TRENDING TAGS :
इंडो-पैसिफिक में शांति और सुरक्षा के लिए भारत-जापान का ऐतिहासिक गठबंधन, सुरक्षा सहयोग पर हुआ करार
भारत-जापान ने टोक्यो में सुरक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर इंडो-पैसिफिक में शांति की नई राह खोली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टोक्यो दौरे के दौरान भारत और जापान ने सुरक्षा सहयोग को नए मुकाम पर पहुँचाने का ऐतिहासिक कदम उठाया। शुक्रवार को आयोजित 15वें वार्षिक भारत–जापान शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने सिक्योरिटी कोऑपरेशन पर संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जो इंडो–पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता, और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस घोषणा का उद्देश्य रक्षा संबंधों को मजबूत बनाना है। इसके तहत समुद्री सुरक्षा से लेकर साइबर खतरों तक आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों देशों के बीच एक नए ढांचे का निर्माण किया गया है। इस साझेदारी के अंतर्गत भारत और जापान तीनों सैन्य शाखाओं (थल, नौसेना, वायु) में संयुक्त अभ्यास बढ़ाएंगे, रक्षा तकनीक साझा करेंगे और उपकरणों के सह-निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएंगे।
उसी घोषणापत्र के माध्यम से नौसैनिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। जहां जहाजों की आपसी यात्रा, समुद्री मार्गों की सुरक्षात्मक निगरानी, और समुद्री डकैती जैसे अपराधों के खिलाफ कड़ा संयोजन शामिल होगा। इसके अलावा, सहयोग का विस्तार पारंपरिक रक्षा से आगे जाकर आतंकवाद विरोधी अभियानों, आपदा राहत, साइबर सुरक्षा, रक्षा अनुसंधान और आधुनिक उद्योगों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों तक किया गया है। दोनों देश नई और उभरती सुरक्षा चुनौतियों से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान का वादा भी कर चुके हैं।
विदेश मंत्रालय ने इस घोषणा को भारत–जापान संबंधों में एक नई स्थिति बताते हुए कहा कि यह साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त और शांतिपूर्ण इंडो–पैसिफिक की उनकी साझी कल्पना के अनुरूप है। यह समझौता यह भी सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच नियमित संवाद स्थायी तथा गहरा सहयोग बनाए रखने की क्षमता विकसित करे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने टोक्यो में मीडिया को बताया कि यह दस्तावेज़ दोनों देशों को समकालीन सुरक्षा चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए सक्षम बनाता है। उन्होंने सुरक्षा सहयोग को व्यापक रूप में परिभाषित करते हुए कहा, इसमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी कार्यवाहियों, रक्षा उद्योग, अनुसंधान एवं विकास और बहुपक्षीय मंचों में सुरक्षा सहयोग शामिल है। घोषणा में एक नया पहलू राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच संस्थागत संवाद भी है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!