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अब नहीं बच पाएंगे दुश्मन! HAL ने दिया भारत को अपना राफेल,अमेरिका से लेकर चीन तक सब टेकेंगे घुटने
HAL Tejas Mk1A: अब तक राफेल को भारत की सबसे बड़ी ताकत माना गया, लेकिन आने वाला समय बताने वाला है कि ‘तेजस Mk1A’ सिर्फ एक विमान नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की उड़ान है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है ये फाइटर जेट, क्यों है ये खास, कितनी इसकी कीमत है और HAL कैसे बन रही है दुनिया की टॉप डिफेंस कंपनियों में एक।
HAL Tejas Mk1A
HAL Tejas Mk1A: कभी आसमान पर राज करना सिर्फ अमेरिका, रूस या फ्रांस जैसे देशों की पहचान मानी जाती थी। पर अब वो दौर जा चुका है जब भारत सिर्फ आयात करता था। अब भारत अपने दम पर लड़ाकू विमान बना रहा है वो भी ऐसे कि दुनिया की टॉप एयरफोर्सेज की नींद उड़ जाए। भारतीय वायुसेना को बहुत जल्द ऐसा ही एक एडवांस फाइटर जेट मिलने वाला है LCA Tejas Mk1A। इसे तैयार किया है भारत की डिफेंस रीढ़ मानी जाने वाली कंपनी Hindustan Aeronautics Limited (HAL) ने। अब तक राफेल को भारत की सबसे बड़ी ताकत माना गया, लेकिन आने वाला समय बताने वाला है कि ‘तेजस Mk1A’ सिर्फ एक विमान नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की उड़ान है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है ये फाइटर जेट, क्यों है ये खास, कितनी इसकी कीमत है और HAL कैसे बन रही है दुनिया की टॉप डिफेंस कंपनियों में एक।
क्या है LCA Tejas Mk1A?
LCA का मतलब है "Light Combat Aircraft", यानी हल्का लड़ाकू विमान। इसका पहला संस्करण "Tejas Mk1" भारतीय वायुसेना में पहले ही शामिल हो चुका है। लेकिन अब इसका अपग्रेडेड, ज्यादा शक्तिशाली और बेहद एडवांस वर्जन आने वाला है Tejas Mk1A। ये विमान सिर्फ वजन में हल्का है, लेकिन इसकी क्षमताएं भारी-भरकम हैं। Mk1A को विशेष रूप से मल्टी-रोल फाइटर के रूप में डिजाइन किया गया है यानी ये एक साथ कई मिशनों को अंजाम देने में सक्षम है जैसे एयर टू एयर कॉम्बैट, ग्राउंड अटैक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और यहां तक कि रीकॉन (जासूसी)। इसे HAL ने DRDO, ADA और भारतीय वायुसेना के सहयोग से विकसित किया है।
क्यों है Tejas Mk1A इतना खास?
Mk1A को मौजूदा Mk1 से 43 सुधारों के साथ अपग्रेड किया गया है। इनमें से सबसे प्रमुख हैं इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, उन्नत एवियोनिक्स, ऐसा AESA रडार सिस्टम जो हर मौसम में काम करे, और मिड-एयर री-फ्यूलिंग सिस्टम। इसमें इजरायली ELTA-2052 AESA रडार, जर्मन निर्मित फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, और भारतीय BEL द्वारा बनाए गए हाई-स्पीड डाटा लिंक जैसे अत्याधुनिक उपकरण हैं। साथ ही इसकी मेंटेनेंस कॉस्ट भी बहुत कम है, जिससे ये न सिर्फ दुश्मन को मात देता है, बल्कि देश के खजाने पर भी बोझ नहीं बनता।
क्या राफेल से टक्कर ले पाएगा Mk1A?
राफेल को दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट माना जाता है, लेकिन Mk1A को उससे पीछे समझना भूल होगी। भले ही राफेल दो इंजन वाला है और Mk1A सिंगल इंजन वाला, लेकिन टेक्नोलॉजी और टैक्टिकल इस्तेमाल के लिहाज से Mk1A बेहद उन्नत है। यह विमान भारतीय परिस्थितियों के अनुसार डिजाइन किया गया है और इसकी टेक्नोलॉजी भारत में ही विकसित की गई है। इसमें कई ऐसी खूबियां हैं जो राफेल में भी नहीं मिलतीं, जैसे कि पूरी तरह से डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल, स्वदेशी सॉफ़्टवेयर आधारित रडार कंट्रोल और कम विजिबिलिटी वाले एयरफ्रेम डिज़ाइन।
दुनिया क्यों हो रही है दीवानी इस स्वदेशी जेट की?
भारत में ही नहीं, दुनिया भर में Mk1A की मांग बढ़ रही है। अर्जेंटीना, मलेशिया, मिस्र और फिलीपींस जैसे देश* इस स्वदेशी जेट में गहरी दिलचस्पी दिखा चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कम लागत में हाई परफॉर्मेंस। जहां एक ओर अमेरिका और यूरोपियन फाइटर जेट्स की कीमत 500 करोड़ रुपये से ऊपर जाती है, वहीं Mk1A को HAL लगभग 320-350 करोड़ रुपये प्रति यूनिट में ऑफर कर रही है। इसका मतलब है कि यह विमान विकासशील देशों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनता जा रहा है।
कितने में बनेगा, कितने होंगे तैयार?
HAL को अब तक Mk1A के 83 यूनिट्स का ऑर्डर मिल चुका है, जिसकी कुल लागत 48,000 करोड़ रुपये है। हर साल लगभग 16-20 विमान डिलीवर किए जाएंगे। पहली डिलीवरी 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में होने की बात थी, लेकिन अब इसकी पुष्टि हो गई है कि 2025 के मध्य तक भारतीय वायुसेना को पहला Mk1A मिल जाएगा। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत को नया आयाम मिलेगा।
HAL: कैसे हुई शुरुआत, कहां पहुंची आज?
Hindustan Aeronautics Limited की स्थापना 1940 में हुई थी। तब इसे एक छोटी सी विमान मरम्मत फैक्ट्री के रूप में देखा जाता था। लेकिन आज HAL भारत की सबसे बड़ी एविएशन और डिफेंस कंपनी है। HAL न केवल फाइटर जेट बनाती है बल्कि हेलिकॉप्टर, ट्रेनर एयरक्राफ्ट, इंजन और डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय है। HAL की सबसे बड़ी उपलब्धियों में Dhruv हेलिकॉप्टर, Sukhoi-30MKI असेंबली, और अब Tejas Mk1A का निर्माण शामिल है। हाल ही में HAL ने रक्षा निर्यात में भी छलांग लगाई है। 2024-25 में HAL ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निर्यात समझौते किए हैं। इसका नाम अब दुनिया के बड़े डिफेंस प्रदर्शनों में गूंजने लगा है।
आत्मनिर्भर भारत की सबसे तेज उड़ान
Tejas Mk1A सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं है। ये आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। आज जब दुनिया में रक्षा क्षेत्र की होड़ मची है, तब भारत अपने बलबूते हाईटेक लड़ाकू विमान बना रहा है वो भी उस स्टैंडर्ड पर जिस पर अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देश भी नजरें गड़ाए बैठे हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके 70% से ज्यादा कंपोनेंट्स भारत में ही बने हैं। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में यह आंकड़ा 90% तक पहुंचे। इससे सिर्फ भारत की वायुसेना नहीं, बल्कि देश की डिफेंस इंडस्ट्री भी मजबूत होगी।
अब नहीं रुकेगा भारत
HAL की इस उपलब्धि ने साफ कर दिया है कि भारत अब डिफेंस तकनीक में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। LCA Tejas Mk1A भारत की इंजीनियरिंग, तकनीक, और आत्मविश्वास का ऐसा मेल है जो आने वाले समय में पूरी दुनिया को दिखाएगा कि भारत न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है, बल्कि तकनीकी महाशक्ति बनने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। अब भारत सिर्फ राफेल की ताकत नहीं दिखाएगा, बल्कि Mk1A की गर्जना से दुश्मनों को सोचने पर मजबूर कर देगा ये है नया भारत, जो अब सिर्फ उड़ता नहीं, गरजता भी है।
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