हरियाणा में ASI की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- IPS पूरन कुमार से तंग आकर ली जान, DGP को बताया ईमानदार

हरियाणा के रोहतक में साइबर सेल के एएसआई ने आत्महत्या की; सुसाइड नोट में दिवंगत आईपीएस वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार व जातिवाद के गंभीर आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग।

Harsh Sharma
Published on: 14 Oct 2025 3:36 PM IST (Updated on: 14 Oct 2025 4:21 PM IST)
हरियाणा में ASI की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- IPS पूरन कुमार से तंग आकर ली जान, DGP को बताया ईमानदार
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ASI Suicide News: हरियाणा के रोहतक में पुलिस महकमे को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। रोहतक साइबर सेल में कार्यरत एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) ने स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। घटनास्थल से पुलिस को एक तीन पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो मैसेज बरामद हुआ है, जिसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक एएसआई ने अपने सुसाइड नोट में हाल ही में दिवंगत हुए आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार और जातिवाद का सहारा लेकर सिस्टम को 'हाईजैक' करने का अत्यंत गंभीर आरोप लगाया है।


एएसआई ने अपने अंतिम संदेश में इसे "भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ शहादत" करार दिया है। उसने अपने परिवार के खिलाफ निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की है। सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि आत्महत्या करने वाला एएसआई एक महत्वपूर्ण जांच टीम का हिस्सा था। यह जांच आईपीएस वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार से जुड़े एक मामले से संबंधित थी। यह घटना पुलिस विभाग के अंदरूनी मामलों और कथित कदाचार पर एक गहरी बहस छेड़ सकती है।


अंतिम संस्कार की तैयारी और जाँच में तेज़ी

फिलहाल, पुलिस ने मृतक एएसआई के पार्थिव शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जो आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आवश्यक है।

अपने नोट में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपराध पर काबू पाने के लिए काफी प्रयास किए और कई ईमानदार अफसरों का सहयोग मिला। लेकिन जैसे ही आईजी पूरन कुमार का तबादला रोहतक रेंज में हुआ, उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों को उच्च पदों पर तैनात कर दिया और ईमानदार कर्मचारियों को दूर कर दिया। उन्होंने जातिवाद का माहौल कर्मचारियों में फैलाया और फाइलों के नाम पर उन्हें डराकर पैसे ऐंठे। छोटे-मोटे दोष निकालकर कर्मचारियों को मानसिक रूप से परेशान किया गया। कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों से पैसे लिए गए, महिला पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर के नाम पर परेशान किया गया और कुछ नागरिकों तथा व्यापारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उनके इस रवैये से अपराध बढ़ा ही नहीं, बल्कि अत्याचार की चरम सीमा तक पहुंच गया।

उन्होंने आगे कहा कि कोई आवाज उठाता तो उसे धमकाया जाता। आईजी का कहना था कि उनकी फैमिली में आईएएस और विधायक हैं, इसलिए उन्हें कुछ नहीं होगा। इसी कारण उन्हें भ्रष्टाचार करने की शक्ति मिली। जब यह मामला उच्च अधिकारियों और मुख्यमंत्री के ध्यान में आया, तब उन्हें ट्रांसफर किया गया। ट्रांसफर के बाद भी उन्होंने एक व्यापारी को बुलाकर अपमानित किया और गालियां दी। इसके साथ ही उनके गनमैन ने पैसे ऐंठे, जिसकी सीसीटीवी और वॉयस रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि आईजी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए झूठा सुसाइड नोट तैयार किया और ईमानदार अफसरों को निशाना बनाया। पूरे हरियाणा में उन्होंने जातिगत भेदभाव फैलाकर सच्चे और मेहनती अधिकारियों को परेशान किया।

अंत में संदीप कुमार ने लिखा कि यह लड़ाई सच्चाई और ईमानदारी की है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सच्चाई हमेशा सामने आनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आईएएस पत्नी अपनी संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को छुपाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता। यह लड़ाई हमारे देश और समाज के लिए बेहद जरूरी है। भ्रष्ट और भ्रष्टाचारी लोग इस संघर्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि देशभक्ति हमारी रगों में कूट-कूटकर भरी है। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे कई लोग अपने जीवन की आहुति देंगे, लेकिन देश और सच्चाई कभी नहीं झुकेगी।

जानकारी के अनुसार, हरियाणा के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ में अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा था और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।

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