India Pakistan News: विराम समझौते के बाद भी भारत ने पाकिस्तान पर बनाए रखीं कड़ी पाबंदियाँ

India Pakistan War Update: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौते के बाद भी भारत, पाकिस्तान पर लागू कड़े प्रतिबंधों को जारी रखेगा और सैन्य कार्रवाई बंद होने के बावजूद ये यथावत बनी रहेंगी।

Neel Mani Lal
Published on: 14 May 2025 1:07 PM IST
India Pakistan War Update Ceasefire Agreement
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India Pakistan War Update Ceasefire Agreement (Image Credit-Social Media)

India Pakistan War Update: 10 मई 2025 को अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षविराम समझौते के बाद, जिसमें चार दिनों तक चली सैन्य झड़पें समाप्त हुईं, भारत ने पाकिस्तान पर लागू कड़े प्रतिबंधों को जारी रखने की पुष्टि की है। ये पाबंदियाँ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लागू की गई थीं और सैन्य कार्रवाई बंद होने के बावजूद ये यथावत बनी रहेंगी। आर्थिक, कूटनीतिक और रणनीतिक क्षेत्रों को लक्षित ये प्रतिबंध भारत के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख और इस्लामाबाद पर दबाव बनाए रखने के इरादे को दर्शाते हैं।

लागू प्रतिबंध

1. सिंधु जल संधि (IWT) का निलंबन:

भारत ने 23 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया था। पाकिस्तान ने इस निर्णय को “शत्रुतापूर्ण कार्य” करार दिया था। 1960 में हस्ताक्षरित यह संधि छह नदियों—जिसमें सिंधु भी शामिल है—के जल बंटवारे को नियंत्रित करती है, जो पाकिस्तान की कृषि के लिए जीवनरेखा हैं।


यह क्षेत्र पाकिस्तान के कुल कार्यबल का 40% रोजगार देता है और उसकी जीडीपी में 24% योगदान करता है। इस संधि के निलंबन से जल प्रवाह बाधित हुआ है, जिससे खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है। सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि IWT का निलंबन यथावत रहेगा, जो भारत की जल शक्ति को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की मंशा दर्शाता है।

2. व्यापार प्रतिबंध:


भारत ने पाकिस्तान से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के आयात-निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें सभी डाक सेवाओं को निलंबित करना और पाकिस्तान से आने वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश से रोकना शामिल है। इस व्यापार प्रतिबंध से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है और बाजारों में अभूतपूर्व महंगाई की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

3. हवाई क्षेत्र प्रतिबंध:


भारत ने पाकिस्तान से उड़ान भरने वाली सभी एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की विमानन कनेक्टिविटी पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। पाकिस्तान ने संघर्षविराम के बाद अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है, परंतु भारत के प्रतिबंध अभी भी लागू हैं, जिससे पाकिस्तान की वाणिज्यिक उड़ानें और क्षेत्रीय लॉजिस्टिक्स बाधित हो रही हैं।

4. वीजा और राजनयिक पाबंदियाँ:


भारत ने पाकिस्तान के सभी वीजा—दीर्घकालिक, राजनयिक और चिकित्सा वीजा को छोड़कर—29 अप्रैल 2025 तक के लिए रद्द कर दिया था। SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के अंतर्गत आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया था। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तानी राजनयिकों और रक्षा अधिकारियों को निष्कासित कर दिया गया, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध और तनावपूर्ण हो गए। ये सभी प्रतिबंध अभी भी प्रभाव में हैं और इन्हें हटाने की कोई समयसीमा घोषित नहीं की गई है।

5. डिजिटल और संचार पाबंदियाँ:


भारत पाकिस्तानी आईपी पते और वेबसाइटों को ब्लॉक करने पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान से संचालित सोशल मीडिया खातों को भी निलंबित किया गया है। संघर्ष के दौरान 8,000 से अधिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट्स को हटाया गया, जो कथित तौर पर गलत सूचना फैला रहे थे। ये डिजिटल प्रतिबंध भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति का हिस्सा बने रहेंगे।

6. आर्थिक और वित्तीय दबाव:


हालांकि आधिकारिक बयानों में वित्तीय प्रतिबंधों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन एक्स पर साझा की गई सूचनाओं से संकेत मिलता है कि भारत पाकिस्तान पर वित्तीय लेन-देन और बैंकिंग प्रणाली को लक्षित करते हुए दबाव बना रहा है। इन उपायों का उद्देश्य पाकिस्तान की पहले से ही चरमराती अर्थव्यवस्था को और संकट में डालना है, जो बढ़ते सार्वजनिक ऋण और गिरते जीवन स्तर से जूझ रही है।

रणनीतिक प्रभाव

भारत द्वारा प्रतिबंधों को जारी रखने का निर्णय उसके सुरक्षा सिद्धांत में हुए एक रणनीतिक परिवर्तन को दर्शाता है, जिसकी घोषणा 10 मई 2025 को की गई थी। तब अधिकारियों ने कहा था कि भविष्य में यदि कोई आतंकवादी हमला होता है, तो उसे “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा। यह नीति, और इसके साथ-साथ दंडात्मक उपायों का जारी रहना, पाकिस्तान पर निरंतर दबाव बनाए रखने की भारत की रणनीति को स्पष्ट करता है, भले ही संघर्षविराम लागू हो गया हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को आदमपुर एयरबेस पर दिए एक संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई में “नया सामान्य” करार दिया और चेताया कि पाकिस्तान से आने वाले किसी भी खतरे पर निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

विशेष रूप से IWT के निलंबन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने उम्मीद जताई है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संधि की स्थिति पर हस्तक्षेप करेगा, जबकि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने व्यापक संघर्षविराम और पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कोशिशों को समर्थन देने की बात कही है।

निष्कर्ष

भारत का अडिग रुख और पाकिस्तान की आर्थिक कमजोरियाँ मिलकर रणनीतिक मोर्चे पर एक लंबी खींचतान का संकेत देती हैं। अमेरिका और चीन जैसे वैश्विक शक्तियाँ संभवतः हालात को और अधिक बिगड़ने से रोकने में भूमिका निभा सकती हैं, पर भारत का मध्यस्थता से इनकार राजनयिक प्रयासों को कठिन बना रहा है। फिलहाल संघर्षविराम बना हुआ है, पर सख्त प्रतिबंध यह सुनिश्चित करते हैं कि पाकिस्तान पर दबाव बना रहे।

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