×

उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य के सरकारी स्कूलों में गूंजेंगे गीता के श्लोक, मॉर्निंग प्रेयर में बच्चे करेंगे पाठ

Geeta Shloka in School: उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य के स्कूलों की मॉर्निंग प्रेयर में गीता श्लोंकों का पाठ किया जायेगा।

Sonal Verma
Published on: 19 July 2025 11:05 AM IST (Updated on: 19 July 2025 11:53 AM IST)
Geeta Shloka in Haryana schools
X

Geeta Shloka in Haryana schools

Geeta Shloka in School: इन दिनों उत्तराखंड सरकार के स्कूलों में गीता का पाठ कराने के फैसले का काफी चर्चा हो रही है। अब इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार ने भी राज्य के सरकारी स्कूलों में होने वाली मॉर्निंग प्रेयर में गीता श्लोंकों का पाठ कराना अनिवार्य कर दिया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने पत्र जारी कर कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि आने वाली पीढ़ी गीता के श्लोक के माध्यम से ज्ञान को समझें और उसे जीवन में उतारे।

सरकार के इस फैसले को लेकर हरियाणा के एक स्कूल प्रिंसिलपल ने मीडिया की गई बातचीत में कहा कि, "ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि युवा पीढ़ी संस्कारी बने और एक संस्कारी समाज का निर्माण करे। हमारे प्रधानमंत्री का भी सपना है कि भारत विश्व गुरु बने पूर्व में हमारे देश में विदेशों से लोग अध्यात्म की पढ़ाई करने आते थे। अध्यात्म का ज्ञान सर्वोपरि है। गीता श्लोक पढ़ने से बच्चे संस्कारी होंगे और अपने आप में आदर्श होंगे। गीता श्लोक में यह बताया है कि हमारे आचरण कैसे होने चाहिए? समाज में हमारा योगदान क्या है? "

उत्तराखंड सरकार पहले ही कर चुका है ये पहल

इससे पहले बीते दिनों उत्तराखंड के स्कूलों में भी गीता श्लोक को अनिवार्य करने का ऐलान किया गया था। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा यानी मॉर्निंग प्रेयर में स्टूडेंट्स को रोजाना गीता का एक श्लोक अर्थ सहित सुनाया जाता है। स्कूलों में हर हफ्ते ‘श्लोक ऑफ द वीक’ चुना जाता है। उसे नोटिस बोर्ड पर अर्थ सहित डिसप्ले किया जाता है। हफ्ते के आखिर में इस पर चर्चा करके फीडबैक लिया जाता है। बता दें कि, यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लिया गया है। इसमें 30% सिलेबस में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को शामिल करने की अनुमति दी गई है।

क्यूं खास है श्रीमदभगवत गीता

हिंदू धर्म ग्रंथ श्रीमदभगवत गीता कोई साधारण किताब नहीं है। ये जीवन के मूल्यों को समझने और जीने का वह अद्भभुत तरीका है जिसे हर किसी को अपनाना चाहिए। ये विज्ञान, प्रकृति,सामाज आदि सबका मिश्रण है। इसलिए यह सिर्फ एक धर्म ग्रंथ नहीं बल्कि मानव जीवन का सार है।

गीता ज्ञान से बढ़ेगी बच्चों की समझ

युवा पीढ़ी तक भारतीय संस्कृति और दर्शन को शिक्षा के माध्यम से पहुंचाने के लिए हरियाणा और उत्तराखंड में यह पहल शुरू की गई है। गीता के श्लोकों को केवल धार्मिक ग्रंथ के रूप में नहीं, बल्कि मानवीय मूल्य, नेतृत्व और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए भी उपयोगी माना जाता है। कुछ लोग इसे संस्कृति संवर्धन के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ इसका विरोध भी कर रहे हैं। यह पहल शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Sonal Verma

Sonal Verma

Content Writer

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!