मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचने के लिए बीएलओ घर घर जाकर ऑनलाइन आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों की जांच करेंगे, ताकि पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
UP Panchayat Election
UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण और नए वोटर जोड़ने के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत करने का फैसला लिया है। यह विशेष अभियान 14 अगस्त 2025 से शुरू होकर 29 सितंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन और दुरुस्त किया जाएगा
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि प्रत्येक 800 मतदाताओं पर एक बूथ लेवल ऑफिसर तैनात किया जाएगा। ये बीएलओ न केवल नए मतदाताओं को सूची में जोड़ेंगे, बल्कि पहले से मौजूद नामों का सत्यापन भी करेंगे। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता चुनाव से बाहर न रहे।
बीएलओ अभियान के दौरान लोग इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक होंगे और उन्हें ऑनलाइन आवेदन की सुविधा का भी लाभ मिलेगा। आयोग के एक विशेष कार्याधिकारी के अनुसार, यह अभियान इस बार विशेष रूप से उन युवाओं पर केंद्रित रहेगा, जो 1 जनवरी 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे, क्योंकि वे इस बार पंचायत चुनाव में मतदान के योग्य होंगे।
पारदर्शिता और विश्वसनीयता के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचने के लिए बीएलओ घर घर जाकर ऑनलाइन आवेदनकर्ताओं के दस्तावेजों की जांच करेंगे, ताकि पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे। इसके अलावा, मतदाता बनने के लिए लोगों को विभिन्न पोर्टल्स और ऐप्स के माध्यम से भी सहायता दी जाएगी। वहीं एनवीएसपी पोर्टल और वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिए लोग अपने दस्तावेज़ों का अपलोड और आवेदन कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो, तो बीएलओ मौके पर भी दस्तावेजों की मदद करेंगे।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की विशालता
उत्तर प्रदेश में कुल 57,694 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जिनके लिए चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं। निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को अद्यतन करने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, ताकि चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो। वहीं यह अभियान लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ग्राम स्तर से शुरू होने वाली इस प्रक्रिया से ही लोकतंत्र की ताकत को महसूस किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग इस पूरे अभियान को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और चुनावी मैदान में सक्रियता बनाए हुए है।
समाज के हर तबके को वोटिंग प्रक्रिया से जोड़ने की कोशिश
यह अभियान सिर्फ वोटर जोड़ने का जरिया नहीं होगा, बल्कि लोगों को अपने मताधिकार के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। बीएलओ की जिम्मेदारी तकनीकी से बढ़कर सामाजिक है। वे लोगों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि पंचायत चुनाव भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव जितना ही महत्वपूर्ण है।
मतदाता बनने की प्रक्रिया होगी आसान
अब मतदाता बनने की प्रक्रिया और भी आसान कर दी गई है। लोग एनवीएसपी पोर्टल या वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बीएलओ उनके लिए दस्तावेज़ी सहायता भी प्रदान करेंगे, ताकि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। इस पूरे अभियान से निर्वाचन आयोग की कोशिश है कि प्रदेश के सभी चुनावी प्रक्रियाओं को पारदर्शी, निष्पक्ष और कारगर बनाते हुए लोकतंत्र के प्रति लोगों की भागीदारी बढ़ाई जाए।
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