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संसद में गूंजा 'हैप्पी बर्थडे खड़गे जी!' – राहुल-प्रियंका से लेकर पीएम मोदी तक, पूरा देश हुआ सम्मान में एकजुट
Mallikarjun Kharge birthday: संसद में मल्लिकार्जुन खड़गे के जन्मदिन पर दिखा अनोखा नज़ारा, राहुल-प्रियंका से लेकर पीएम मोदी तक ने दी शुभकामनाएं। राजनीतिक मतभेद भुलाकर नेताओं ने एकजुट होकर सम्मान जताया।
Mallikarjun Kharge birthday: संसद भवन का माहौल आज कुछ अलग था। आमतौर पर जहां बहसें, नारेबाज़ी और विरोध के सुर सुनाई देते हैं, वहीं आज तालियों की गूंज और मुस्कुराहटों की चमक दिखी। वजह थीकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्मदिन। लेकिन यह कोई आम जन्मदिन नहीं था, बल्कि सियासत के गलियारों में सम्मान, अनुभव और संघर्ष के प्रतीक बन चुके खड़गे के जीवन की एक नई दास्तान का उत्सव था।
जब संसद बना सेलिब्रेशन स्पॉट
गुलाब के फूलों से सजे टेबल, रंग-बिरंगे केक और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौजूदगीखड़गे जी का जन्मदिन संसद में किसी उत्सव से कम नहीं रहा। राहुल गांधी ने हाथ में गुलदस्ता लेकर जैसे ही खड़गे को विश किया, पूरा माहौल तालियों से गूंज उठा। वहीं प्रियंका गांधी ने खड़गे को शॉल ओढ़ाकर न सिर्फ बधाई दी, बल्कि पीढ़ियों के संघर्ष की इस कड़ी को सलाम भी किया। संसद परिसर में एक नहीं बल्कि कई केक काटे गएहर केक, एक संदेश के साथ: संविधान के प्रहरी, न्याय के योद्धा, और कांग्रेस की रीढ़ को सलाम।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं, दिखा राजनीतिक मर्यादा का आदर्श
राजनीतिक मतभेद अपनी जगह, लेकिन व्यक्तिगत सम्मान में कोई कमी नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी X (पूर्व ट्विटर) पर खड़गे को जन्मदिन की बधाई दी और उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। पीएम मोदी का यह संदेश भारतीय लोकतंत्र की गरिमा और सौहार्द की मिसाल बना।
कांग्रेस पार्टी का संदेश – “संविधान के सजग सेनानी”
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में खड़गे को "न्याय और समानता के अडिग योद्धा" बताते हुए लिखा "उनकी प्रेरणादायक नेतृत्व शैली हमें संविधान को पूरी निष्ठा के साथ बचाए रखने की ताकत देती है। उनके अनुभव, दूरदर्शिता और साहस से पार्टी को नई दिशा मिली है।" पार्टी ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा, "आपको अच्छे स्वास्थ्य, अपार खुशियों और कई वर्षों तक निर्भीक नेतृत्व के लिए शुभकामनाएं।"
"दलित से दिलों तक" – खड़गे की यात्रा का सम्मान
21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर ज़िले के वरवट्टी गांव में जन्मे मल्लिकार्जुन खड़गे का जीवन संघर्ष और सेवा की मिसाल है। एक दलित परिवार से निकलकर उन्होंने न केवल कर्नाटक की राजनीति में पहचान बनाई, बल्कि आज वे राष्ट्रीय राजनीति के सबसे प्रतिष्ठित चेहरों में से एक हैं। 2022 से वे कांग्रेस अध्यक्ष हैं और 2021 से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर विपक्ष की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। वे पहले ऐसे कांग्रेस अध्यक्ष हैं जो गांधी परिवार से बाहर के हैं यह अपने आप में एक ऐतिहासिक मोड़ था।
डीके शिवकुमार बोले – "कर्नाटक का गौरव"
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी X पर बधाई देते हुए लिखा, “आपका ज़मीनी संघर्ष से राष्ट्रीय नेतृत्व तक का सफर हम सबके लिए प्रेरणा है। कर्नाटक और देश के लिए आप एक मज़बूत स्तंभ हैं।”
एकजुट हुआ पूरा विपक्ष, खड़गे के सम्मान में
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि तमाम विपक्षी नेताओं ने भी खड़गे को बधाई दी। टीएमसी से लेकर सपा और आप तक, हर खेमे से शुभकामनाओं की बौछार हुई। यह वही खड़गे हैं जिनकी भाषणों में ठहराव, सोच में परिपक्वता और लहजे में एक लोकतांत्रिक गरिमा साफ झलकती है।
राजनीति से परे एक इंसान को सलाम
खड़गे का जीवन न सिर्फ राजनीति का बल्कि सामाजिक न्याय का भी प्रतीक है। दलित समाज से उठकर जिस विनम्रता और गरिमा के साथ उन्होंने संसद में अपनी पहचान बनाई, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है। आज उनका जन्मदिन महज एक तारीख नहीं, बल्कि उस सोच का उत्सव था जो संविधान को सर्वोपरि मानती है। जो सत्ता के लिए नहीं, सेवा के लिए राजनीति करती है। जो मतभेदों के बावजूद संवाद को जीवित रखती है।
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