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दगा करे वो...शर्म आए मुझे..., हरियाणा के नए डीजीपी ने पद संभालते ही क्यों कही ये बड़ी बात?
Haryana New DGP: आईपीएस ओपी सिंह को हरियाणा का डीजीपी का एडिशनल चार्ज सौंपा गया है। पद संभालते ही नये डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए संदेश भरा पत्र जारी किया।
Haryana DGP OP Singh
Haryana DGP OP Singh Letter: हरियाणा में इन दिनों पुलिस महकमे में भूचाल मचा हुआ है। पहले वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन कुमार और फिर एएसआई संदीप लाठर के सुसाइड के बाद महकमा लगातार सवालों के घेरे में है। आईपीएस सुसाइड के बाद पूर्व डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया। वहीं अब आईपीएस ओपी सिंह को हरियाणा का डीजीपी का एडिशनल चार्ज सौंपा गया है।
पद संभालते ही नये डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए संदेश भरा पत्र जारी किया। पत्र में उन्होंने हिदायत देते हुए लिखा कि लोगों के बीच ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए कि शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पीए। प्रजातंत्र को आश्वासन है कि बकरी और शेर एक ही घाट का पानी पीएं। शेर को अपनी ताकत का अभिमान न हो और बकरी को भी अपनी कमजोरी पर कोई गिला न हो। पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह जनता के बीच इसे सुनिश्चित करे।
अपने व्यवहार और आचरण से दूसरों के लिए प्रेरणा बनें
नये डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र में आगे लिखा कि अपने व्यवहार और आचरण से दूसरों के लिए प्रेरणा बनें। इस बात को सभी को समझना होगा कि लोगों ने पीढ़ी दर पीढ़ी बहुत कुछ सहा है। उन सभी को आपसे संरक्षण, सहयोग और राहत की अपेक्षा है। डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र में कतील शिफाई के एक शेर का जिक्र भी किया है। उन्होंने लिखा कि वो मेरा दोस्त है, सारे जहां को है मालूम, दगा करे वो किसी से, तो शर्म आए मुझे।
डीजीपी ने पत्र में आगे लिखा कि हरियाणा पुलिस के साथियों, देश का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। प्राचीन काल में नदी घाटी सभ्यता होने के चलते हम सबसे समृद्ध थे। हमने सदियों गुलामी भी झेली। आजादी तो कुछ ही दशकों की बात है। लेकिन इस थोड़े समय में ही हम गरीबी, अशिक्षा और बीमारी से उबरने में कामयाब रहे। देश और राज्य ने निर्बाध उन्नति की। सुरक्षा बलों के हजारों साथियों ने प्राणों की आहुति भी दी। अकेले हरियाणा में अभी तक 84 साथी वीरगति को प्राप्त हो चुके है। मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।
छलावा और हिंसा प्रकृति के स्वभाव में है। उन्होंने आगे लिखा कि कुछ लोग कानूनी और सामाजिक करार को नहीं मानते। हमारा काम उन्हें रोकना है। मैं चाहता हूं कि अपने प्रतिदिन के कार्यों में आप राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को देखें। डीजीपी ने लिखा कि इतिहास के दौर ने जब राष्ट्र निमा्रण में अग्रणी भूमिका दी। मुझे विश्वास है कि आप इस पर खरे उतरेंगे। सही और गलत में हमेशा आप सही की ही रक्षा करेंगे। कीमत चाहे जो भी चुकानी पड़े।
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