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बिहार चुनाव से पहले बवाल! महुआ मोइत्रा ने वोटर लिस्ट विवाद पर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट पुनरीक्षण फैसले पर बवाल मचा है। इस मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
Mahua Moitra Moves SC Against Bihar Voter List
Mahua Moitra on Bihar Voter List Controversy: बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे सियासत भी गरमाती जा रही है। इस वक्त बिहार में मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग का फैसला विवाद की जड़ बना हुआ है। दरअसल, आयोग ने मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके जरिए वोटर लिस्ट को संशोधित किया जा रहा है। इसे लेकर ही बिहार में बवाल चल रहा है और विपक्षी पार्टियां नाराजगी जता रही है। इन सबके बीच अब टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चुनाव आयोग के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है।
महुआ ने कोर्ट दायर की याचिका
महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को जो आदेश जारी किया है, वो संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(a), 325 और 328 का उल्लंघन करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से लाखों वोटरों का नाम लिस्ट से हट सकता है, जिससे लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल खड़े होंगे।
महुआ का आरोप है कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब पहले से कई बार वोट डाल चुके लोगों को भी फिर से नागरिकता और पहचान साबित करनी होगी। इससे हजारों लोगों के नाम लिस्ट से कट सकते हैं।
क्या है चुनाव आयोग का फैसला?
दरअसल, बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने "मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करने का फैसला लिया है। इसके तहत हर मतदाता से कई दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनके आधार पर यह तय किया जाएगा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में रहेगा या नहीं।
चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक, 1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण होगा। फिर 1 अगस्त को नई वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। वहीं इस पर अगर किसी को आपत्ति है, तो वो 1 सितंबर तक शिकायत दर्ज कर सकता है। वहीं जिन लोगों के दस्तावेज 30 अगस्त तक जमा नहीं होंगे, उनकी जांच होगी और उसी के बाद उनका नाम जोड़ा जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है और अब यह सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक भी पहुंच गया है।
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