भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा फैसला! पाकिस्तान हॉकी टीम को भारत में एंट्री, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद टूर्नामेंट में पहली भिड़ंत

India Pakistan hockey clash: केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की हॉकी टीम को अगले महीने भारत में होने वाले एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से रोका नहीं जाएगा।

Harsh Srivastava
Published on: 3 July 2025 4:38 PM IST
भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा फैसला! पाकिस्तान हॉकी टीम को भारत में एंट्री, ऑपरेशन सिंदूर के बाद टूर्नामेंट में पहली भिड़ंत
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India Pakistan hockey clash: भारत और पाकिस्तान के बीच महीनों से जारी तनाव और ऑपरेशन सिंदूर जैसी आक्रामक सैन्य कार्रवाइयों के बीच एक चौंकाने वाला फैसला सामने आया है। केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की हॉकी टीम को अगले महीने भारत में होने वाले एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से रोका नहीं जाएगा। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब दोनों देशों के रिश्तों में बर्फ की मोटी परत जमी हुई है और कूटनीतिक संवाद लगभग ठप पड़ा है। इस फैसले ने जहां खेल जगत में हलचल मचा दी है, वहीं सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक गलियारों में भी बहस शुरू हो गई है — क्या यह सिर्फ खेल है या पाक की मौजूदगी के पीछे कोई गहरी साजिश है?

राजगीर बनेगा अगला भारत-पाक रणभूमि?

हॉकी एशिया कप का आयोजन 27 अगस्त से 7 सितंबर तक बिहार के राजगीर में किया जाना है। भारत की ऐतिहासिक धरती पर, जो कभी मगध साम्राज्य की राजधानी रही, अब एशिया के दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी — भारत और पाकिस्तान — एक बार फिर आमने-सामने हो सकते हैं। पाकिस्तानी टीम की भागीदारी की पुष्टि के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने स्थानीय पुलिस से लेकर केंद्रीय एजेंसियों तक को हाई अलर्ट पर रखा है, क्योंकि "खेल के बहाने पाकिस्तान की टीम के कुछ सदस्य जासूसी गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं।"

‘खेल’ और ‘राजनीति’ की जंग

खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ सूत्र ने पीटीआई को बताया, "हम बहु-राष्ट्रीय टूर्नामेंट में किसी देश को रोकने के खिलाफ हैं। खेल में राजनीति नहीं होनी चाहिए। रूस और यूक्रेन युद्धरत हैं, लेकिन दोनों टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा लेती हैं।" लेकिन भारत-पाक संबंधों की पेचीदगियों में यह तर्क कितना टिकाऊ है? क्या यह फैसला अंतरराष्ट्रीय दबाव में लिया गया है? या भारत अपनी वैश्विक छवि को खेल के क्षेत्र में सकारात्मक बनाए रखना चाहता है? इस बीच यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह केवल बहु-राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए है, द्विपक्षीय भारत-पाक सीरीज को मंजूरी नहीं दी जाएगी। यानी खेल के नाम पर सीमाएं लांघी नहीं जाएंगी — मगर टूर्नामेंट में यदि आमना-सामना हुआ, तो मुकाबला जरूर होगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार, पाक को मंच मिला

इस साल की शुरुआत में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक नया मोड़ ला दिया था। भारत ने अपने सैनिकों की शहादत का बदला पाकिस्तान की सीमा के अंदर जाकर लिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच किसी भी आधिकारिक बातचीत की संभावनाएं शून्य हो गई थीं। अब ऐसे में पाकिस्तान को भारत में प्रवेश और प्रतिस्पर्धा का मौका देना कई सवाल खड़े कर रहा है — क्या यह खेल की आड़ में पाकिस्तान की सॉफ्ट पावर एंट्री है? क्या पाक सरकार इस मौके का इस्तेमाल अपने लिए कूटनीतिक लाभ लेने की कोशिश करेगी?

नवंबर-दिसंबर में जूनियर वर्ल्ड कप में भी एंट्री

खेल मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि पाकिस्तान की टीम को नवंबर-दिसंबर में होने वाले जूनियर हॉकी विश्व कप में भी भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। यानी भारत अब खेल के मोर्चे पर पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए "स्पोर्ट्समैनशिप" दिखाना चाहता है। लेकिन सवाल अब भी वही है — क्या पाकिस्तान भी वही भावना रखता है? या ये सिर्फ एक मोर्चा है, जहां से पाकिस्तान भविष्य की ‘खेल कूटनीति’ को हथियार बनाने की योजना बना रहा है?

खेल में जंग का साया, भारत को रहना होगा सतर्क

भारत सरकार भले ही खेल को राजनीति से अलग रखने की कोशिश कर रही हो, लेकिन पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का मंच साझा करना हर बार संवेदनशील रहा है। एशिया कप में अगर भारत और पाकिस्तान का मुकाबला होता है, तो यह सिर्फ दो टीमों की भिड़ंत नहीं होगी — यह दो देशों की अस्मिता, सुरक्षा और रणनीति का भी इम्तिहान होगा और यही वजह है कि जब हॉकी की गेंद मैदान पर चलेगी, तो हर पास और हर गोल सिर्फ स्कोर नहीं — बल्कि संदेश होगा… पूरी दुनिया के लिए।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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