इंडिया पोस्ट की प्रतीकात्मक रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा बंद, 1 सितंबर 2025 से स्पीड पोस्ट में होगी विलय

India Posts : इंडिया पोस्ट 1 सितंबर 2025 से नई संयुक्त सेवा लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।

Newstrack Desk
Published on: 4 Aug 2025 3:02 PM IST
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India Posts (Image Credit-Social Media)

India Post: भारत की ऐतिहासिक रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को अब अलविदा कहने का समय आ गया है। इंडिया पोस्ट ने घोषणा की है कि 171 साल पुरानी यह सेवा 1 सितंबर 2025 से अलग अस्तित्व में नहीं रहेगी और इसे पूरी तरह स्पीड पोस्ट में मिला दिया जाएगा। 1854 में ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू हुई यह सेवा भारतीय डाक प्रणाली की नींव रही है। घटती मांग और परिचालन दक्षता की जरूरत को देखते हुए लिया गया यह फैसला नॉस्टैल्जिया और ग्रामीण भारत में वहनीयता को लेकर चिंताओं को जन्म दे रहा है।

विश्वास और परंपरा की धरोहर

एक सदी से भी अधिक समय तक रजिस्टर्ड पोस्ट विश्वसनीयता, सुलभता और औपचारिक गरिमा का प्रतीक रही। इसे अक्सर नौकरी के नियुक्ति पत्र, कानूनी नोटिस, सरकारी पत्राचार और भावनात्मक महत्व रखने वाले निजी पत्र भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। ग्रामीण भारत में जब डाकिया रजिस्टर्ड लेटर लेकर पहुंचता और हस्ताक्षर लेकर ही पत्र सौंपता, तो वह क्षण उत्सुकता और सम्मान से भरा होता था। यह कई बार परीक्षा परिणाम, सैन्य बुलावा पत्र या जीवन बदल देने वाली खबर का संदेशवाहक होता था।

रजिस्टर्ड पोस्ट की शुरुआत 1854 में लॉर्ड डलहौजी द्वारा लागू इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट के तहत हुई थी। इसने महत्वपूर्ण दस्तावेजों और सामान को सुरक्षित व ट्रैक योग्य तरीके से भेजने का माध्यम प्रदान किया।

इसकी सुलभता—25.96 रुपये से प्रारंभिक शुल्क और हर 20 ग्राम पर 5 रुपये अतिरिक्त—ने इसे लाखों लोगों, खासकर छोटे व्यापारियों, किसानों और दूरदराज़ क्षेत्रों के लोगों की पहली पसंद बनाया। इसकी “एक्नॉलेजमेंट ड्यू” सुविधा कानूनी और सरकारी पत्राचार के लिए डिलीवरी का प्रमाण देती थी, जिससे भरोसा और मजबूत होता था।

बंद होने के कारण

रजिस्टर्ड पोस्ट को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का मुख्य कारण इसके उपयोग में तेज गिरावट है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 में 244.4 मिलियन रजिस्टर्ड आइटम्स की तुलना में 2019-20 में यह घटकर 184.6 मिलियन रह गया। इस कमी के पीछे डिजिटल संचार का प्रसार, निजी कुरियर सेवाओं की प्रतिस्पर्धा और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स का बढ़ता प्रभाव प्रमुख कारण हैं।

डाक विभाग ने 2 जुलाई 2025 को जारी अपने आंतरिक परिपत्र में कहा कि “परिचालन को सुव्यवस्थित करने, बेहतर ट्रैकिंग और ग्राहक सुविधा” के लिए रजिस्टर्ड पोस्ट को 1986 में शुरू हुई स्पीड पोस्ट सेवा में मिला दिया जाएगा, जो तेज़ डिलीवरी और रीयल-टाइम ट्रैकिंग के लिए जानी जाती है।

हालाँकि, इस बदलाव ने वहनीयता को लेकर चिंता पैदा की है, क्योंकि स्पीड पोस्ट की शुरुआती फीस 50 ग्राम तक 41 रुपये है, जो रजिस्टर्ड पोस्ट की तुलना में लगभग 20-25% अधिक है।

आधुनिकीकरण बनाम विरासत

इंडिया पोस्ट 1 सितंबर 2025 से नई संयुक्त सेवा लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि स्पीड पोस्ट की तेज़ डिलीवरी और आधुनिक ट्रैकिंग डिजिटल युग की जरूरतों को पूरा करेगी।

फिर भी, यह सवाल बना हुआ है कि क्या यह सेवा विश्वसनीयता और सुलभता के उसी स्तर को दोहरा पाएगी, जिसने रजिस्टर्ड पोस्ट को घर-घर का नाम बना दिया था।

डाक विभाग ने छोटे व्यवसायों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए 15 रुपये का पार्सल सर्विस जैसी पहल भी शुरू की है, ताकि आधुनिक जरूरतों के साथ-साथ अपनी सार्वजनिक सेवा की भूमिका को बनाए रखा जा सके।

भारत जब इस प्रिय डाक परंपरा को विदाई दे रहा है, तब रजिस्टर्ड पोस्ट का स्पीड पोस्ट में विलय आधुनिकीकरण और विरासत के बीच तनाव को दर्शाता है।

लाखों लोगों के लिए यह केवल एक सेवा का अंत नहीं, बल्कि उस सांस्कृतिक संस्था का विलुप्त होना है, जिसने कभी पूरे देश को भावनाओं और दस्तावेजों के धागे में जोड़े रखा था।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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