हिमाचल में बरस रहा कुदरत का कहर, 'नेशनल हाईवे' से लेकर 'रेल सेवा' तक सब हुआ बंद, रेड अलर्ट जारी

हिमाचल में मूसलाधार बारिश से जनजीवन ठप, हाईवे बंद, 2000 वाहन फंसे और रेड अलर्ट जारी।

Harsh Srivastava
Published on: 2 Sept 2025 8:27 PM IST
हिमाचल में बरस रहा कुदरत का कहर, नेशनल हाईवे से लेकर रेल सेवा तक सब हुआ बंद, रेड अलर्ट जारी
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Himachal Heavy Rainfall: हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से ठप कर दिया है। मंगलवार को भी राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं। सड़कों से लेकर रेल सेवाओं तक, सब कुछ थम गया है। 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 1,334 सड़कें बंद हैं, जिससे हजारों लोग और पर्यटक फंसे हुए हैं। कुल्लू और मंडी में तो लगभग 2000 वाहन जहां-तहां अटक गए हैं। सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी है और मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है। यह सब देखकर ऐसा लगता है कि प्रकृति ने हिमाचल पर अपना सारा गुस्सा उतार दिया है।

सड़कों का हाल: 5 एनएच और 1,334 सड़कें ठप

पूरे हिमाचल में सड़कों का हाल बेहद खराब है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 1,334 सड़कें बंद हैं। सबसे ज्यादा सड़कें मंडी में (281), शिमला में (255) और चंबा में (239) बंद हैं। कुल्लू में NH-3 और NH-305, किन्नौर में NH-5 और मंडी में NH-3 जैसे प्रमुख राजमार्गों पर यातायात पूरी तरह से ठप है। सोलन जिले के सनवारा में शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग-5 के बंद होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। 'द ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले मंडी और कुल्लू में 2,000 से ज्यादा वाहन फंसे हैं।

किसान बेहाल, पर्यटक परेशान

इस आपदा का सबसे बुरा असर सेब उत्पादक किसानों पर पड़ा है। आंतरिक क्षेत्रों की सड़कें कई दिनों से बंद हैं, जिससे किसान अपनी फसल को बाजारों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। सेब, जो हिमाचल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, खराब हो रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। दूसरी तरफ, जो पर्यटक घूमने आए थे, वे भी फंस गए हैं। उनके पास न तो कहीं जाने का रास्ता है और न ही रहने-खाने की व्यवस्था।

रेल सेवा ठप, तीर्थयात्री फंसे

सड़कों के साथ-साथ रेल सेवाएं भी पूरी तरह से ठप हो गई हैं। शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के कारण ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और ये सेवाएं 5 सितंबर तक स्थगित रहेंगी। चंबा जिले में लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्री भी फंस गए हैं। उन्हें वापस लाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन खराब मौसम इसमें बाधा डाल रहा है। यह एक बड़ी त्रासदी है, क्योंकि 15 अगस्त को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।

बिजली-पानी गुल और बाढ़ का खतरा

भारी बारिश ने बिजली और पानी की आपूर्ति को भी प्रभावित किया है। पूरे राज्य में 2,180 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं, जिससे कई इलाकों में अंधेरा छा गया है। 777 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सिरमौर जिले में गिरी नदी और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बीबीएमबी ने भाखड़ा बांध के सभी चार फ्लड गेट खोल दिए हैं, ताकि डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में अचानक बाढ़ की स्थिति से बचा जा सके।

बर्फबारी की नई चुनौती

भारी बारिश के साथ-साथ राज्य के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी भी शुरू हो गई है। मनाली की ऊंची चोटियों पर और लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी के कुंजम जोत में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है। इससे तापमान में भारी गिरावट आई है। यह मौसम में एक और चौंकाने वाला बदलाव है, जो पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों के लिए एक नई चुनौती है।

आपदा प्रभावित राज्य घोषित: 340 मौतें, अरबों का नुकसान

मॉनसून सीजन में अब तक हिमाचल में 340 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 389 घायल हुए हैं। पूरे राज्य में 4,497 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 917 पूरी तरह से ढह गए हैं। सार्वजनिक संपत्ति को अब तक 3,525 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है। यह कदम राज्य के पुनर्निर्माण और प्रभावित लोगों की मदद के लिए आवश्यक है। मौसम विभाग ने 4 सितंबर से मॉनसून के कमजोर होने की संभावना जताई है, लेकिन इस आपदा से उबरने में हिमाचल को अभी लंबा समय लगेगा।

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Harsh Srivastava

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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